Sikhism in Dubai: दुबई, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के सात अमीरात में से एक है और यह अरब प्रायद्वीप के उत्तर-मध्य भाग में स्थित है। यह आबादी के हिसाब से सबसे बड़ा और क्षेत्रफल के हिसाब से अबू धाबी के बाद दूसरा सबसे बड़ा अमीरात है। दुबई ने रियल एस्टेट, खेल आयोजन और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के माध्यम से विश्व स्तर पर पहचान बनाई है। हालांकि, इसकी वैश्विक व्यापारिक हब के रूप में उभरने की प्रक्रिया के साथ-साथ प्रवासी श्रमिकों से जुड़े मानवाधिकार मुद्दे भी सामने आए हैं। इतना ही नहीं दुबई में इस्लामिक धर्मों के अलावा दूसरे धर्मों को भी पूरा सम्मान दिया जाता है। वहां के सिख धर्म को ही देख लीजिए। दुबई में सिख धर्म खूब फल-फूल रहा है। आइए जानते हैं दुबई में सिख समुदाय के विकास के बारे में।
दुबई में सिख समुदाय का योगदान- Sikhism in Dubai
1958 में, दुबई में सिख समुदाय की संख्या केवल 1,000 थी, लेकिन आज यह संख्या 50,000 से अधिक पहुंच गई है। इनमें से 48,000 लोग ब्लू-कॉलर वर्कर हैं, जो विभिन्न उद्योगों में कार्यरत हैं।
दुबई का सिख समुदाय राजनीतिक रूप से निष्पक्ष और विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय है। यहां सिख व्यापारिक नेताओं से लेकर निर्माण श्रमिकों तक विभिन्न पेशों में कार्यरत हैं। दुबई और पूरे UAE में, सिख समुदाय एक प्रमुख प्रवासी समूह बन चुका है।
सिख समुदाय के व्यवसाय और पेशेवर क्षेत्र
कई सिख उद्यमी दुबई में व्यापार, परिवहन और रियल एस्टेट के क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं। इसके अलावा, कई सिख इंजीनियर, डॉक्टर, अकाउंटेंट, बैंकर्स, बिजनेस मैनेजर, विक्रेता और ड्राइवर के रूप में कार्यरत हैं।
गुरु नानक दरबार: दुबई में सिखों का आध्यात्मिक केंद्र
गुरु नानक दरबार Jebel Ali Village में स्थित दुबई का पहला आधिकारिक गुरुद्वारा है, जिसकी स्थापना 2012 में 50,000 से अधिक सिख निवासियों की सेवा के लिए की गई थी। इसे सुरेंद्र सिंह कंधारी ने स्थापित किया, जो 1976 से दुबई के निवासी हैं।
गुरु नानक दरबार की उपलब्धियां
2017 में, गुरु नानक दरबार ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में प्रवेश किया, जब इसने 101 विभिन्न राष्ट्रीयताओं के 600 से अधिक लोगों को नाश्ता परोसा। यह गुरुद्वारा GCC और मध्य पूर्व में पहला आधिकारिक सिख गुरुद्वारा है।
निर्माण और डिज़ाइन
गुरु नानक दरबार का निर्माण 120,000 वर्ग फीट के क्षेत्र में किया गया। यह दुबई स्थित आर्किटेक्ट फर्म Holford Associates द्वारा डिज़ाइन किया गया था। निर्माण मई 2008 में शुरू हुआ, नींव जून 2010 में रखी गई, और यह दिसंबर 2011 में पूरा हुआ। निर्माण की कुल लागत 65 मिलियन दिरहम ($20 मिलियन) थी। 17 जनवरी 2012 को, इस गुरुद्वारे का उद्घाटन हुआ, जिसमें 50,000 से अधिक भक्त उपस्थित थे। गुरुद्वारे में पारंपरिक और आधुनिक सिख स्थापत्य शैली का मिश्रण देखा जा सकता है। यह 54 मीटर के परिक्रमा क्षेत्र और जल सरोवर के साथ स्वर्ण मंदिर की प्रतिकृति जैसा प्रतीत होता है। प्रार्थना कक्ष में इतालवी संगमरमर, मुरानो झूमर, और 24 कैरेट सोने की छतरी लगी हुई हैं।
ISO सर्टिफिकेशन और सेवाएं
गुरु नानक दरबार दुनिया का पहला गुरुद्वारा है जिसे ISO सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ। इसे गुणवत्ता प्रबंधन, पर्यावरण प्रबंधन, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा मानकों और खाद्य सुरक्षा प्रबंधन के लिए प्रमाणित किया गया है।
गुरुद्वारे में निम्नलिखित सेवाएं दी जाती हैं:
- पाठ एवं कीर्तन: अखंड पाठ साहिब, सहज पाठ, सुखमनी साहिब पाठ, गुरबानी संध्या आदि।
- सामाजिक सेवाएं: लंगर, विवाह (आनंद कारज), संकीर्तन, जन्मदिन व वर्षगांठ की प्रार्थनाएं, गृह प्रवेश और शोक प्रार्थनाएं।
- शिक्षा: पंजाबी, कीर्तन और गुरुद्वारा प्रोटोकॉल सिखाने के लिए साप्ताहिक कक्षाएं।
- सुविधाएं: ध्यान कक्ष, पुस्तकालय, कीर्तन प्रशिक्षण और गुरबानी शिक्षाएं।
गुरुद्वारे में आगंतुकों की संख्या और COVID-19 प्रभाव
- COVID-19 से पहले, हर शुक्रवार 10,000 लोग गुरुद्वारे में दर्शन करने आते थे।
- महामारी के दौरान गुरुद्वारा 110 दिनों के लिए बंद रहा (अप्रैल-जुलाई 2020)।
- 2021 में, गुरु नानक दरबार ने 4,500 से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने का आयोजन किया।
दुबई में सिख समुदाय एक संगठित, समर्पित और समृद्ध प्रवासी समूह है, जिसने न केवल व्यवसाय और नौकरियों में सफलता प्राप्त की है, बल्कि अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी संजो कर रखा है। गुरु नानक दरबार इस समुदाय की धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र बन चुका है।