Sukhbir Badal Punishment: सिख धर्म की सर्वोच्च धार्मिक संस्था श्री अकाल तख्त साहिब ने सोमवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल (Punjab former Deputy CM Sukhbir Badal) को गंभीर धार्मिक सजा सुनाई। यह सजा शिअद सरकार के कार्यकाल में किए गए ‘गुनाहों’ के लिए दी गई है, जिसमें पवित्र ग्रंथ की बेअदबी (Desecration of Sikh holy book) और डेरा प्रमुख को माफी देने का मामला भी शामिल है। इस आदेश के तहत, सुखबीर सिंह बादल और अन्य दोषियों को गुरुद्वारे में बर्तन धोने, शौचालय साफ करने और अन्य धार्मिक दंड भुगतने होंगे।
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सुखबीर सिंह बादल समेत 17 लोगों को सजा- Sukhbir Badal Punishment
सुखबीर सिंह बादल के साथ कुल 17 लोगों को यह सजा सुनाई गई है। इनमें शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अन्य वरिष्ठ नेता, पार्टी की कोर कमेटी के सदस्य और 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य शामिल हैं। श्री अकाल तख्त साहिब ने सभी दोषियों को मंगलवार से सजा भुगतने का आदेश दिया है। इन दंडों के तहत, दोषी नेताओं को सिख धर्म के प्रतीकों के प्रति श्रद्धा और सम्मान की भावना जागृत करने के उद्देश्य से शारीरिक श्रम करने की सजा दी गई है।
2015 के बेअदबी मामले और माफी का विवाद
श्री अकाल तख्त (Sri Akal Takht Sahib) ने सुखबीर सिंह बादल और उनके साथियों को उनकी कई ‘गलतियों’ के लिए जिम्मेदार ठहराया। इनमें सबसे प्रमुख आरोप 2015 के बेअदबी मामले में दोषियों को सजा न देने और गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ़ी दिलाने में भूमिका निभाने का था। यह मामला पंजाब में उस समय काफ़ी विवादित रहा जब सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं सामने आईं। आरोप है कि सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की, जिससे सिख समुदाय में गहरी नाराज़गी है।
सुखबीर सिंह बादल पर आरोप
तख्त श्री ने सुखबीर पर 2015 में सिख धर्म के खिलाफ बेअदबी के मामलों में तत्कालीन गुरमीत राम रहीम को माफ़ी दिलाने में अहम भूमिका निभाने का आरोप लगाया था। धार्मिक गुरु और कथित अपराधी राम रहीम ने गुरु गोबिंद सिंह जी का रूप धारण किया था, जो सिख समुदाय के लिए बेहद अपमानजनक था। इस घटना से सिख समुदाय में गहरा आक्रोश फैल गया था। 2015 की बेअदबी की घटनाओं में उनकी भूमिका को लेकर सुखबीर सिंह बादल पर कई आरोप लगे थे और 30 अगस्त को अकाल तख्त ने उन्हें तनखैया (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित कर दिया था।
अकाल तख्त की सुनवाई और सजा का कारण
यह सजा अकाल तख्त ने सुनाई, जिसमें तख्त ने 2007 से 2017 तक की शिअद सरकार की पूरी कैबिनेट, पार्टी की कोर कमेटी और 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आंतरिक कमेटी को तलब किया। करीब चार घंटे तक चली सुनवाई में सभी आरोपों पर विस्तार से चर्चा की गई। तख्त श्री ने पाया कि सिख धर्म के प्रति इन नेताओं का आचरण अनुशासनहीन और लापरवाही भरा था।
सजा का असर
सुखबीर सिंह बादल और अन्य दोषियों को जिन दंडों का सामना करना पड़ेगा, उसमें धार्मिक अनुशासन बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। इन दंडों में गुरुद्वारे में बर्तन धोना और शौचालय साफ करना शामिल हैं। इसके अलावा, अन्य धर्मिक दंड भी दिए जाएंगे ताकि दोषियों को अपनी गलतियों का एहसास हो सके और वे भविष्य में सिख समाज के नियमों और परंपराओं का पालन करें।
कौन-कौन दोषी?
सुखबीर सिंह बादल के अलावा दोषी ठहराए गए 16 व्यक्तियों में बीबी जागीर कौर, विक्रम मजीठिया, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत सिंह, सरबजीत सिंह, महेशिंदर सिंह, सोहन सिंह ठंडल, चरणजीत सिंह और आदेश प्रताप सिंह शामिल हैं। बलविंदर सिंह भूदर, दलजीत चीमा, गुलजार राणिके, हीरा सिंह गबड़िया और सुच्चा सिंह लंगाह भी अनुशासन के तौर पर शौचालय की सफाई करेंगे।
सजा का आज पहला दिन
अपनी सज़ा के पहले दिन सुखबीर सिंह बादल दरबार साहिब के बाहर पार्किरमा में गार्ड की भूमिका निभा रहे हैं। वे व्हीलचेयर पर बैठे हुए नीले रंग का कपड़ा पहने हुए दिखाई दिए। इसके अलावा उनके गले में सजा पट्टिका और हाथ में पहरेदार छत्र भी है। वे दरबार साहिब में आज श्रद्धालुओं के लिए निर्धारित शौचालयों की सफ़ाई करेंगे। वे एक घंटे तक बर्तन साफ़ करेंगे और लंगर में सेवा करेंगे। इसके बाद, दंपति कीर्तन में सेवा करने से पहले सफ़ाई शुरू करेंगे। सुबह 9 से 10 बजे तक दरबार साहिब के बाहर बैठना उनकी सज़ा है। इसके अलावा, वे अपनी गर्दन पर एक तख्ती लटकाकर सेवा करेंगे।