दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर बरकरार है, इसका इलाज ढूंढ़ने के लिए दुनिया के तमाम विज्ञानिक व्यस्त हैं, लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है, इस जानलेवा वायरस का हल अभी तक सिर्फ ये ही है कि आप खुद का ध्यान रखें और घर में ही रहें.
हालांकि, कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी द्वारा कुछ अहम तथ्य शेयर किए गए हैं. जिनमें इस वायरस से जुड़ी खास जानकारियां, इससे बचने का तरीका और क्या-क्या नहीं करना चाहिए ये सभी बताया गया है, आइए आपको भी बताते हैं…
“न मरता है और न ही जिंदा जीव है“
कोरोना वायरस किसी तरह का कोई जिंदा जीव नहीं है और ना ही ये मरता है, लेकिन हां ये एक प्रोटीन मॉलीक्यूल (DNA) है. जो कि लिपिड (वसा या फैट) की परत से घिरा है. इसे जब नाक या आंख या बुक्कल म्यूकोसा (एक तरह का मुख कैंसर) की सेल्स से सोखा जाता है तो ये इनके जेनेटिक कोड में बदलाव कर आक्रामक और मल्टीप्लायर सेल्स में बदल देता है.
वसा की परत
सिर्फ एक चीज जो इससे बचाती है वो उसकी पतली बाहरी परत या फिर फैट है. इसलिए डिटर्जेंट या साबुन इसका सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि फोम फैट या वसा को काटता है. ऐसे में आपको अपने हाथों को 20 सेकेंड्स या उससे ज्यादा समय के लिए रगड़कर धोना चाहिए जिससे काफी सारा झाग बने.
इसके अलावा आपको ज्यादा गर्म पानी से अपने हाथ, कपड़ों और अन्य दूसरी चीजों को धोना चाहिए. बता दें कि गर्म पानी से ज्यादा से ज्यादा झाग बनता है और ये अधिक कारगर साबित होता है.
सतह पर चिपक जाता है
भूलकर भी इस्तेमाल किए हुए कपड़े या फिर बिना इस्तेमाल किए हुए कपड़ों को न झटकें. वो बात अलग है कि ये पोरस (सरंध्र) सतह पर चिपकता है और फैब्रिक और पोरस चीजों पर 3 घंटे के बाद खत्म होता है. चार घंटों तक ये कॉपर की सतह पर रहता है. ऐसा इस वजह है क्योंकि इसकी नमी इन पदार्थों पर सूखती है.
वायरस का प्रोटीन
आपको बता दें कि वायरस मॉलीक्यूल काफी ठंड होने पर बहुत समय तक रहता है. साथ ही ये बहुत देर तक घर और कार में लगे एयर कंडीशनर्स पर भी टिक रह सकता है. ये स्किन कैंसर और झुर्रियां कर सकता है. हालांकि ये वायरस स्वस्थ त्वचा में नहीं जा सकता है.
इसलिए ध्यान रहे आपको अपने हाथों को बार-बार धोना चाहिए. इसके बाद हाथों को नम करें, क्योंकि मॉलीक्यूल माइक्रो क्रैक्स में छिप सकते हैं. इसके अलावा अपने नाखून को छोटे ही रखें, जिससे कि इनमें वायरस न छिप सके.