दुनिया भर में अगर यूं कह लें कि कोरोना काल चल रहा है, तो ये कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा. हर रोज़ इस वायरस से जुड़ी तमाम खबरें आपके सामने आती हैं. जिसके चलते इससे जुड़े कुछ ऐसे नए शब्द आम बोलचाल के समय इस्तेमाल होने लगे हैं. जिनका शायद इससे पहले अर्थ भी नहीं पता होगा. ऐसा भी हो सकता है कि इससे पहले शायद ये शब्द आपने कभी सुने ही न हों. अगर अभी भी इन शब्दों को लेकर आके दिमाग में कंफ्यूज़न है तो परेशान न हों, इन सभी शब्दों का मतलब साफ़ सरल भाषा में हम आपको समझायेंगे. जिसके बाद इन शब्दों का मतलब आप अपने दिमाग से भुलाए नहीं भूल पायेंगे.
लॉकडाउन
दुनिया भर में कई देशों ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लॉकडाउन का रास्ता अपनाया है. भारत भी उन में से एक हैं. 24 मार्च की रात 8 बजे पीएम मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी. लॉकडाउन भी कर्फ्यू जैसा ही होता है. इसमें आपको घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी जाती है. इसमें बस जरूरी सेवाओं और जरूरी काम के लिए आप घर से बाहर निकल सकते हैं. हालांकि इसमें कर्फ्यू जितनी सख्ती नहीं होती है.
आइसोलेशन/सोशल डिस्टैंसिंग
आईसोलेशन का मतलब है खुद को दूसरों से अलग रखना जबकि सोशल डिस्टेंसिंग का अर्थ है दूसरों से दूरी बनाकर रखना. ये उन बिमारियों से लड़ने में काफी कारगर होता है जो संक्रमण फैलाने वाली होती है. भीड़भाड़ में रहने से ये बीमारी फैलने का खतरा ज्यादा रहता है. आईसोलेशन का मतलब खुद को अकेले कहीं कैद कर लेना ताकि कोई आ जा न सके. सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब होता है कि आप लोगों से एक निश्चित दूरी बनाएं रखें.
जनता कर्फ्यू
ये शब्द पहली बार 19 मार्च 2020 में लोगों के बीच आया, और आते ही हर की जुबान पर चढ़ गया. पीएम मोदी ने कोरोना से लड़ने के लिए 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था जिसका समय सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक था. हालांकि जनता कर्फ्यू और कर्फ्यू में फर्क होता है, कर्फ्यू प्रशासन द्वारा जबरन लगाया जाता है. इस दौरान इंसान को जरूरी काम के लिए घर से बाहर निकलने की अनुमति होती है. अगर कर्फ्यू का उल्लंघन किया तो आप पर कार्रवाई भी हो सकती है. जबकि जनता कर्फ्यू स्वेच्छा से होता है. इसके बाहर निकलने पर आपको कोई सजा नहीं हो सकती.
क्वॉरंटाइन
क्वॉरंटाइन का मतलब होता है किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से पीड़ित को कुछ समय के लिए अलग रखा जाना ताकि ये बीमारी दूसरों में न फ़ैल पाए. बीमारी रोकने के लिए क्वॉरंटाइन सख्ती से किया जाता है. आइसोलेशन और क्वॉरंटाइन में यही फर्क है. आइसोलेशन अपनी मर्जी से भी हो सकता है और जबरन भी लेकिन क्वॉरंटाइन जबरन होता है.
पीपीई
PPE का अर्थ होता है Personal protective equipment या व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण. किसी इंसान के शरीर को जख्म या संक्रमण से बचाने के लिए तैयार किए गए कपड़े, हेलमेट, चश्मा या किसी अन्य कपड़ा या उपकरण को पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट कहा जाता है. जैसे अभी कोरोना से बचने के लिए मास्क, सैनिटाइजर आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है. तो ये सभी उपकरण पीपीई के अंतर्गत आते हैं.