प्रयागराज हाईकोर्ट (Prayagraj Highcourt ) ने नोएडा (Noida) में यमुना नदी के डूब क्षेत्र में बसाए गए सैकड़ों अवैध फार्म हाउस के मालिकों और नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) को जवाब देने के लिए 20 दिनों की बड़ी राहत दे दी है। बता दें, डूब क्षेत्र में सैकड़ों अवैध फार्म हाउस (Farm House) पर 11 जून को हुई नोएडा प्राधिकरण की तोड़फोड़ के खिलाफ इन फार्म हाउस के मालिक प्रयागराज हाईकोर्ट पहुंचे थे और नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिस पर मंगलवार को जस्टिस MK गुप्ता और समीर जैन की पीठ ने सुनवाई की। अदालत ने नोएडा प्राधिकरण को 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इसके 10 दिन बाद याचिकाकर्ता अपना प्रत्युत्तर दाखिल करेंगे। इस दौरान नोएडा प्राधिकरण फार्म हाउसों को नहीं तोड़ सकती।
बता दें , नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने नोएडा के सेक्टर-135 के Hps फार्म हाउस पर बीते शनिवार को बुलडोजर चलाया था। जिसमें लाखों-करोड़ो का भारी नुकसान हो गया हैं। सूत्रों की मानें तो ये बुलडोजर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ Ritu Maheshwari के नेतृत्व से चलवाएं गए थे। इन अवैध Farm House के मालिकों के नाम में IAS-IPS ,अफसर, नेता, न्यायधीशों , उद्दोगपतियों जैसे बड़े-बड़े लोगों के नाम सामने आएं हैं। इस मामलें ने इन दिनों नोएडा प्राधिकरण पर भी कहीं ना कहीं सवालियां निशान खड़े कर दिए हैं। क्यूंकि अगर ये फार्म हाउस अवैध थे तो उतने दिन से नोएडा प्राधिकरण क्या कर रहा था और सबसे बड़ी बात इतनी बड़ी संख्या में अवैध फार्म हाउस कैसे निर्मित हो गए? उस समय नोएडा प्राधिकरण ने करवाई क्यों नहीं की।
बाकी फार्म हाउस मालिक भी कोर्ट आ सकते हैं
अदालत ने फार्म हाउस मामले की सुनवाई करते हुए बाकी अन्य फार्म हाउस मालिकों को याचिका दायर करने की स्वतंत्रता दे दी है। दरअसल, नोएडा प्राधिकरण की ओर से सार्वजनिक रूप से नोटिस जारी किया गया है। जिसके आधार पर सभी फार्म हाउसों को अवैध घोषित कर दिया गया है। लेकिन अब उसी नोटिस के आधार पर बाकी फार्म हाउस मालिक भी इस केस में शामिल हो सकते हैं। अदालत ने कहा है- ‘इस प्रकरण की सुनवाई में ही बाकी लोग शामिल हो जाएं। बाद में अलग से किसी की याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा। मतलब साफ़ है कि इस मामले में जो अदालत का फैसला आएगा, वह बाकी फार्म हाउसों पर भी पूर्ण रूप से लागू होगा।
अवैध फार्म हाउसों पर नोएडा प्राधिकरण की दलील
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया था कि हमने सैकड़ों अवैध फार्म हाउस के बाहर नोटिस चस्पा कर चेतावनी दी थी। जिसमें साफ़ लिखा था कि ‘डूब क्षेत्र अर्थात खादर क्षेत्र में स्थित सैकड़ों अवैध बने फार्म हाउस को जल्द से जल्द खाली कर दिया जाए’। शनिवार, 11 जून को नोएडा प्राधिकरण की टीम 5 बुलडोजर के साथ 100 से ऊपर छोटे-बड़े कर्मचारी दस्ता के साथ पहुंचे थे और सभी अवैध फार्म हाउस पर शाम तक बुलडोजर चला कर तोड़ा था। नोएडा प्राधिकरण का कहना है- डूब क्षेत्र में 500 से ज्यादा अवैध फार्म हाउस बने हुए हैं, जिसमें इससे पहले नोएडा प्राधिकरण ने 75 से ज्यादा अवैध फार्म हाउस पर अपना बुलडोजर चलाकर कई एकड़ जमीन को खाली करवाई है। जिसकी आज कीमत अरबों रुपये आंकी जा चुकी है।
इस बार समस्या हल हो सकती है
प्रयागराज हाईकोर्ट में दायर फार्म हाउसों के मालिकों की याचिका नोएडा के यमुना डूब क्षेत्र में बने फार्म हाउसों का स्थाई समाधान कर सकती है। क्यूंकि अभी तक ना तो नोएडा प्राधिकरण की ओर से इस स्तर पर ध्वस्तीकरण की बड़ी कार्रवाई की गई थी और ना ही कभी फार्म हाउस के मालिक अदालत पहुंचे थे। हालांकि जानकारों के मुताबिक यह मुकदमा इन फार्म हाउसों का भविष्य निर्धारित कर सकता है।
जब फार्म हाउस बन रहें थे तब प्राधिकरण कहां था?
मुद्दा ये नहीं है कि अब इन अवैध फार्म हाउस पर कार्रवाई हो रहीं है, जो क़ानूनी रूप से सही भी हैं लेकिन जब इतने बड़े-बड़े अवैध फार्म हाउस बनते हैं तब नोएडा प्राधिकरण के सख्त नियम कहां चले जाते हैं। तब इन फार्म हाउसों पर करवाई क्यों नहीं हुई। उस समय नोएडा प्राधिकरण कहां थी? आखिर ये फार्म हाउस नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की मिली भगत से कहीं ना कहीं बनाएं गए होंगे। क्या नोएडा प्राधिकरण उन सभी पर करवाई करेगा? सरकार और प्रशासन ऐसे-ऐसे बड़े स्तर पर हो रहें अवैध निर्माण के वक़्त क्या करती हैं ? इन्हें सालों बाद ही इनको अपनी जिम्मेदारी क्यों याद आती हैं?