खेलों का महाकुंभ ओलंपिक आखिरकार खत्म हो ही गया। इस साल का ओलंपिक भारत के लिए काफी खास रहा। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने अब तक के सबसे ज्यादा कुल 7 मेडल जीते। 13 साल का गोल्ड का इंतेजार खत्म हुआ और साथ ही साथ हॉकी टीमों के जबरदस्त के प्रदर्शन से देश में एक बार फिर इस खेल को पहचान दिलानी शुरू की। भारत के लिए ओलंपिक का सफर मीराबाई चानू के वेटलिफ्टिंग से शुरू हुआ था और ये खत्म हुआ नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल जीतने पर।
क्यों ओलंपिक में नहीं खेला जाता क्रिकेट?
ओलंपिक में वैसे तो कई तरह के खेल खेले जाते हैं, लेकिन एक खेल ऐसा है, जिसे भारत समेत कई देशों में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है, फिर भी वो ओलंपिक का हिस्सा नहीं। जी हां, हम क्रिकेट की ही बात कर रहे हैं। क्रिकेट में भारत की क्या दीवानगी है, इसके बारे में तो किसी को बताने की जरूरत ही नहीं।
लगभग हर घर में आपको एक क्रिकेट प्रेमी मिल ही जाएगा। उन क्रिकेट प्रेमियों के दिमाग में कभी ना कभी ये ख्याल तो जरूर आया होगा कि आखिर उनका ये पसंदीदा खेल ओलंपिक का हिस्सा नहीं?
वहीं क्योंकि भारतीय टीम क्रिकेट के मामले में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों से में एक हैं, इसलिए कई लोगों का मानना है कि अगर क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल कर दिया जाए तो भारत का एक मेडल तो पक्का हो ही सकता है। ओलंपिक का हिस्सा क्रिकेट क्यों नहीं है? आइए इसके पीछे की वजह आपको बताते हैं…
क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल करने की हुई थी कोशिश
दरअसल, ऐसा नहीं है कि क्रिकेट कभी ओलंपिका का हिस्सा ही नहीं रहा। जी हां, एक बार ओलंपिक में क्रिकेट खेला जा चुका है। साल 1896 जब ओलंपिक खेलों का पहली बार आयोजन किया जा रहा था, तो क्रिकेट को इसमें शामिल करने की कोशिश हुई। लेकिन उस दौरान कोई टीम हिस्सा लेने के लिए मौजूद ही नहीं थी, जिसकी वजह से इसके आयोजन को रद्द करना पड़ा।
1900 में खेले गए ओलंपिक का हिस्सा था क्रिकेट
फिर आया साल 1900। इस दौरान भी क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल किया गया। तब ही ओलंपिक में पहली और अब तक तो आखिरी बार क्रिकेट खेला गया था। उस दौरान 4 टीमों ने क्रिकेट में हिस्सा लिया था, जिसमें शामिल थीं- नीदरलैंड्स, बेल्जियम, ब्रिटेन और फ्रांस। लेकिन मुकाबले से पहले दो टीम बेल्जियम और नीदरलैंड्स ने अपना नाम अचानक वापस ले लिया था। फिर बची थीं दो ही टीम फ्रांस और ब्रिटेन। जी हां, वहीं फ्रांस जिसका आज क्रिकेट से कोई लेना देना तक नहीं है।
फिर इन दोनों टीमों के बीच ही ओलंपिक में क्रिकेट का मैच खेला गया था, उसे ही फाइनल मान लिया गया। मैच भी बेहद खास था, क्योंकि इसमें 11 की जगह 12 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इसके अलावा जहां उस दौरान मैच 5 दिनों के होते थे, ये मैच दो दिन खेला गया था, जिसमें जीत हुई थी ब्रिटेन की।
इसके बाद तीसरे ओलंपिक में भी क्रिकेट को शामिल करने की कोशिश हुई, लेकिन टीम नहीं मिलने की वजह से इसे रद्द कर दिया गया और इसके बाद से ही क्रिकेट ओलंपिक का हिस्सा नहीं।
ये मानी जाती है इसके पीछे की वजह…
– क्रिकेट भले ही कई देशों में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता हो, लेकिन कई देश ऐसे भी हैं, जो इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाते। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केवल 10-11 देश ही ऐसे हैं, जिन्हें टेस्ट क्रिकेट खेलने का दर्जा मिला हुआ है। अमेरिका, चीन समेत कई देशों में क्रिकेट नहीं खेला जाता, जो ओलंपिक में इसके शामिल नहीं होने की बड़ी वजह है।
– इसके अलावा एक कारण ये भी है कि क्रिकेट मैच के लिए कई चीजों की जरूरत पड़ती है। मैच के आयोजन के लिए बड़ी पिच तैयार करना चुनौती होती है। जबकि दूसरे खेलों के साथ ऐसा नहीं है। कई खेल ऐसे है, जिनके ट्रैक एक बार बना दिए जाए, तो पूरे ओलंपिक में चलते है।
– साथ ही क्रिकेट के लिए ऐसे स्टेडियम की जरूरत होती है, जहां इसके अलावा कोई दूसरा खेल नहीं खेला जाए। अब ओलंपिक में एक साथ में कई खेल खेलें जाते है, इसलिए ऐसा कर पाना मुश्किल होता है।
– ओलंपिक में क्रिकेट का हिस्सा नहीं होने की एक वजह समय भी है। दरअसल, क्रिकेट मैच काफी लंबे चलते हैं। अगर एक टी-20 मैच भी देख लें तो वो साढ़े तीन से चार घंटों तक चलता है।
तो क्या क्रिकेट नहीं हो सकता ओलंपिक में शामिल?
ऐसा नहीं है कि अब ओलंपिक में क्रिकेट शामिल नहीं हो सकता। कई नई खेल ओलंपिक में शामिल होते रहते है, लेकिन 2024 और 2028 में ऐसा होने की संभावना कम है। क्योंकि 2014 ओलंपिक का आयोजन पेरिस और 2028 का लॉज एंजेलिस में। फ्रांस और अमेरिका ये दोनों ही देश क्रिकेट में दिलचस्पी नहीं रखते, इसलिए ये ओलंपिक में इसे शामिल नहीं करेंगे। इन देशों में क्रिकेट के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाएं और स्टेडियम का अभाव भी है।
वहीं भारत ने क्रिकेट को ओलंपिक का हिस्सा बनाने का समर्थन किया है। BCCI सचिव जय शाह ने कहा कि अगर एक बार क्रिकेट ओलंपिक में शामिल हो गया तो इसमें भारतीय टीम उसमें जरूर हिस्सा लेगी।