Most Dangerous Space weapons: अंतरिक्ष हथियार तकनीक में तेजी से हो रहे विकास ने अंतरिक्ष को नई चुनौतियों और खतरों का क्षेत्र बना दिया है। जहां एक ओर अंतरिक्ष (Weaponized Satellites) का इस्तेमाल वैज्ञानिक शोध और शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर बड़े देश इसे सैन्य इस्तेमाल के लिए तैयार कर रहे हैं। अंतरिक्ष हथियारों का मुख्य उद्देश्य दुश्मन के सैटेलाइट को निष्क्रिय करना, मिसाइलों को ट्रैक करना और अंतरिक्ष से धरती पर हमला करना है। आइए जानते हैं दुनिया के 5 सबसे खतरनाक अंतरिक्ष हथियारों (world deadliest Space Weapons) के बारे में, जो पलक झपकते ही तबाही मचा सकते हैं।
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मिसाइल- Most Dangerous Space weapons
अंतरिक्ष हथियारों की सूची में मिसाइल का नाम सबसे पहले आता है। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार, मिसाइलें एक सहस्राब्दी से अस्तित्व में हैं। हालाँकि, रॉकेट के शुरुआती इस्तेमाल के बारे में कोई विश्वसनीय, सटीक जानकारी नहीं है। हालाँकि, माना जाता है कि रॉकेट चीन से आया था। इसके बाद, यूरोप ने इसे अपनाया। भारत में, रॉकेट का इस्तेमाल मूल रूप से 18वीं शताब्दी में किया गया था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यह तकनीक काफी उन्नत हुई और संघर्ष के दौरान सैकड़ों मिसाइलें लॉन्च की गईं। सबसे खतरनाक अंतरिक्ष हथियारों में से एक मिसाइल है।
हथियारबंद सैटेलाइट
कई उपग्रह ग्रह की परिक्रमा करते हैं, लेकिन वे केवल मौसम या अन्य विषयों पर डेटा एकत्र करने के लिए नहीं हैं। इसके अतिरिक्त, बहुत से देश गुप्त रूप से हथियारबंद उपग्रह बना रहे हैं। बाह्य अंतरिक्ष संधि में कहा गया है कि ऐसे उपग्रह बनाना नियमों के विरुद्ध होगा और इस पर सख्त प्रतिबंध है।
द मैगनेटो हाइड्रोडायनेमिक एक्सप्लोसिव म्यूनिशन (MAHEM)
2008 में, मैग्नेटो हाइड्रोडायनामिक एक्सप्लोसिव म्यूनिशन का खुलासा हुआ। यह एक ऐसा उपकरण है जो पिघली हुई धातुओं को नष्ट करता है और उन्हें बाहर निकलने से रोकता है। आर्थर सी. क्लार्क ने अपने 1955 के काल्पनिक उपन्यास अर्थलाइट में इस हथियार का निर्माण किया था।
अल्माज
अल्माज एक रूसी अंतरिक्ष स्टेशन है (world deadliest Space Weapons)। अमेरिका के साथ शीत युद्ध के दौरान 1960 में इसका निर्माण किया गया था। इसका निर्माण रूस ने समुद्र में लक्ष्य खोजने और उन्हें नष्ट करने के इरादे से किया था।
प्रोजेक्ट थेल
टैक्टिकल हाई एनर्जी लेजर प्रोग्राम या प्रोजेक्ट थेल 1996 से 2005 तक चला। नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन के अनुसार, अमेरिका और इजरायल ने मिलकर इस प्रोजेक्ट को शुरू किया था। दस साल की इस परियोजना के दौरान, 46 तोपें, रॉकेट और मोर्टार राउंड नष्ट किए गए। फिलहाल यह परियोजना शुरू नहीं हुई है। हालांकि, नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन का दावा है कि अमेरिकी सेना के लिए इस तकनीक में संशोधन किया जा रहा है।