हरियाणा की राजनीति (Haryana political history) में कुछ ऐसे प्रमुख परिवार और नेता रहे हैं, जिन्होंने दशकों तक राज्य की राजनीति पर अपना प्रभाव बनाए रखा है। हरियाणा के गठन (1966) के बाद से ही ये नेता और उनके परिवार राज्य की राजनीति में अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं। हरियाणा में लंबे समय तक सत्ता पर काबिज रहने वाले इन परिवारों की पहचान राजनीतिक परिवारों के तौर पर होती है। आज हम उन पांच प्रमुख नेताओं (Prominent leaders of Haryana) और उनके परिवारों के बारे में जानेंगे जिन्होंने 58 सालों में से 53 सालों तक हरियाणा की राजनीति पर अपना दबदबा बनाए रखा। ये पांच नेता हैं- बंसी लाल, देवी लाल, भजन लाल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राव बीरेंद्र सिंह।
देवी लाल और चौटाला परिवार- Tau Devi Lal
देवी लाल हरियाणा के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक थे, जिन्हें “ताऊ” कहा जाता था। वह राज्य के दो बार मुख्यमंत्री रहे और उप प्रधानमंत्री भी बने। वहीं, उनके बेटे ओम प्रकाश चौटाला ने भी हरियाणा की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कई बार मुख्यमंत्री बने। चौटाला परिवार की राजनीतिक पार्टी इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) हरियाणा की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों में से एक है। चौटाला परिवार का हरियाणा की राजनीति में बहुत गहरा प्रभाव रहा है और अब उनके बेटे दुष्यंत चौटाला भी राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं, जो हरियाणा के उपमुख्यमंत्री हैं।
देवी लाल कब-कब रहे मुख्यमंत्री (Devi Lal)
उनका पहला कार्यकाल 21 जून 1977 – 28 जून 1979 तक रहा था। देवी लाल ने 1977 में मुख्यमंत्री के रूप में अपना पहला कार्यकाल शुरू किया। उस समय भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता पार्टी का गठबंधन था, और उन्होंने जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। देवी लाल का दूसरा कार्यकाल 17 दिसंबर 1989 – 2 मई 1990 तक रहा था। उनका दूसरा कार्यकाल जनता दल के मुख्यमंत्री के रूप में था। हालांकि यह कार्यकाल छोटा रहा, लेकिन देवी लाल हरियाणा के इतिहास में महत्वपूर्ण नेता बने रहे।
ओम प्रकाश चौटाला कब-कब रहे मुख्यमंत्री (Om Prakash Chautala)
उनका पहला कार्यकाल 2 दिसंबर 1989 – 22 मई 1990 तक रहा। चौटाला ने अपने पिता देवी लाल के बाद मुख्यमंत्री पद संभाला, लेकिन उनका कार्यकाल कुछ महीनों तक ही सीमित रहा। इसके बाद उनका दूसरा कार्यकाल 12 जुलाई 1990 – 17 जुलाई 1990 तक रहा। उनका यह कार्यकाल बेहद छोटा था, केवल 5 दिन तक चला। उनका तीसरा कार्यकाल 22 मार्च 1991 – 6 अप्रैल 1991 तक रहा था। यह भी एक छोटा कार्यकाल था, लेकिन चौटाला का राजनीतिक दबदबा बना रहा।
मुख्यमंत्री पद पर उनका चौथा कार्यकाल 24 जुलाई 1999 – 4 मार्च 2005 तक रहा यह उनका सबसे लंबा और सबसे महत्वपूर्ण कार्यकाल था, जिसमें उन्होंने हरियाणा की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला। चौटाला ने इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) के नेतृत्व में शासन किया।
भजन लाल और उनका परिवार
भजन लाल हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और राज्य की राजनीति में लंबे समय तक सक्रिय रहे। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे। उनके बेटे चंद्रमोहन और कुलदीप बिश्नोई भी राजनीति में सक्रिय रहे हैं। भजन लाल का परिवार हरियाणा की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।
भजन लाल कब-कब रहे मुख्यमंत्री (Bhajan Lal)
भजन लाल का पहला कार्यकाल 28 जून 1979 – 5 जुलाई 1986 तक रहा। भजन लाल ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्यमंत्री के रूप में अपना पहला कार्यकाल शुरू किया। यह कार्यकाल हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में सबसे लंबा कार्यकालों में से एक था। उनके शासन के दौरान हरियाणा में कई महत्वपूर्ण विकास योजनाओं को लागू किया गया। उनका दूसरा कार्यकाल 23 जुलाई 1991 – 11 मई 1996 तक चला।
बंसीलाल और उनका परिवार
बंसीलाल हरियाणा के प्रमुख नेताओं में से एक थे, जो कई बार मुख्यमंत्री रहे। उन्हें हरियाणा के विकास और आधारभूत संरचना को मजबूत करने का श्रेय दिया जाता है। उनके बेटे सुरेंद्र सिंह और बेटी किरण चौधरी भी हरियाणा की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। बंसीलाल ने अपनी खुद की पार्टी ह्रदय प्रदेश विकास पार्टी बनाई, जो बाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में विलय हो गई।
बंसीलाल कब-कब रहे मुख्यमंत्री (Bansi Lal)
उनका पहला कार्यकाल 22 मई 1968 – 30 नवंबर 1975 तक रहा। बंसीलाल हरियाणा के प्रमुख नेताओं में से एक थे, जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तहत अपना पहला लंबा कार्यकाल पूरा किया। उनके कार्यकाल में राज्य की आधारभूत संरचना और विकास कार्यों में तेजी आई। वहीं उनका दूसरा कार्यकाल 5 जुलाई 1986 – 19 जून 1987 तक रहा। उनका दूसरा कार्यकाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तहत था। हालांकि यह कार्यकाल छोटा रहा, लेकिन वह हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण चेहरा बने रहे।
वहीं बंसीलाल का तीसरा कार्यकाल 11 मई 1996 – 23 जुलाई 1999 तक रहा। उन्होंने हरियाणा विकास पार्टी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री का तीसरा कार्यकाल संभाला। इस दौरान बंसीलाल ने हरियाणा में बिजली और जल संसाधनों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए।
राव बीरेंद्र सिंह और उनका परिवार
राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के प्रारंभिक दिनों के प्रमुख नेताओं में से एक थे और हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री बने। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े थे। उनके बेटे राव इंद्रजीत सिंह भी हरियाणा की राजनीति में सक्रिय रहे और विभिन्न पदों पर आसीन रहे। राव इंद्रजीत सिंह केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और हरियाणा के गुड़गांव क्षेत्र से उनका प्रभाव काफी महत्वपूर्ण रहा है।
राव बीरेंद्र सिंह कब-कब रहे मुख्यमंत्री (Rao Birendra)
राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने 1967 में मुख्यमंत्री का पद संभाला था। हालांकि उनका कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं रहा, लेकिन उनके बेटे राव इंद्रजीत सिंह भी राजनीति में सक्रिय हैं और केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
हुड्डा परिवार
भूपिंदर सिंह हुड्डा हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता हैं। उन्होंने राज्य की राजनीति में एक मजबूत पकड़ बनाई। उनके पिता रणबीर सिंह हुड्डा स्वतंत्रता सेनानी और संविधान सभा के सदस्य थे, जिन्होंने हरियाणा की राजनीति में प्रारंभिक योगदान दिया। हुड्डा परिवार हरियाणा की राजनीति में एक शक्तिशाली परिवार है और भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी हरियाणा की राजनीति और संसद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।
भूपिंदर सिंह हुड्डा कब-कब रहे मुख्यमंत्री (Bhupinder Singh Hooda)
भूपिंदर सिंह हुड्डा का पहला कार्यकाल 5 मार्च 2005 – 25 अक्टूबर 2009 तक चला। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान हरियाणा में आर्थिक सुधारों और विकास योजनाओं को लागू किया। उनका नेतृत्व हरियाणा में विकास और उद्योग क्षेत्र में प्रगति के लिए जाना जाता है। उनका दूसरा कार्यकाल 25 अक्टूबर 2009 – 19 अक्टूबर 2014 तक रहा।उनके दूसरे कार्यकाल में भी राज्य में निवेश और बुनियादी ढांचा विकास पर जोर दिया गया। हुड्डा परिवार का हरियाणा की राजनीति में प्रभाव आज भी बना हुआ है।