बुधवार को देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी में हैं। 26 जनवरी का दिन हमारे लिए खास महत्व रखता हैं। हर साल धूमधाम से रिपब्लिक डे मनाया जाता हैं। इस दौरान राजपथ पर होने वाली परेड के साथ अलग-अलग राज्यों की झांकियां भी देखने को मिलती हैं।
गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं। वहीं हर साल के दिन स्वंतत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के दिन भी लाल किले पर ध्वजारोहण किया जाता हैं। क्या आपको इन दोनों में फर्क मालूम है? क्या आपको पता है कि इन दोनों राष्ट्रीय दिवस पर झंडा फहराने में क्या अंतर होता है? नहीं, तो आइए जानते हैं इसके बारे में…
राष्ट्रीय ध्वज देश की शान और गौरव का प्रतीक है। 26 जनवरी और 15 अगस्त इन दोनों ही खास दिनों पर झंडा फहराने की परंपरा चली आ रही है। लेकिन अधिकतर लोग ये नहीं जानते कि इन दोनों दिन झंडा फहराने में फर्क क्या होता है।
दरअसल, 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर खींचा जाता है और फिर फहराया जाता है। इसे ध्वजारोहण कहते हैं। दरअसल, जब भारत को आजादी मिली तो ब्रिटिश गवर्नमेंट ने अपना झंडा उतारकर भारत के तिरंगे को ऊपर चढ़ाया था। इस वजह से ही हर साल 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा ऊपर खींचा जाता है और फिर फहराया जाता है।
वहीं बात 26 जनवरी यानी रिपब्लिक डे की करें तो इस दिन राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है। इसे सिर्फ फहराया जाता है। इसलिए इसे झंडा फहराना कहते हैं।
गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं, तो वहीं 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते आ रहे हैं। 15 अगस्त के दिन मुख्य कार्यक्रम लाल किले पर आयोजित होता है। इस दौरान पीएम देश को संबोधित भी करते हैं। वहीं 26 जनवरी को राजपथ पर कार्यक्रम आयोजित होता है।