जब भारत पाकिस्तान का बटवारा हुआ तब कई लाख लोगों ने बॉर्डर पार किया जहाँ कई मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान में बस गए. तो कई हिन्दू पाकिस्तान से भारत आ गए लेकिन इन लोगों को अभी तक भारत की नागरिकता नहीं मिली है. लेकिन साल 2019 मोदी सरकार CAA और NRC लागू करने की बात कही और इस CAA और NRC की वजह से बवाल मचा है. वहीं एनआरसी या नैशनल सिटिजन रजिस्टर के जरिए भारत में अवैध तरीके से रह रहे घुसपैठियों की पहचान करने की प्रक्रिया है. तो वहीँ नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आए हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बुद्ध धर्मावलंबियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी लेकिन अब देश में बवाल के बीच इन CAA और NRC पर रोक लगा दी गयी है. वहीं इस बीच CAA और NRC पर जनता ने अपनी राय दी है.
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दरअसल, नेड्रिक न्यूज़ ने जनता के बीच जाकर CAA और NRC को लेकर सवाल किया. हमारे रिपोर्टर ने सवाल किया कि पाकिस्तान से आये हिन्दू लोगों को नागरिकता दी जानी चाहिए की नहीं. तो वहीं इस सवाल का जवाब देते हुए एक महिला ने कहा कि हिन्दू लोगों को नागरिकता दी जानी चाहिए लेकिन मुस्लिम लोगों को नागरिकता नहीं दी जानी चाहिए. ये लोग नकली दस्तावेज बनाकर रह रहे हैं और देश में अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.
हिन्दू लोगों को मिलनी चहिए नागरिकता
इसी के साथ एक शख्स ने कहा कि पाकिस्तान से आये हिन्दू लोगों को नागरिकता मिलनी चहिए क्योंकि वो हिन्दू हैं साथ ही पाकिस्तान से आये हुए लोगों को वहां पर कई चीजों का समाना करना पड़ा और इस वजह से इन लोगों को यहाँ की नागरिकता मिलनी चहिए
इसी के साथ हमारे रिपोर्टर ने सवाल किया बीजेपी को हिंदुत्व की पार्टी कहा जाता हैं तो हिन्दू लोगों को नागरिकता देकर उनका वोट बैंक बढेगा तोह इस शख्स ने कहा कि ऐसा नही है एक धारण विपक्ष ने बनाई है और इस वजह से विपक्ष संसद में बिल पास नहीं होने देता. वहीं इस शख्स ने ये भी कहा मेरा सरकार से अनुरोध हैं कि जल्दी से सभी बदलाव कर CAA और NRC को लागू करें. वहीं इस शक्स ने ये भी कहा कि सरकार किसी धर्म के खिलाफ नहीं है सरकार नारा हैं सबका साथ सबका विकास तो सरकार सबसे साथ है.
असम में हुई CAA और NRC लागू करने प्रक्रिया
आपको बता दें, देश में जब मोदी सरकार CAA और NRC लागू करने प्रक्रिया सिर्फ असम में हुई और वहां एनआरसी की फाइनल सूची जारी हो चुकी है. असम में यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में पूरी हुई है. हालांकि, सरकार का कहना है कि वह पूरे देश में NRC लागू करेगी. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि देश में लागू होने वाली एनआरसी की रूपरेखा असम की एनआरसी के मापदंडों से अलग होगी. लेकिन एनआरसी कब लागू होगा इसकी समयसीमा तय नहीं की गई.
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