प्रयागराज हाई कोर्ट (Prayagraj High court ) ने नोएडा (Noida) में यमुना नदी के डूब क्षेत्र में बसाए गए सैकड़ों फार्म हाउसों (Noida Farm House) के मालिकों की दायर याचिकाओं में से एक याचिका को प्रमुख याचिका मान लिया है। जिसके साथ ही प्रयागराज हाई कोर्ट (Prayagraj High court) ने कुछ अहम बातें भी कहीं है। जिसमें , कोर्ट ने अपोसिशन के वरिष्ठ वकील से कहा कि ये फार्म हाउस एक दिन में नहीं आते। अगर भविष्य में यह बेंच जारी रहेगी तो वे दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। हाई कोर्ट ने यथास्थिति का उल्लेख करते हुए कहा है कि सार्वजनिक नोटिस के अनुसार सभी कार्यवाही रिट कार्यवाही के परिणाम के अधीन होगी। वहीं इस मामले में नोएडा प्राधिकरण ने 3 सप्ताह के भीतर काउंटर और उसके बाद एक सप्ताह के भीतर प्रत्युत्तर दाखिल करने को कहा है। बता दें , हाई कोर्ट ने याचिकर्ताओं की सभी रिट याचिका ली और उनमें से एक याचिका को प्रमुख याचिका का दर्जा दिया।
क्या है पूरा मामला
यमुना नदी के डूब क्षेत्र में सैकड़ों अवैध फार्म हाउस पर 11 जून को हुई नोएडा प्राधिकरण की तोड़फोड़ के खिलाफ इन फार्म हाउस के मालिक प्रयागराज हाईकोर्ट पहुंचे थे और नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिस पर जस्टिस MK गुप्ता और समीर जैन की पीठ ने सुनवाई की थी। जिसपर अदालत ने नोएडा प्राधिकरण को 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। इसके 10 दिन बाद याचिकाकर्ता अपना प्रत्युत्तर दाखिल करेंगे। इस दौरान हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि नोएडा प्राधिकरण फार्म हाउसों को नहीं तोड़ सकती।
बता दें , नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने नोएडा के सेक्टर-135 के Hps फार्म हाउस पर बुलडोजर चलाया था। जिसमें लाखों-करोड़ो का भारी नुकसान हुआ था। सूत्रों का कहना था कि ये बुलडोजर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ Ritu Maheshwari के नेतृत्व से चलवाएं गए थे। इस चर्चित नोएडा फार्म हाउस के मामलों ने इन दिनों नोएडा प्राधिकरण पर भी कहीं ना कहीं सवालियां निशान खड़े कर दिए हैं। क्यूंकि अगर ये फार्म हाउस अवैध थे तो उतने दिन से नोएडा प्राधिकरण क्या कर रहा था और सबसे बड़ी बात इतनी बड़ी संख्या में अवैध फार्म हाउस कैसे निर्मित हो गए? उस समय नोएडा प्राधिकरण ने करवाई क्यों नहीं की।
अदालत ने फार्म हाउस मामले की सुनवाई करते हुए बाकी अन्य फार्म हाउस मालिकों को याचिका दायर करने की स्वतंत्रता दे दी थी। हाईकोर्ट ने ये भी कहा था कि ‘इस मामले की सुनवाई में ही बाकी लोग शामिल हो जाएं। बाद में अलग से किसी की याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा।
बता दें, नोएडा प्राधिकरण की ओर से सार्वजनिक रूप से नोटिस जारी किया गया था। जिसके आधार पर सभी फार्म हाउसों को अवैध घोषित कर दिया गया था।
नोएडा प्राधिकरण की क्या दलील थी
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया था कि हमने सैकड़ों अवैध फार्म हाउस के बाहर नोटिस चस्पा कर चेतावनी दी थी। जिसमें साफ़ लिखा था कि ‘डूब क्षेत्र अर्थात खादर क्षेत्र में स्थित सैकड़ों अवैध बने फार्म हाउस को जल्द से जल्द खाली कर दिया जाए’। शनिवार, 11 जून को नोएडा प्राधिकरण की टीम 5 बुलडोजर के साथ 100 से ऊपर छोटे-बड़े कर्मचारी दस्ता के साथ पहुंचे थे और सभी अवैध फार्म हाउस पर शाम तक बुलडोजर चला कर तोड़ा था। नोएडा प्राधिकरण का कहना है – डूब क्षेत्र में 500 से ज्यादा अवैध फार्म हाउस बने हुए हैं, जिसमें इससे पहले नोएडा प्राधिकरण ने 75 से ज्यादा अवैध फार्म हाउस पर अपना बुलडोजर चलाकर कई एकड़ जमीन को खाली करवाई है। जिसकी आज कीमत अरबों रुपये आंकी जा चुकी है।