पंजाब और ट्रकों का रिश्ता बहुत पुराना है। आज भी 10 में से 7 ट्रक ड्राइवर पंजाबी हैं। और कुछ को ट्रक चलाने का इतना शौक होता है कि वो अपने इस शौक को पूरा करने के लिए विदेश चले जाते हैं और ट्रक चलाकर खूब पैसे कमाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्रकों के प्रति इसी दीवानगी की वजह से पंजाब में एक ऐसा गांव बसा हुआ है जिसे ट्रकों का गांव कहा जाता है। आइए आपको इस गांव के बारे में विस्तार से बताते हैं।
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गांव में 650 के करीब ट्रक
ट्रकों का यह गांव पंजाब के जीरा का महियांवाला गांव है। इस गांव में पहला ट्रक 1968 में आया था और इस समय गांव में करीब 650 ट्रक हैं। गांव में किसी के पास दो ट्रक हैं, किसी के पास चार ट्रक हैं तो किसी के पास 7 ट्रक हैं। गांव के हर घर में कम से कम एक ट्रक है। गांव के लगभग सभी लोग देश-विदेश में ट्रक चलाते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो यहां के ग्रामीण आय और आजीविका कमाने के लिए ट्रकों पर निर्भर हैं और ट्रकों को बहुत सम्मान दिया जाता है क्योंकि वे उनकी आय का मुख्य स्रोत हैं।
भगत बाबा दुनी चंद ने दिया था आशीर्वाद
पंजाब केसरी टीवी से बात करते हुए गांव के निवासी गुरविंदर सिंह बताते हैं कि गांव में करीब 620 ट्रक हैं, जिनमें से करीब 150 घोड़ा ट्रॉली और 10-7 पहिया ट्रक हैं, यानी हर तरह की ट्रॉली और ट्रक इस गांव में उपलब्ध है। एक अन्य ग्रामीण चांद कौर बताती हैं कि यह सब भगत बाबा दुनी चंद की कृपा का असर है। उनकी कृपा से ही आज हर किसी के पास गांव में अपना ट्रक है और बच्चे विदेश में जाकर बस रहे हैं और इस काम को करके खूब तरक्की भी कर रहे हैं।
वहीं एक अन्य गांव निवासी करण बरड़ ने बताया कि वह 18 साल से कनाडा में रह रहे हैं और उनके परिवार के 50 से 51 सदस्य कनाडा में ही रह रहे हैं, जिनमें से अधिकतर युवा लड़के हैं और वे ट्रक चलाते हैं। और वह खुद अमेरिका से लेकर कनाडा और भारत के 48 राज्यों में ट्रक चलाते हैं।
टाटा कंपनी के कर्मचारी भी आए गांव में
दरअसल ट्रकों के प्रति इस प्रेम के पीछे गांव वालों का कहना है कि यह सब भगत बाबा दुनी चंद के आशीर्वाद का नतीजा है। क्योंकि उन्होंने इस गांव को आशीर्वाद दिया था कि गांव कर हर घर में ट्रक होंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि ट्रकों का यह गांव अब इतना मशहूर हो गया है कि टाटा कंपनी के कर्मचारी भी इसकी जांच करने आए थे कि इस गांव में इतने ट्रक कैसे हैं।