मुंबई का प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर श्रद्धालुओं की अटूट आस्था और विश्वास का प्रतीक है। हर साल यहां करोड़ो रुपये का चढ़ावा भगवान को भेंट किया जाता है। जिस वजह से इसे देश के अमीर मंदिरों की गिनती में शुमार किया जाता है। अभी हाल ही में एक अज्ञात व्यक्ति ने मंदिर में तकरीबन 35 किलो सोना चढ़ाया है। इस सोने की कीमत करीब 14 करोड़ मानी जा रही है। इस सोने का प्रयोग मंदिर के गुंबद और दरवाजों पर किया जाएगा। वैसे तो इस मंदिर में ऐसा ज्यादातर होता आया है लेकिन इतनी भारी भरकम राशि मंदिर के 219 साल के इतिहास में पहली बार चढ़ाई गई है। फिलहाल दानदाता के नाम का खुलासा नहीं हो पाया है। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कब कब सोने के महंगे दान से चमक उठा मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर।
हर साल चढ़ाया जाता है करोड़ों का दान
इस दान के बाद अब मंदिर को मिले कुल दान की राशि 410 करोड़ हो गई है। हर साल मंदिर को 100 मिलियन से 150 मिलियन कुल दान की धनराशि मिलती है। जिस वजह से सिद्धिविनायक मंदिर का ट्रस्ट मुंबई का सबसे अमीर ट्रस्ट है। इस दान से मंदिर की आय में भी काफी इजाफा हुआ है। ट्रस्ट के अध्यक्ष आदेश बांदेकर ने जानकारी दी थी कि 2017 में मंदिर को कुल 320 करोड़ रुपए का दान मिला। वहीं, 2019 में यह दान की रकम बढ़कर 410 करोड़ रुपए हो गई।
नोटबंदी के दौरान हुआ था इजाफा
सिद्धिविनायक मंदिर में 8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी के दौरान भी सिद्धिविनायक मंदिर मालामाल हो गया था। आश्चर्यजनक बात तो ये रही कि नोटबंदी के एलान के बाद मंदिर में चढ़ावे की दर में 50 प्रतिशत का इजाफा पाया गया। वैसे मंदिर में औसतन एक हफ्ते में 35-40 लाख रुपये दान निकलता था। लेकिन नोटबंदी के दौरान एक हफ्ते में 60 लाख रुपये चढ़ाये गए। इस दान में 500 और 1000 के पुराने नोटों की संख्या भी काफी मिली।
9.81 लाख सोना किया गया दान
ऐसा भारी भरकम दान साल 2012 में भी देखने को मिला था जब चढ़ावे में चढ़ाये गए सोने की नीलामी हो गई थी। मंदिर ने इस दौरान करीब 35.89 लाख के सोने के गहनों की नीलामी की थी। इन गहनों में से 9.81 लाख के सोने के गहने बिजनेसमैन प्रदीप भवानी ने खरीदे जिन्हें वापस ट्रस्ट को दान कर दिया गया। इसके पीछे का मकसद था कि ताकि उस धन की ट्रस्ट फिर से नीलामी कर सके और धन प्राप्त कर सके जिससे ज्यादा से ज्यादा जनकल्याण हो।
दान में दिया था हीरे से जड़ा फोन
इसके अलावा साल 2008 में सिद्धिविनायक में हीरे से जड़ा फोन दान में दिया था। उस दौरान वो फोन तीन लाख 33 हज़ार रुपये का था। मंदिर ने इस फोन को जरूरतमंदों की मदद करने के लिए नीलाम कर दिया था। जिसके बाद एनसीपी नेता प्रताप सरनाईक ने इसे 15,55,555 रुपये में खरीदा था और अजित पवार को उनके जन्मदिन पर गिफ्ट किया था। बाद में पवार ने ये फोन दोबारा सिद्धिविनायक को सौंप दिया ताकि इसकी दोबारा बोली लगाई जा सके।