Sikhism in Argentina: अर्जेंटीना में सिखों का आगमन 1890 के दशक के अंत और 1900 के दशक की शुरुआत में हुआ। अधिकांश सिख मजदूर रेलवे लाइनों पर काम करने या ब्रिटिश चीनी मिलों में रोजगार के अवसर खोजने के लिए यहाँ आए थे।
कनाडा और अमेरिका की आप्रवासन नीति के कारण अर्जेंटीना पहुँचे सिख
Wikipedia से मिली जानकारी के मुताबिक, 1900 के दशक की शुरुआत में अमेरिका में एंटी-एशियन इमिग्रेशन पॉलिसी और कनाडा में व्हाइट-ओनली पॉलिसी के कारण सिखों को इन देशों में बसने में कठिनाई हुई। परिणामस्वरूप, कई सिख आर्थिक अवसरों की तलाश में अर्जेंटीना आए। बड़ी संख्या में सिख पहले ब्राज़ील पहुंचे, और फिर अर्जेंटीना में बस गए।
नस्लवाद और भेदभाव- Sikhism in Argentina
1912 में जब बड़ी संख्या में सिख मजदूर अर्जेंटीना पहुंचे, तो स्थानीय राजनेताओं और इमिग्रेशन अधिकारियों की ओर से नकारात्मक प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। अर्जेंटीना सरकार ने एशियाई आप्रवासियों पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की।
ब्रिटिश राजनयिक रेजिनाल्ड टॉवर ने 1912 में लिखा कि अर्जेंटीना सरकार ने सभी विदेशी शिपिंग कंपनियों से अनुरोध किया कि वे एशियाई लोगों को अर्जेंटीना लाने से इनकार करें।
ग़दर आंदोलन और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
1910 से 1930 के बीच भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल ग़दर पार्टी के अधिकारी अर्जेंटीना में सिखों से मिले। सरदार अजीत सिंह जैसे प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों ने भी इस दौरान अर्जेंटीना का दौरा किया।
अकादमिक अध्ययन और शोध
अर्जेंटीना सहित लैटिन अमेरिका में सिखों के प्रवास पर व्यापक शोध किया गया है। अकादमिक स्वर्ण सिंह ने अपनी पुस्तक “Sikhs in Latin America: Travels Among the Sikh Diaspora” में अर्जेंटीना में सिखों के इतिहास और संस्कृति का गहराई से अध्ययन किया।
20वीं सदी के उत्तरार्ध में सिख समुदाय
1983 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने अर्जेंटीना की यात्रा की और अर्जेंटीना कांग्रेस में भाषण दिया। उन्होंने 1930 में अर्जेंटीना में प्रवास करने वाले पंजाबी मूल के 100 परिवारों से मुलाकात की।
21वीं सदी में अर्जेंटीना में सिख समुदाय
सिख धर्म को आधिकारिक मान्यता (2018)
- 2018 में, अर्जेंटीना सरकार ने आधिकारिक रूप से सिख धर्म को मान्यता दी।
सिखों की आर्थिक स्थिति और सफलता
आज, कई सिख अर्जेंटीना में रैंच, ट्रांसपोर्ट कंपनियाँ, सुपरमार्केट और रिटेल स्टोर्स के मालिक हैं। सिमरपाल सिंह, जो ‘Peanut Prince of Argentina’ के नाम से जाने जाते हैं, एक सफल सिख व्यापारी हैं। 2012 में उनकी कंपनी Olam International का वार्षिक राजस्व सिंगापुर $17 बिलियन था।
अर्जेंटीना में सिखों की जनसांख्यिकी
अधिकांश सिख 1930 के दशक में पंजाब से प्रवास करके अर्जेंटीना पहुंचे या 3HO समुदाय से जुड़े हुए हैं। हाल के वर्षों में पंजाब, भारत से कुछ नए प्रवासी सिख भी अर्जेंटीना आए हैं। अर्जेंटीना में रहने वाले सिखों में कुछ स्थानीय विवाह के प्रति खुले विचार रखते हैं, जबकि कुछ अपनी सांस्कृतिक विरासत से गहरे जुड़े हुए हैं। अर्जेंटीना के साल्टा (Salta) शहर में सिख किसानों और व्यापारियों का एक बड़ा समुदाय बसा हुआ था।
अर्जेंटीना में सिख धर्म स्थल (गुरुद्वारा)
अर्जेंटीना में सिख समुदाय का केवल एक गुरुद्वारा है, जो रोसारियो डे ला फ्रोंटेरा (Rosario de la Frontera) में स्थित है।
अर्जेंटीना में सिखों का प्रवास और उनके संघर्षों की यह कहानी सिख समुदाय के साहस, आत्मनिर्भरता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। प्रारंभिक वर्षों में भेदभाव और नस्लवाद का सामना करने के बावजूद, सिख समुदाय ने अर्जेंटीना में अपनी जगह बनाई और आर्थिक और सामाजिक रूप से समृद्धि हासिल की। आज, वे अर्जेंटीना के व्यापारिक और कृषि क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और सिख धर्म को आधिकारिक मान्यता मिलने के बाद उनकी पहचान और भी मजबूत हुई है।