पिछले कुछ महीने से कर्नाटक पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्जवल रेवन्ना के सेक्स कांड ने इनकी पार्टी जेडीएस के साथ साथ इनके चेहरे पर भी कालिख पोतने का काम किया! सेक्स सीडी वायरल होते ही प्रज्जवल रेवन्ना देश छोड़ कर भाग गया था लेकिन फिर वह लौटा और अब पुलिस की हिरासत में है. अब एक बार फिर से कर्नाटक से कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसके बारे में जान कर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. यह मामला भी एक बड़े राजनीतिक खानदान से जुड़ा हुआ है. आरोपी के बाप भाजपा के एक बड़े नेता हैं. कर्नाटक में जब भाजपा की सरकार थी तो उनके पास कई बड़े मंत्रालय थे. अब उन्हें मोदी सरकार 3.0 में 2 मंत्रालयों में राज्य मंत्री बनाया गया है.
केंद्र सरकार में मंत्री है आरोपी का बाप
दरअसल, हम जिस राजनीतिक परिवार की बात कर रहे हैं, वह है कर्नाटक का रसूखदार सोमन्ना परिवार. केंद्रीय मंत्री वी सोमन्ना इस परिवार के मुखिया हैं और कर्नाटक भाजपा की सरकार में कई अहम मंत्रालयों का जिम्मा संभाल चुके हैं. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में कर्नाटक में बीजेपी की हार हुई थी और कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनाई. ऐसे में भाजपा कर्नाटक के कुछ दिग्गज नेताओं को लोकसभा चुनाव 2024 में चुनावी समर में उतारा गया तो वहीं कुछ नेताओं को मोदी 3.0 के मंत्रिमंडल में जगह मिली. वी सोमन्ना इन्हीं नेताओं में से एक हैं.
इन्हें मोदी सरकार में रेल और जलशक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. इनकी उम्र करीब 72 साल के आस पास है और इनकी गिनती कर्नाटक के दिग्गज नेताओं में होती है. चुनावी हलफनामे के अनुसार इनकी संपत्ति 60 करोड़ के आस पास है और इनके ऊपर किसी भी तरह का आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. लेकिन इनके नाक के नीचे ही इनका बेटा ऐसे कुकृत्यों को अंजाम दे रहा है, जिसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता.
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इन संगीन धाराओं में दर्ज हुआ है मामला
वी सोमन्ना के 3 बच्चे हैं और उन्हीं में से एक है अरुण सोमन्ना. हाल ही में बेंगलुरु के संजय नगर पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज हुआ है, जिसमें अरुण सोमन्ना पर IPC की कई संगीन धाराएं लगाई गई हैं. पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के बेटे पर IPC की धारा 506, धारा 34, धारा 504, धारा 387, धारा 420, धारा 477A, धारा 323, धारा 327, धारा 347 और धारा 354 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अरुण सोमन्ना की हैवानियत की कहानी कुछ इस प्रकार है. बेंगलुरु के एक परिवार ने एक छोटी सी कंपनी की शुरुआत की. शुरुआत में इनवेस्टमेंट के लिए ये भटकते रहे और बाद में अरुण सोमन्ना उनकी कंपनी में इनवेस्ट करने को राजी हो गया. कंपनी में इनवेस्ट करने के साथ साथ अपनी मजबूत पकड़ के कारण उसने जल्द ही पूरी कंपनी को अपने नियंत्रण में ले लिया. इसी बीच कोरोना का कहर टूट पड़ा और कंपनी घाटे में पहुंच गई.
अब कंपनी पर पूरी तरह से अपना नियंत्रण बना चुका भाजपा नेता वी सोमन्ना का बेटा अरुण सोमन्ना ने अपने नुकसान की भरपाई के लिए इस परिवार को प्रताड़ित करना शुरु कर दिया. मजे की बात यह है कि पूरे कंपनी पर अरुण सोमन्ना का नियंत्रण था, कंपनी के फंड, प्रॉफिट और लॉस सबकी डिटेलिंग उसी के पास थी, इसके बावजूद उसने इस परिवार से वसूली करना शुरु कर दिया.
करीब 5 साल बाद दर्ज हुआ है FIR
इससे परेशान होकर पीड़ित परिवार कई बार पुलिस स्टेशन पहुंचा, शिकायत करने की कोशिश की, FIR कराने की कोशिश की लेकिन इतने बड़े पॉलिटिकल बैकग्राउंड से आने के कारण पुलिस ने भी अरुण सोमन्ना के खिलाफ FIR दर्ज नहीं किया. अब पीड़ित परिवार करे तो करे क्या..उनके पास कोई चारा नहीं था. दूसरी ओर अरुण सोमन्ना अब काल बनकर इस परिवार पर टूट पड़ा. उसने अपने गुंडों से कई बार इस परिवार की पिटाई कराई..करीब 2 सालों तक इन्हें बंधक बनाकर रखा. जब मन करता, इनकी पिटाई करता. कई बार इनसे ब्लैंक चेक पर साइन कराया.
स्थानीय पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही और इस कुकृत्य को होते देखती रही. बाप के पावर की धौंस में अरुण सोमन्ना ने इस परिवार को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया, तहस नहस कर दिया. इनकी हर चीज पर कब्जा कर लिया लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही. करीब 5 सालों से ये चीजें चली आ रही थी लेकिन इस मामले में FIR दर्ज नहीं हुआ था. अब जब मामला कोर्ट के संज्ञान में आया है तो कोर्ट के निर्देश पर स्थानीय पुलिस स्टेशन में इस मामले पर FIR दर्ज हुई है. हालांकि, अभी तक पुलिस ने इस मामले में आगे कोई कदम नहीं उठाया है.
राज्य में कांग्रेस की सरकार है. हमारी टीम ने दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं से बात करने का प्रयास किया. पार्टी के कुछ कार्यकर्ता और नेताओं से हमारी बातचीत भी हुई है और इस मामले पर शीघ्र ही कार्रवाई करने की बात कही गई है. पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात कही गई है. अब आगे इस मामले में पुलिस क्या कार्रवाई करती है और पीड़ित परिवार को कब तक न्याय मिलता है, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.