पंजाब के युवाओं में विदेश जाकर बसने का चलन कितना लोकप्रिय है, यह बताने की जरूरत नहीं है। पंजाब के हर 10 परिवारों में से 7 बच्चे या तो कनाडा या अमेरिका चले गए हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से यह चलन अब हरियाणा में भी देखने को मिल रहा है। हरियाणा के युवाओं में विदेश जाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। इनमें से कुछ वैध तरीके से तो कुछ अवैध तरीके से यानी डंकी के जरिए विदेश जा रहे हैं, जो जानलेवा साबित हो रहा है। विदेश जाकर डॉलर कमाने का सपना देखकर हरियाणा के युवा न सिर्फ लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं, बल्कि जीवन में संघर्षों का भी सामना कर रहे हैं। पंजाब के बाद अब हरियाणा के युवाओं में विदेश जाकर जल्दी पैसा कमाने का जुनून दिखाई दे रहा है। इसके पीछे कई मुख्य कारण हैं। आइए आपको सबकुछ विस्तार से बताते हैं।
करनाल के 300 लोग गए है डंकी से विदेश
जब भी डंकी के साथ विदेश यात्रा की बात आती है, तो करनाल का नाम ज़रूर आता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि करनाल जिले के हर गांव से लगभग बीस युवा विदेश गए हैं। करनाल के गगसीना गांव के सबसे ज़्यादा युवा देश छोड़कर गए हैं। गांव वालों के मुताबिक, गांव के 300 से ज़्यादा युवा देश छोड़कर गए हैं, जिनमें से ज़्यादातर डंकी के ज़रिए गए हैं। बेशक, गांव का हर युवा अपनी मंज़िल पर पहुंच चुका है, लेकिन करनाल के अलावा दूसरे जिलों के कई युवा अपनी मंज़िल पर पहुंचने से पहले ही जिंदगी से हार जाते हैं। और यह सब डंकी पर विदेश यात्रा करने वाले युवाओं के साथ होता है।
क्या होता है डंकी?
डंकी के रास्ते से विदेश जाना मतलब अवैध तरीके से विदेश जाना। इसमें 30 से 60 लाख रुपए का खर्च आता है। डंकी के रास्ते से विदेश जाना काफी जोखिम भरा है। इसमें आप विदेश जाने के लिए अपने घर से निकलते हैं, लेकिन आपको नहीं पता होता कि आप विदेश कब पहुंचेंगे। विदेश पहुंचने में 10 दिन से लेकर एक महीना या फिर एक महीने से लेकर एक साल भी लग सकता है। और इसमें आप बीच रास्ते में अपनी जान भी गंवा सकते हैं। आप एजेंट से फ्लाइट से जाने के लिए राजी हो जाते हैं। लेकिन आपको आधा सफर पैदल, नदी पार करके और बस से तय करना पड़ता है। रास्ते में खाना मिलना भी मुश्किल होता है। ऊपर से मौसमी कीड़े-मकौड़ों और जंगली जानवरों के काटने का डर भी रहता है। और इन सबके बाद अगर आप विदेश पहुंच भी गए तो विदेशी पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद तय होता है कि आपको विदेशी देश में शरण मिलेगी या नहीं।
हर साल दर्ज हो रहा मामला
डंकी रूट के बारे में करनाल की एएसपी पुष्पा खत्री ने बताया कि पुलिस उनके पास आने वाले किसी भी मामले की तुरंत जांच करती है और आरोपियों के नेटवर्क से संपर्क करती है। एएसपी के अनुसार, पिछले तीन सालों में डंकी के जरिए लोगों को विदेश भेजने के कई मामले सामने आए हैं। 2021 में 63, 2022 में 101 और 2023 में अब तक लोगों को विदेश भेजने के 47 मामले सामने आए हैं। इन सभी मामलों में पुलिस की जांच जारी है।
रोज़गार की तलाश में विदेशों का रुख
विदेश यात्रा की कोशिश कर रहे युवाओं से लेकर गांव के बुजुर्गों और वीजा विशेषज्ञों तक, सभी इस बात पर सहमत हैं कि ज़्यादातर युवा काम की तलाश में विदेश जाते हैं। जबकि कुछ लोग यह भी सोचते हैं कि देश की तेज़ जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोज़गारी बढ़ेगी, वहीं कुछ का मानना है कि सरकार को भारत में युवाओं के लिए नौकरी के अवसर प्रदान करने चाहिए ताकि उन्हें दूसरे देशों में भागना न पड़े। कम से कम उस अवैध तरीके से तो नहीं, जैसा कि डंकी।
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