Babri Masjid Balbir Singh details: 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस (1992 demolition of Babri Masjid) में शामिल हरियाणा के पानीपत निवासी बलबीर सिंह ने घटना के बाद पश्चाताप में इस्लाम धर्म अपना लिया और अपना नाम बदलकर मोहम्मद आमिर (Balbir Singh becomes Mohammad Aamir) रख लिया। इन दिनों सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट वायरल हो रही हैं। वायरल खबर में बलबीर सिंह, जो अब मोहम्मद सिंह बन चुका है, को एक महान व्यक्ति के रूप में दिखाया जा रहा है। वह महान व्यक्ति, जिसने बाबरी विध्वंस के बाद अपने किए पर पश्चाताप महसूस किया और प्रायश्चित के तौर पर 100 मस्जिदें बनवाने का संकल्प लिया।
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जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अब तक 90 मस्जिदों के निर्माण में अपना योगदान दिया है। बलबीर से जुड़े ऐसे कई दावे सोशल मीडिया और विभिन्न समाचार वेबसाइटों पर किए गए हैं, लेकिन मामले की सच्चाई कुछ और ही निकली।
कारसेवकों के समूह में शामिल था बलबीर- Babri Masjid Balbir Singh details
हालांकि, इस घटना से जुड़े कुछ तथ्यों पर प्रश्नचिह्न भी उठते हैं। उदाहरण के लिए, आमिर ने बताया की 1 दिसंबर 1992 को वे अयोध्या में कारसेवकों के समूह में शामिल हुए। आमिर के अनुसार, बाबरी मस्जिद को गिराने के लिए गुंबद पर चढ़ने वाले वे पहले व्यक्ति थे। उन्होंने गुंबद पर कुदाल से कई बार हमला किया था। उन्होंने यह भी बताया कि वे बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा से बहुत प्रभावित थे और उसी के चलते वे शिवसेना में शामिल हुए और हिंदू समूहों के साथ काम करना शुरू किया।
इनसे मिलिए.. बलबीर सिंह से.
बाबरी मस्जिद तोड़ने वाली टीम का पहला आदमी…
अपनी गलती पर इतना शर्मिंदा हुआ कि इस्लाम कबूल कर लिया.. मोहम्मद आमिर नाम रख लिया..
इनको तो अक्ल आ गयीं पर औरो को कब आएगी???— BITTU SHARMA- بٹو شرما (@common000786Om) November 11, 2024
लेकिन जब ऑपइंडिया ने 6 दिसंबर 1992 की कार सेवा में शामिल रहे मुजफ्फरनगर के अम्बरीश गोयल से बात की तो अम्बरीश ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर कथित कारसेवक मोहम्मद आमिर उर्फ बलबीर की तस्वीर देखी है। कारसेवा के दौरान वह गुंबद तो दूर, कहीं भी मौजूद नहीं था। अम्बरीश गोयल ने इन खबरों को राम भक्तों का मनोबल गिराने की साजिश बताया और कहा कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करेंगे।
धर्मांतरण रैकेट का आरोपित आमिर उर्फ़ बलवीर का गुरु
इसके अतिरिक्त, आमिर उर्फ़ बलवीर के गुरु मौलाना कलीम सिद्दीकी पर जबरन धर्मांतरण के आरोप भी लगे हैं, जिससे इस घटना की सत्यता पर संदेह उत्पन्न होता है। बलवीर ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि देवबंद के मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kalim Siddiqui) से मिलने के बाद इस्लाम ने उस पर असर डाला है। कलीम सिद्दीकी के मदरसे में कुछ दिन बिताने के बाद बलवीर ने ईमान कबूलने (मुसलमान बनने) की बात कही थी। जनसत्ता के मुताबिक विवादित इमारत ढहाए जाने के बाद बलवीर कलीम सिद्दीकी की हत्या करने देवबंद भी गया था, लेकिन बाद में उसका इरादा बदल गया।
बार-बार बयान बदला बलबीर
बलबीर (Babri Masjid Balbir Singh details) ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि बाबरी विध्वंस के बाद उसके मन में डर बैठ गया था और वह उससे छुटकारा पाने के लिए कलीम सिद्दीकी के पास गया था, जबकि जनसत्ता जैसे संगठनों ने दावा किया कि बलबीर मौलाना कलीम सिद्दीकी की हत्या करने गया था और वहां उसका मन बदल गया। हालांकि वह इतने सारे वैद्यों और पंडितों से मिल-जुलकर थक चुका था, लेकिन उसकी चिंता बनी रही।
एक इंटरव्यू के दौरान आमिर ने बताया कि किसी और ने उसे कलीम सिद्दीकी के बारे में बताया था और कलीम के बारे में जाने के बाद वह उससे मिला था। मौलाना कलीम के माध्यम से इस्लाम धर्म अपनाने के बाद बलबीर चर्चा का हिस्सा बन गए।
मुस्लिम लड़की से बलबीर का निकाह
Opindia के मुताबिक, हैदराबाद भेजे जाने के बाद, बलबीर उर्फ आमिर ने दीनी इदारा या इस्लाम के बारे में ज्ञान फैलाने वाले स्कूल का संचालन शुरू किया।
यहीं पर बलबीर की मुस्लिम लड़की से शादी भी हुई थी। जुलाई 2021 में बलबीर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। यह मौत उस समय हुई जब उत्तर प्रदेश एटीएस कलीम सिद्दीकी के खिलाफ सबूत जुटाने में लगी थी। सितंबर 2022 में कलीम को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही उसके देशव्यापी धर्मांतरण नेटवर्क का भी पर्दाफाश हुआ, जिसमें ज्यादातर पीड़ित हिंदू समुदाय के थे।
हमारा शिवसैनिक नहीं था बलबीर
लल्लनटॉप जैसे संगठनों ने धर्म परिवर्तन करने वाले बलबीर को शिवसैनिक बताया था। इन आरोपों की पुष्टि के लिए ऑपइंडिया ने हरियाणा राज्य के युवा शिवसेना अध्यक्ष ऋतुराज से बात की। ऋतुराज ने साफ कहा कि बलबीर के शिवसैनिक होने की अफवाह में कोई सच्चाई नहीं है। ऋतुराज के अनुसार, ऐसी खबरें प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की साजिश के तहत फैलाई गई हैं।
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