बजट के दौरान क्यों निभाई जाती है हलवा सेरेमनी की रस्म
1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट (Budget 2023) पेश करेंगी। बजट को पेश करने के लिए लंबे समय से तैयारी की जाती है। साथ ही बजट पेश करने से पहले हलवा भी बनाया जाता है। वहीं आज हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि बजट पेश करने से पहले हलवा सेरेमनी को मनाने के पीछे की वजह क्या है .
इस वजह से मनाई जाती है हलवा सेरेमनी
दरअसल, बजट पेश करने से पहले इस मौके पर कुछ मीठा खाने की अनूठी परंपरा है और इस परंपरा को ही हलवा सेरेमनी (Halwa Ceremony) कहते हैं. परंपरा के अनुसार यूनियन बजट (union budget) पेश होने से पहले वित् मंत्रालय (Ministry of Finance) हलवा बनवाकर मंत्रालय के सभी कर्मचारियों में बंटवाता है और मुंह मीठा करने के बाद सभी कर्मचारी बजट के काम में लग जाते हैं. नियम के अनुसार, हर साल वित्त मंत्रालय द्वारा 1 फ़रवरी को देश का आम बजट पेश करती हैं लेकिन शुरू से चलाई आ रही परंपरा के अनुसार बजट पेश होने से 1 हफ्ते पहले वित्त मंत्रालय द्वारा एक हलवा सेरेमनी का आयोजन होता है इस बार 26 जनवरी (गुरुवार) को हलवा सेरेमनी की रस्म को मनाया जाता है और वित्त मंत्रालय द्वारा ये हलवा बनाया जाता है. यह हलवा वित्त मंत्रालय के सभी कर्मचारियों को बांटा जाता है. मुंह मीठा करने के बाद सभी कर्मचारी बजट के काम में जुट जाते हैं और फिर 1 फ़रवरी को बजट पेश किया जाता है.
हलवा सेरेमनी के बाद 1 हफ्ते रहना होगा घर से दूर
बजट से पहले हलवा सेरेमनी (Halwa Ceremony) बहुत खास होती है लेकिन सेरेमनी के बाद यानी 26 जनवरी के बाद से अगले सात दिन 1 फरवरी तक वित्त मंत्रालय के सभी कर्मचारियों को घर जाने की मनाही होती है ताकि बजट पेश होने से पहले से पहले बजट की सारी अधिकारिक जानकारी मंत्रालय से बाहर न जा पाए.
हर साल मनाई जाती है हलवा सेरेमनी
हलवा सेरेमनी की रस्म हर साल मनाई जाती है लेकिन पिछले साल 2022 में कोरोना के सख्त नियमों के चलते बजट पेश होने से पहले मनाई जाने वाली हलवा सेरेमनी नहीं मनाई गई थी इसके चलते वित्तमंत्रालय की तरफ से एक जानकारी दी गई थी जिसमे कहा गया था कि हलवे की बजाय कोर स्टॉफ को उनके कार्यस्थलों पर लॉकडाउन के कारण मिठाई दी गई.
इस बार 6 अप्रैल तक चलेगा बजट सत्र
एक जरूरी बात आपको बता दें, कि इस बार 31 जनवरी से शुरू हो रहा बजट सत्र 6 अप्रैल तक चलेगा . बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा की बैठक को संबोधित करेंगी. पूरे बजट सत्र के दौरान 27 बैठकें होंगी. सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 14 फरवरी तक रहेगा. करीब एक महीने की छुट्टियों के बाद बजट सत्र का दूसरा चरण 12 मार्च से शुरू होगा और यह 6 अप्रैल तक चलेगा.
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