Sanat Kaur Chadha: ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए समाज में अपनी पहचान स्थापित करना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। हालांकि, कुछ लोग अपने साहस और परिवार के समर्थन से इन चुनौतियों का सामना करते हुए समाज में मिसाल कायम करते हैं। ऐसी ही एक प्रेरणास्पद कहानी है सनत कौर चड्ढा की, जिन्होंने अपने आत्मविश्वास और अपनी मां के अटूट समर्थन से अपने जीवन की दिशा को पुनः परिभाषित किया।
प्रारंभिक जीवन और पहचान की खोज- Sanat Kaur Chadha
सनत कौर चड्ढा का जन्म एक पुरुष शरीर में हुआ था, लेकिन किशोरावस्था में उन्हें महसूस हुआ कि उनकी आंतरिक पहचान उनके शारीरिक स्वरूप से मेल नहीं खाती। इस आत्म-साक्षात्कार के दौरान, उन्होंने अपनी मां से अपनी भावनाएं साझा कीं। उनकी मां ने बिना किसी हिचकिचाहट के उन्हें स्वीकार किया और हर कदम पर उनका साथ दिया। यह पारिवारिक समर्थन सनत के लिए एक मजबूत आधार बना, जिससे उन्हें अपने सच्चे स्वरूप को अपनाने में मदद मिली।
सार्वजनिक पहचान और सोशल मीडिया की भूमिका
सनत ने अपनी यात्रा को सार्वजनिक रूप से साझा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर @sanskari_satan नाम से प्रोफाइल बनाई, जहां वे अपने अनुभव, फैशन सेंस और मेकअप के प्रति अपने प्रेम को साझा करती हैं। उनकी प्रोफाइल पर 116,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं, जो उनकी लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाता है। सनत ने अपने पहले वायरल पोस्ट में साड़ी पहनकर अपनी तस्वीर साझा की, जो समाज में पारंपरिक लिंग भूमिकाओं को चुनौती देती है। इस पोस्ट के माध्यम से उन्होंने ट्रांसजेंडर महिलाओं के प्रति समाज की सोच में बदलाव लाने का प्रयास किया।
हार्मोन थेरेपी और शारीरिक परिवर्तन
अपनी असली पहचान को स्वीकार करने के लिए सनत ने हॉरमोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) शुरू की। बीबीसी से बातचीत में अपने ट्रांसजेंडर अनुभव को साझा करते हुए सनत कहती हैं कि उन्हें और उनके परिवार को लोगों के ताने सुनने पड़ते हैं, लोग उन्हें गालियाँ देते हैं। लोग उन्हें जान से मारने की धमकी भी देते हैं। लोग कहते हैं कि तुम्हें मर जाना चाहिए, इतना ही नहीं लोग उनसे कहते हैं कि हमें तुम्हारा पता पता है। सनत कहती हैं कि उन्हें डर लगता है, उन्हें इतना डर लगता है कि वो अपने दोस्तों और परिवार की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करने से भी डरती हैं।
मां का समर्थन: संघर्ष में एक मजबूत साथी
सनत की मां ने उनकी यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने न केवल अपनी बेटी को स्वीकार किया, बल्कि समाज के दबावों और पूर्वाग्रहों का सामना करते हुए हर कदम पर उनका साथ दिया। सनत ने एक साक्षात्कार में बताया कि कैसे उनकी मां उनके संघर्ष की साथी बनीं और उन्हें आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। BBC को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने अपनी मां के साथ अपने रिश्ते और उनकी यात्रा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
सनत की मां का कहना है कि जब उन्हें पता चला कि सनत ट्रांस बनना चाहता है तो उन्होंने सनत को समझाया कि पहले तुम्हें खुद को थोड़ा समय देना चाहिए कि तुम गे बनना चाहते हो या अपना पूरा शरीर बदलना चाहते हो। इस पर सनत ने भी अपनी मां को बताया कि वह ट्रांस बनना चाहता है। जिसके बाद सनत की मां ने इस फैसले को स्वीकार किया और इस फैसले का समर्थन किया। सनत की मां ने कहा कि लोग उनसे कहते हैं कि सनत को समझाइए, ये सब पागलपन है। लेकिन सनत की मां का कहना है कि अगर लोग सनत की भावनाओं को नहीं समझ सकते तो बेहतर है कि वे चुप रहें।
समाज में बदलाव की पहल
सनत कौर चड्ढा की कहानी समाज में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव लाने का एक प्रयास है। उनकी यात्रा यह दर्शाती है कि परिवार का समर्थन और आत्म-स्वीकृति किसी भी चुनौती को पार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सनत ने अपने अनुभवों को साझा करके न केवल ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को प्रेरित किया है, बल्कि समाज को भी यह संदेश दिया है कि सभी व्यक्तियों को उनकी पहचान के साथ स्वीकार करना आवश्यक है।