Top 10 Gurudwara in Bihar: भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का प्रतीक बिहार अपने गुरुद्वारों के लिए भी प्रसिद्ध है। यह राज्य सिख धर्म की ऐतिहासिक परंपराओं और आध्यात्मिक स्थलों का केंद्र है। बिहार में कई प्रतिष्ठित गुरुद्वारे हैं, जिनका न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी है। यहां आने वाले श्रद्धालु न केवल भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं बल्कि सिख संस्कृति और परंपराओं में भी डूब जाते हैं।
बिहार के ये गुरुद्वारे न केवल सिख समुदाय के लिए, बल्कि हर धर्म के लोगों के लिए शांति और भक्ति के केंद्र हैं। अक्टूबर से फरवरी के बीच इन स्थलों की यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त समय है। आइए बिहार के इन 10 प्रमुख गुरुद्वारों के बारे में जानते हैं:
गुरुद्वारा श्री गायघाट (सादिकपुर) – Top 10 Gurudwara in Bihar
गंगा नदी के किनारे स्थित यह गुरुद्वारा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण माहौल के लिए जाना जाता है। गुरु नानक देव जी ने अपनी पहली उदासी (यात्रा) के दौरान यहां प्रवास किया था। बहती गंगा की ध्वनि और सुरम्य वातावरण इसे श्रद्धालुओं के लिए एक आदर्श स्थल बनाते हैं। यहां पर नियमित कीर्तन और लंगर का आयोजन होता है।
- खुलने का समय: 24 घंटे
- निकटतम बस स्टेशन: गायघाट बस स्टैंड
- निकटवर्ती स्थान: गांधी मैदान, गोलघर
गुरुद्वारा संगत सोनार टोली पटना साहिब (सादिकपुर)
गुरु नानक देव जी की यात्रा से जुड़ा यह गुरुद्वारा सिख इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है। इसका सुनहरा अग्रभाग इसे एक अद्वितीय पहचान देता है। यहां के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण यह सिख तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
- खुलने का समय: सुबह 4:00 बजे से रात 10:00 बजे
- निकटतम बस स्टेशन: मंगल तालाब बस स्टैंड
- निकटवर्ती स्थान: कंगन घाट, पादरी की हवेली
तख्त श्री हरिमंदिर साहिब (हाजीगंज)
सिख धर्म के पांच प्रमुख तख्तों में से एक, यह गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मस्थली है। इसकी भव्य वास्तुकला और शांत वातावरण इसे धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व प्रदान करते हैं। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन करते हैं।
- खुलने का समय: सुबह 2:30 बजे से शाम 8:00 बजे
- निकटतम बस स्टेशन: पटना सिटी चौक बस स्टैंड
- निकटवर्ती स्थान: मंगल तालाब, शहीद स्मारक
गुरुद्वारा गोबिंद घाट (हाजीगंज)
गंगा नदी के तट पर स्थित यह गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी को समर्पित है। यहां का शांत और आध्यात्मिक माहौल ध्यान और प्रार्थना के लिए उपयुक्त है। यह गुरुद्वारा सिख इतिहास और संस्कृति में गहरा महत्व रखता है।
- खुलने का समय: 24 घंटे
- निकटतम बस स्टेशन: मंगल तालाब बस स्टैंड
- निकटवर्ती स्थान: खाजेकलां घाट, गंगा रिवरफ्रंट
गुरुद्वारा बाल लीला मैनी (हाजीगंज)
यह गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी के बचपन की लीलाओं से जुड़ा है। यहां सिख परंपराओं और इतिहास को संरक्षित रखा गया है। इसका शांतिपूर्ण वातावरण और ऐतिहासिक महत्व इसे श्रद्धालुओं के लिए विशेष बनाते हैं।
- खुलने का समय: 24 घंटे
- निकटतम बस स्टेशन: मंगल तालाब बस स्टैंड
- निकटवर्ती स्थान: जालान संग्रहालय, पत्थर घाट
गुरुद्वारा गुरु का बाग (बेगमपुर)
बेगमपुर स्थित यह गुरुद्वारा सिख धर्म के अनुयायियों के लिए एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल है। यहां का शांत वातावरण और सुंदरता श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। यह स्थान गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाओं और संदेशों से जुड़ा है।
- खुलने का समय: सुबह 4:00 बजे से रात 10:00 बजे
- निकटतम बस स्टेशन: घोघरडीहा बस स्टैंड
- निकटवर्ती स्थान: प्रकाश पुंज, हैबतजंग मकबरा
गुरुद्वारा हांडी साहिब (निजामत)
यह गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर जी की यात्रा से जुड़ा हुआ है। इसका ऐतिहासिक महत्व और सिख समुदाय के लिए इसका योगदान इसे अद्वितीय बनाते हैं। यहां पर नियमित लंगर और कीर्तन का आयोजन होता है।
- खुलने का समय: 24 घंटे
- निकटतम बस स्टेशन: दीघा घाट बस स्टैंड
- निकटवर्ती स्थान: पटना संग्रहालय, तख्त श्री हरिमंदिर साहिब
गया स्थित विष्णुपद गुरुद्वारा
बिहार के गया जिले में स्थित विष्णुपद गुरुद्वारा न केवल सिख समुदाय के लिए, बल्कि सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए आस्था और श्रद्धा का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह गुरुद्वारा सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी के उदासी (धार्मिक यात्रा) के दौरान उनके प्रवास का साक्षी है। करीब 700 साल पहले, गुरु नानक देव जी अपने उदासी के समय गया आए थे। उन्होंने यहां विष्णुपद मंदिर के पास स्थित इस पवित्र स्थल पर कई दिनों तक प्रवास किया। यह स्थल सिख धर्म के इतिहास में उनके महत्वपूर्ण ठहरावों में से एक है।
यह गुरुद्वारा विष्णुपद मंदिर से कुछ ही मीटर की दूरी पर देवघाट के पास स्थित है। यह स्थान धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
गुरुद्वारा श्री बड़ी संगत साहिब
गुरुद्वारा श्री बड़ी संगत साहिब, भागलपुर, सिख धर्म की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह स्थान न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि सिख धर्म के अद्भुत इतिहास की झलक भी दिखाता है। बिहार की धार्मिक धरोहरों में यह गुरुद्वारा अपनी खास जगह रखता है।
यह गुरुद्वारा गुरु नानक देव जी और गुरु तेग बहादुर जी की यात्रा से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि इन महान गुरुओं ने अपनी बिहार यात्रा के दौरान इस स्थान पर प्रवास किया था। उनकी शिक्षाओं और उपदेशों ने इस स्थान को पवित्रता और धार्मिक महत्व प्रदान किया।
गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब, छपरा
गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब न केवल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए प्रेरणा और श्रद्धा का स्थान है। यह पवित्र स्थल गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं को जीवित रखने और समाज में सद्भाव और करुणा का संदेश फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
पटना के गुरुद्वारे न केवल सिख धर्म की धार्मिक परंपराओं को संरक्षित करते हैं, बल्कि इनका ऐतिहासिक महत्व भी अद्वितीय है। तख्त श्री हरिमंदिर साहिब जैसे स्थल सिख धर्म के इतिहास और संस्कृति का प्रतीक हैं।