वृन्दावन के श्रीहित प्रेमानन्द महाराज जी के बारे में कौन नहीं जानता? देश-दुनिया में प्रसिद्ध प्रेमानंद महाराज सिर्फ कृष्ण नाम का जाप करते हैं और वृन्दावन में रहकर भक्ति पर उपदेश देते हैं। प्रेम मंदिर के बाद वृन्दावन में सबसे ज्यादा भीड़ प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए होती है। वहीं, कई लोग ऐसे भी हैं जो प्रेमानंद महाराज की भक्ति पर संदेह करते हैं और उन्हें झूठा संत तक कहते हैं। दरअसल, उनकी दोनों किडनी करीब डेढ़ दशक से खराब हैं और उनका नियमित डायलिसिस होता है। लोग उनकी बीमारी के बारे में पूछते हैं कि इतनी गंभीर बीमारी के साथ कोई इंसान इतने सालों तक कैसे जिंदा रह सकता है? क्या वाकई प्रेमानंद महाराज की किडनी खराब है या सिर्फ उनकी लोकप्रियता के लिए यह अफवाह फैलाई जा रही है। दरअसल, श्री आनंद कृष्ण ठाकुर जी महाराज के दरबार में एक भक्त ने यही सवाल पूछा था। इसके बाद जो हुआ उसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं प्रेमानंद जी महाराज
प्रेमानंद जी महाराज पिछले 18 वर्षों से किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं। प्रेमानंद जी महाराज का डायलिसिस भी होता है। इतनी खतरनाक बीमारी के बावजूद प्रेमानंद जी महाराज प्रतिदिन रात 2 बजे अपने निजी निवास श्री कृष्ण शरणम से पैदल चलकर रमणरेती स्थित राधाकेलि कुंज आश्रम पहुंचते हैं। अपनी पैदल यात्रा के दौरान महाराज प्रेमानंद देश भर से आने वाले भक्तों को अपने दर्शन देते हैं। श्रीहित प्रेमानंद महाराज का आश्रम वृन्दावन के राधा निकुंज रमणरेती मार्ग पर है। देशभर में उनके लाखों अनुयायी हैं।
ऐसे में उनके भक्त उनसे उनकी किडनी को लेकर भी सवाल पूछते हैं। जिस पर महाराज हंसते हुए कहते हैं कि यह राधा रानी की कृपा है कि वह इस गंभीर बीमारी के बाद भी जीवित हैं। अपने कई वीडियो में उन्होंने ऑपरेशन के घाव भी दिखाया ताकि भक्तों को ये समझाया जा सके कि उनकी किडनी वाकई खराब है।
प्रेमानंद महाराज पर क्या बोले श्री आनंद कृष्ण ठाकुर जी
जब एक भक्त ने वृन्दावन के गुरु आनंद कृष्ण ठाकुर जी से प्रेमानंद महाराज के बारे में पूछा कि क्या उनकी किडनी वाकई खराब है या इसके पीछे कोई और सच्चाई है। इस सवाल के जवाब में आनंद कृष्ण ठाकुर ने कहा कि प्रेमानंद महाराज सनातन धर्म के भीष्म पितामह हैं। उनका नियम है कि वह वृन्दावन को कभी नहीं छोड़ता। चाहे उनके पास कितना भी बड़ा वीआईपी क्यों न आ जाए, वह अपना रवैया नहीं बदलते। राधा के नाम का जाप करना और वृन्दावन में रहना जैसे गुणों के कारण उन्हें राधा रानी का आशीर्वाद मिला और यही कारण है कि इतनी गंभीर बीमारी के बावजूद भी वे आज भी जीवित हैं। उन्होंने प्रेमानंद महाराज को सनातन धर्म का सेलेब्रिटी बताया और कहा कि आज उन्हीं के कारण भक्त विरंदावन में श्री राधा रानी, कृष्ण से जुड़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रेमानंद महाराज मौह-माया से दूर रहकर अपनी भक्ति करते हैं इसलिए उन पर संदेह करना पाप के समान है। उनकी भक्ति बिल्कुल सच्ची है।
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