History of Korea: कोरिया, जो कभी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध था, आज दो अलग-अलग देशों, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया में विभाजित है (North Korea vs South Korea)। इस विभाजन की कहानी द्वितीय विश्व युद्ध और शीत युद्ध के दौरान हुई भू-राजनीतिक घटनाओं से जुड़ी हुई है। एक समय था जब कोरिया एकजुट था, लेकिन 20वीं सदी में वैश्विक शक्तियों के संघर्ष ने इसे बुरी तरह प्रभावित किया।
प्राचीन इतिहास और औपनिवेशिक युग- History of Korea
कोरिया का इतिहास 5,000 साल से भी ज़्यादा पुराना है, जिसमें कई प्राचीन साम्राज्यों ने अपनी छाप छोड़ी है। गोगुरियो, शिला और बैक्जे जैसे साम्राज्यों ने इस क्षेत्र में एक समृद्ध सभ्यता की नींव रखी। इन साम्राज्यों ने न केवल राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि कोरिया के धार्मिक और दार्शनिक जीवन को भी प्रभावित किया।
समय के साथ, कोरिया एकीकृत हो गया और जोसियन राजवंश (1392-1900) ने इस क्षेत्र पर शासन किया। जोसियन राजवंश ने न केवल कोरिया की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध किया, बल्कि यह साम्राज्य 20वीं सदी की शुरुआत तक कोरिया की मुख्य शासक शक्ति था। इस राजवंश के दौरान कोरिया ने अपनी कला, साहित्य और विज्ञान में उल्लेखनीय प्रगति की।
जापानी उपनिवेश
लेकिन 20वीं सदी की शुरुआत में कोरिया (North Korea History) में संकटों का एक नया दौर शुरू हुआ। जापान की विस्तारवादी नीतियों ने कोरिया को अपनी प्रमुख राजनीति और सैन्य शक्ति के अधीन कर दिया। 1910 में जापान ने औपचारिक रूप से कोरिया को गुलाम बना लिया। इस गुलामी के दौरान जापान ने कोरियाई संस्कृति, भाषा और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला। कोरियाई लोग अपनी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते रहे, लेकिन जापान की अधीनता में उनका यह सपना साकार नहीं हो सका।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान की हार के बाद कोरिया ने स्वतंत्रता तो हासिल कर ली, लेकिन उसे एक नए संकट का सामना करना पड़ा।
द्वितीय विश्व युद्ध और कोरिया का विभाजन
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान ने हार मान ली और कोरिया को स्वतंत्रता मिल गई, लेकिन इस स्वतंत्रता का सपना जल्द ही टूट गया। 1945 में युद्ध समाप्त होने के बाद, संयुक्त राष्ट्र के आदेश पर कोरिया को सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच विभाजित कर दिया गया। कोरिया का उत्तरी भाग सोवियत प्रभाव क्षेत्र में और दक्षिणी भाग अमेरिकी प्रभाव क्षेत्र में आ गया।
इस विभाजन का परिणाम यह हुआ कि दो अलग-अलग शासन स्थापित हुए – उत्तर में साम्यवादी शासन और दक्षिण में पूंजीवादी लोकतंत्र। यह विभाजन जल्द ही एक ठोस और स्थायी संघर्ष में बदल गया और कोरियाई युद्ध (1950-1953) शुरू हुआ। इस युद्ध के बाद, दोनों कोरियाई राज्यों के बीच तनाव बना रहा, जो आज भी जारी है।
विभाजन के बाद का घटनाक्रम
उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया ने आत्मनिर्भरता और दमनकारी शासन को अपनाया। देश पर किम इल-सुंग और उनके परिवार का शासन था। उत्तर कोरिया पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना यह कहकर की गई है कि वह एक सैन्य-प्रधान देश है जिसकी अर्थव्यवस्था सीमित है।
दक्षिण कोरिया
दूसरी ओर, दक्षिण कोरिया ने लोकतंत्र, खुली अर्थव्यवस्था और तकनीकी उन्नति के क्षेत्रों में प्रगति की है। यह देश अब अपने व्यवसाय (सैमसंग, एलजी) और संस्कृति (के-पॉप, के-ड्रामा) के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
आज का कोरिया
वर्तमान में, उत्तर और दक्षिण कोरिया (South Korea History) का अस्तित्व पूरी दुनिया में एक बेजोड़ उदाहरण बन गया है, जो दर्शाता है कि युद्ध, उपनिवेशवाद और राजनीतिक विचारधाराओं के कारण एक राष्ट्र किस तरह से विभाजन का शिकार हो सकता है। दक्षिण कोरिया आज एक तकनीकी और आर्थिक महाशक्ति बन गया है, जबकि उत्तर कोरिया सख्त तानाशाही शासन के तहत रह रहा है।
इस प्रकार, कोरिया का विभाजन न केवल उसके इतिहास का एक दुखद अध्याय है, बल्कि वैश्विक राजनीति और सत्ता संघर्ष का भी हिस्सा बन गया, जिसकी गूँज आज भी सुनाई देती है।