भारत में कोई नई चीज़ की मुहीम चलें और उसमें खपला सुनने को न मिले, ऐसा बहुत कम ही होता है। हम ऐसा इसीलिए कह रहें हैं, क्यूंकि अब भारत में ज़िंदे लोगों के साथ मुर्दों को भी वैक्सीन की सभी डोज़ें लग रहीं हैं। सुनकर तो बड़ा ताज्जुब हुआ होगा। लेकिन ये सच हैं। दरअसल, गजियाबाद (Gaziabad) के खोड़ा (Khoda) गांव के हेल्थ सेंटर (Health Centre ) में कोरोना वैक्सीनेशन का बड़ा फर्जीवाड़ा (Corona Vaccine Fraud) का मामला सामने आया है। जिसने सभी को चौंका दिया है। कुछ लोगों के द्वारा देश में बड़े स्तर पर चल रहें कोरोना वैक्सीनेशन अभियान में बड़े फर्ज़ीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा हैं। इस फर्जीवाड़े के तहत कई साल पहले मरे हुए लोग वैक्सीनेटेड हो रहें हैं।
क्या है पूरा मामला
पीछे साल 2021 में जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी और कोरोना तेजी से पूरे देश में फ़ैल रहा था। तभी इंद्रापुरम में रहने वाले एक शख्स की पत्नी अप्रैल में कोरोना पॉजिटिव हुई थी, जिसके बाद उसने अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन 13 मई को इस शख्स की पत्नी की कोरोना से मौत हो गई। बता दें , शख्स की पत्नी को मेरे हुए एक साल से भी ज्यादा समय हो चुका है। 11 जून को इस शख्स को मोबाइल पर मैसेज आता है कि उसकी पत्नी का कोरोना वैक्सीन सेकंड डोज वैक्सीनेशन हो चुका है। मैसेज देखने के बाद तुरंत बाद शख्स ने अपनी पत्नी का कोरोना सर्टिफिकेट डाउनलोड किया , जिसमें उसने देखा कि उसकी मृतक पत्नी को कोरोना वैक्सीन की फर्स्ट डोज भी 9 दिसंबर , 2021 को लग चुकी है।
नेड्रिक न्यूज़ की एक्सक्लूसिव खबर
नेड्रिक न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट्स की माने तो उस शख्स ने बताया है कि ”मेरी पत्नी एक साल पहले मर चुकी है। तो उसे कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज कैसे लग गई ”? जबकि सरकार ने 40 प्लस का वैक्सीनेशन अभियान 2021 अप्रैल में शुरू किया था, जबकि मेरी पत्नी उस समय बीमार थी और बिना वैक्सीन लिए ही मेरी पत्नी की मौत हो गई। शख्स ने अपनी मृतक पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र भी दिखाया, जिससे साफ़ पता चल रहा है कि इस शख्स की पत्नी की मौत 13 मई , 2021 को हो गई थी। इस शख्स ने अपनी मृतक पत्नी का कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी दिखाया। ये शख्स मूल रूप से पूर्वी दिल्ली के दिलशाद कॉलोनी का रहने वाला है। शख्स ने ये भी बताया कि उसने आजतक गाज़ियाबाद के खोड़ा गांव (Khoda Village) में वैक्सीन लेने के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया। उसने दूसरे जगहों से वैक्सीन ली है।
शख्स ने आरोप लगाया है कि ”हमारे डेटा का गलत उपयोग कर ये सब फर्जीवाड़े काम हो रहें है। हमारे डेटा कहीं भी सेफ नहीं है”। बता दें , ये शख्स अब इस मामलें की शिकायत कर इस मामले को आगे तक बढ़ाना चाहता है। ताकि लोगों में अपने डेटा को लेकर सतर्कता आएं और उनका कोई भी गलत उपयोग न कर पाएं। जब नेड्रिक न्यूज़ चैनल की टीम इस मामले की पड़ताल करने के लिए खोड़ा स्थित हेल्थ केयर सेंटर पर पहुंची और वहां के डॉक्टरों से बात करने की कोशिश की तो वहां के डॉक्टर कैमरे के सामने आने से बचते नज़र आएं लेकिन बड़ी मुश्किल से जब वे कैमरे के सामने आएं तो उनका दो टूक में जवाब था – ”हमें इस बारे में कुछ नहीं पता”। बाद में एक डॉक्टर ने ऑफ कैमरा में बताया- ”अगर किसी को मृत व्यक्ति के कोरोना वैक्सीनेशन का मैसेज गया है तो ये टेक्निकल फॉल्ट भी हो सकता है”।
वैक्सीन फर्जीवाड़े में किसका हाथ ?
शख्स के मोबाइल पर आएं हुए इस मैसेज से ये साफ़ होता है कि खोड़ा गांव के हेल्थ केयर वाले कोरोना वैक्सीनेशन अभियान में बड़ा फर्जीवाड़ा कर रहें हैं, क्यूंकि जिसकी मृत्यु हो गयी है, उनके नाम से वैक्सीन लगा रहें हैं। न जाने ऐसे-ऐसे कोरोना वैक्सीन लगने के सफल वैक्सीनेटेड मैसेज इन लोगों ने कितने लोगों को भेजे होंगे और इसे सरकारी रिकॉर्ड में दिखा कर कितने पैसे बनाएं होंगे? सोचने वाली बात ये है कि सरकार के नाक के नीचे कोरोना वैक्सीनेशन के इतने बड़े अभियान में इतना बड़ा फर्जीबाड़ा या धंधा किसके कहने पर हो रहा है और इसे कौन चला रहा है? क्या इस कोरोना वैक्सीनेशन में चल रहें फर्जीवाड़े (Corona Vaccine Scam) में डेटा का भी अहम रोल है? सरकार को जल्द से जल्द इस मामले की जांच करनी चाहिए और इसके पीछे जो भी हो उसके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लेना चाहिए। बता दें , भारत में अबतक 150 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है।