विंटर ओलंपिक 2022 का आयोजन चीन के बीजिंग में 4 फरवरी से शुरू हो रहा है। विंटर ओलंपिक 4 फरवरी से 20 फरवरी तक चलेंगे। इन विंटर ओलंपिक का हिस्सा 91 देशों के खिलाड़ी ले रहे हैं। खेलों में कुल 2871 एथलीट शामिल होंगे, जिनमें 1581 पुरुष और 1290 महिला खिलाड़ी अपने देशों का प्रतिनिधित्व करते नजर आएंगे। विंटर ओलंपिक में इस बार कुल 7 खेल होंगे, जिनमें 100 से ज्यादा इवेंट शामिल रहेंगे। बीजिंग नेशनल स्टेडियम में इन ओलंपिक का उद्घाटन समारोह होना है। यहीं पर 2008 के ओलंपिक खेलों का उद्धाटन भी आयोजित हुआ था। ठंड और कोरोना के चलते इस समारोह में 100 मिनट तक ही चलेगा।
अब जब विंटर ओलंपिक का आयोजन हो रहा है। ऐसे में आइए जान लेते हैं इन ओलंपिक खेलों से कुछ इंरेस्टिंग बातें…
क्या है विंटर ओलंपिक?
विंटर ओलंपिक जैसे नाम से ही साफ हो रहा है, इनका आयोजन बर्फीले माहौल में ही आयोजित होता है। यानी उन देशों को इन ओलंपिक की मेजबानी करने का जिम्मा दिया जाता है, जहां ठंड और बर्फ पड़ती हैं। साथ ही बर्फ से जुड़े इवेंट्स को इसमें शामिल किया जाता है। जिसमें आइस स्केटिंग, आइस डॉकी, फिगर स्केटिंग, स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग जैसे खेल शामिल रहते हैं।
समर और विंटर ओलंपिक में क्या फर्क?
अब बात करते हैं कि आखिर ओलंपिक और विंटर ओलंपिक में फर्क क्या होता है? वैसे तो इन दोनों का ही आयोजन इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) करती हैं। ये दोनों ही दो साल के अंतर में होते हैं। समर ओलंपिक की ही तरह इन ओलंपिक का भी आयोजन दो से तीन हफ्तों में होता है।
ओलंपिक और विंटर ओलंपिक का आयोजन दो सालों के अंतर पर होता है। जैसे जब 2016 में रियो में ओलंपिक हुए, तो विंटर ओलंपिक का आयोजन 2018 में किया गया। वहीं 2020 में समर ओलंपिक होने थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते ये टल गए। जिसके बाद 2021 में समर ओलंपिक का आयोजन हुआ और अब बीजिंग में विंटर ओलंपिक शुरू हो रहे हैं। दोनों में फर्क इतना है कि समर ओलंपिक्स गर्मियों में खेले जाने वाले गेम्स का इवेंट है। वहीं विंटर ओलंपिक्स बर्फीले माहौल में।
कब हुई विंटर ओलंपिक की शुरूआत?
पहले इन दोनों का आयोजन एक साथ ही किया जाता है। ओलंपिक की शुरुआत 1896 में हुई थी। पहली बार एथेंस में इनका आयोजन हुआ था। ये खेलों में दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन था। 1992 तक समर और विंटर ओलंपिक दोनों का आयोजन साथ होता रहा। लेकिन फिर IOC ने इनको अलग कर दिया। विंटर ओलंपिक का पहली बार अलग से आयोजन साल 1994 में हुआ था।
विंटर ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन?
नॉर्वे, यूएई और जर्मनी का प्रदर्शन विंटर ओलंपिक में सबसे बेहतर अब तक रहा है। इन देशों के खिलाड़ियों ने सबसे ज्यादा मेडल जीते। इसके अलावा स्विजरलैंड, कनाडा, फ्रांस, फिनलैंड और स्वीडन भी लगातार मेडल जीतते रहते हैं। बात भारत की करें तो इस इवेंट में इंडिया की खास मौजूदगी नहीं रही। इंडिया को अब तक एक भी मेडल इन गेम्स में नहीं मिला। इस बार के ओलंपिक में भी केवल एक ही भारतीय हिस्सा ले रहा है। अल्पाइन स्कीयर मोहम्मद आरिफ खान इन खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
कोरोना के बीच चीन ने ऐसी की विंटर ओलंपिक की तैयारियां
अब आते हैं इस साल के विंटर ओलंपिक पर। चीन ने इन ओलंपिक को लेकर काफी तैयारियां की हैं। चीन में ऐसे वक्त में इन ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है, जब पूरी दुनिया में कोरोना का खतरा मंडरा रहाहै। ऐसे में चीन के लिए इसका सफल आयोजन कराना चुनौती बना हुआ है। सबसे बड़ी चुनौती खिलाड़ियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य है, इसलिए से विंटर ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों के रोजाना टेस्ट किए जा रहे हैं। किसी भी खिलाड़ी को होटल और आयोजन स्थलों से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही।
चीन ने खेलों के लिए ‘क्लोज लूप सिस्टम’ लागू किया है। ऐसा कहा जा रहा है कि इसके पहले दुनिया में कहीं भी किसी खेल आयोजन के लिए इस तरह के इतने सख्त नियम लागू नहीं हुए। अधिकारियों की मानें तो नियमों के मुताबिक जो भी लोग खेलों से संबंधित होंगे, उन्हें एक एक लूप के अंदर रहना होगा। जिससे उन तक कोरोना का संक्रमण ना पहुंचे।
नकली बर्फ का किया इस्तेमाल क्यों कई देश कर रहे ओपनिंग सेरेमनी का बहिष्ट
विंटर ओलंपिक को सफल बनाने में चीन पूरी कोशिशों में जुटा है। इसके लिए चीन ने नकली यानी कृत्रिम बर्फ का इस्तेमाल किया है। यानी इन खेलों में जो भी बर्फ होगी, वो पूरी तरह से नकली होगी। बीजिंग पहला शहर होगा, जो विंटर ओलंपिक में पूरी तरह कृत्रिम बर्फ का इस्तेमाल करेगा। जलवायु परिवर्तन के चलते इस तरह का फैसला लिया गया है। इन खेलों के लिए इटली की टेक्नोएल्पिन नाम की कंपनी से बर्फ बनाने वाली मशीनों को लाया गया है। नवंबर से ही इन मशीनें कृत्रिम बर्फ को निकाली जा रही हैं।
क्यों कई देश कर रहे ओपनिंग सेरेमनी का बहिष्कार?
हालांकि इस बीच बीजिंग में होने वाले विंटर ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी का कई देशों की तरफ से बहिष्कार किया गया। भारत ने भी यही फैसला लिया है। इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा समेत दुनिया के 15 देश उसके विरोध में हैं। इन सभी देशों ने इन खेलों की ओपनिंग और क्लोजिंग सेरिमनी में अपने राजनयिकों के हिस्सा नहीं लेने का ऐलान किया है।
दरअसल, चीन इन खेलों में अपना मशालवाहक अपने उस सैनिक को बनाया, जो 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुए खूनी संघर्ष में शामिल था। जिसकी वजह से भारत इसके विरोध में हैं।