जब किसी व्यक्ति के बाल सफेद होने लगते हैं तो ये उसके बुढ़ापे की निशानी बन जाती है। पहले बाल सफेद होने की उम्र 40 के बाद हुआ करती थी, लेकिन आजकल ये उम्र 40 से घटकर 14 साल हो गई है। जी वजह से कम उम्र के बच्चों को भी जवानी से पहले बुढ़ापे का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि हम अंधरूनी बुढ़ापे की नहीं बल्कि बाहरी बुढ़ापे की बात कर रहे हैं। क्योंकि 14 साल के बच्चों के बाल सफेद हो रहे हैं, जो बिल्कुल भी सामान्य बात नहीं है। और ये समस्या भारत और पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित दोना नानका गांव के छोटे बच्चों में बढ़ती जा रही है। यहां छोटे-छोटे बच्चों को सफेद बालों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि गंदे पानी की वजह से उनके बच्चों के बाल सफेद हो रहे हैं। हालांकि सरकारी डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में समय से पहले बाल सफेद होने का एक संभावित कारण पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है।
और पढ़ें: पंजाब के वो गांव जहां हैं शहरों जैसी सुविधाएं, ग्रामीणों के एक प्रयास से बदल गई गांव की तस्वीर
पंजाब में बच्चों के बाल सफेद होने का कारण
बीबीसी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फाजिल्का जिले के दोना नानका में छोटे बच्चों के सफेद बालों की वजह गंदा पानी है। गांव की एक महिला ने बीबीसी को बताया कि उसके बेटे के बाल बचपन से काले थे लेकिन पिछले दो-तीन सालों से उसके बाल सफेद होने लगे हैं और उन सफेद बालों को छिपाने के लिए उन्हें डाई का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। महिला का कहना है कि गांव का पानी दूषित है और उन्होंने पानी को शुद्ध करने के लिए आरओ लगाया है। गांव के एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि हम पीने के पानी के लिए आरओ का इस्तेमाल करते हैं लेकिन दूसरे कामों के लिए भी हम ऐसे पानी का इस्तेमाल करते हैं जो खराब गुणवत्ता का होता है। गंदे पन्नी के इस्तेमाल की वजह से बाल सफेद हो रहे हैं।
सतलुज को दूषित कर रही फैक्ट्रियां
एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि फैक्ट्री सतलुज नदी के पानी को प्रदूषित कर रही है। फैक्ट्री को बंद किया जाना चाहिए और नदी को साफ किया जाना चाहिए। गंदे पानी के कारण फसलें भी खराब हो रही हैं। गंदे पानी के कारण बच्चों के बाल सफेद होना, कैंसर और मिर्गी के दौरे जैसी गंभीर बीमारियाँ हो रही हैं। ग्रामीण ने आगे कहा कि गांव में पानी की सप्लाई भी कभी-कभार ही आती है, बाकी पानी इतना प्रदूषित हो चुका है कि जानवर भी उसे पीना नहीं चाहते।
बच्चों के बाल सफेद होने की साइंटिफिक वजह
इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय डॉक्टर का कहना है कि बच्चों के बालों के सफेद होने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हो सकते हैं। जैसे:
-शरीर में मेलेनिन का बनना बंद हो जाना
– शरीर में पोषक तत्वों की कमी
– विटामिन बी की कमी
– किसी तरह की सर्जरी या दवाईयां
– उचित नींद न लेना
– पढ़ाई या किसी अन्य चीज के कारण तनाव
– आनुवंशिकी
बता दें, पिछले साल पर्यावरण दिवस के मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस समस्या का जिक्र किया था कि किस तरह फैक्ट्री का कचरा सतलुज नदी में जाता है और यही पानी आगे गांवों में सप्लाई किया जा रहा है, जिससे बच्चों के बाल सफेद हो रहे हैं। हालांकि भगवंत मान सरकार ने इस मामले पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।