भारत की अगर हिस्ट्री उठाकर देखें तो यहां सत्ता के लिए आक्रमण और हमले होते ही रहे। कब किस राजा के साम्राज्य पर हमला हो जाए कहा नहीं जा सकता है, कब किस राज्य का तख्तापलट हो जाए ये भी कहा नहीं जा सकता था तब के समय में। ऐसे में राजाओं-महाराजाओं को डर होता था की कही उनकी जान पर न बन आए और इसके लिए वो इमरजेंसी के सिचुएशन में छुपने के लिए अपने लिए किले बनाया करते थे।
हालांकि अब ये किले देश की शान बने चुके हैं। इन्हीं में से एक है किला है हैदराबाद में, जिसे लोग दूर दूर से देखने आते हैं। हम बात कर रहे हैं गोलकोंडा किले की। जानेंगे इस बारे में सबकुछ, जैसे क्या खासियत है इसकी और इसकी चर्चाओं में रहने क्या है असली वजह?
कब और कैसे बनाया गया ये किला?
हैदराबाद के एक अहम टूरिस्ट प्लेस में ये किला शुमार है जो कि मानव निर्मित सबसे बड़ी झीलों में से एक हुसैन सागर झील से करीब करीब नौ किलोमीटर दूर स्थित है। साथ ही इस एरिया के सबसे संरक्षित किए गए स्मारकों में से ये किला एक है। कहते हैं कि इस किले को 1600 के दशक में बनाना शुरू किया गया, लेकिन 13वीं शताब्दी में ही इसे बनाने की शुरुआत कर दी गई काकतिया राजवंश द्वारा। ये किला अपनी वास्तुकला, अपनी पौराणिक कथाओं, अपनी हिस्ट्री और अपने अंदर छुपाए रहस्यों के लिए जाना जाता है।
इस किले को बनाने के पीछे बेहद रोमांच हिस्ट्री है। कहते हैं कि एक चरवाहे लड़के को एक दिन पहाड़ी पर एक मूर्ति मिली और फिर मूर्ति मिलने की बात जब वहां के काकतिया राजा को पता चली तो उन्होंने उसे पवित्र जगह मानकर उसके चारों तरफ मिट्टी का एक किला बनवाया जोकि आज उसे गोलकोंडा किले के तौर पर जाना जाता है।
किले में क्या कुछ है खास?
400 फीट ऊंची पहाड़ी पर इस किले को बनाया गया है, जिसके आठ दरवाजे और 87 गढ़ हैं। किले का मुख्य द्वार है फतेह दरवाजा जो कि 13 फीट चौड़ा है और 25 फीट लंबा जिसे स्टील स्पाइक्स के साथ बनाया गया है जो कि हाथियों के वार से सुरक्षित है। ये किला कितना शानदार और भव्य तरीके से बनाया गया है इसे आप ऐसे ही आंक सकते हैं कि यहां का दरबार हॉल हैदराबाद और सिकंदराबाद इन दोनों शहरों पर गौर करते हुए पहाड़ी की चोटी पर बनाया गया है। यहां अगर पहुंचने है तो एक हजार सीढियां तो आपको चढ़नी ही होंगी।
किले से जुड़े रहस्य…
अब करते है किले से जुड़ी रहस्यों की बात। इस किले का सबसे बड़ा रहस्य तो यही है कि इसे ऐसे बनाया गया है कि जब कोई किले के तल पर भी ताली बजाए तो ताली की आवाज बाला हिस्सार गेट से गूंजेगी और पूरे किले में उस आवाज को सुना जा सकेगा। इस जगह को ‘तालिया मंडप’ साथ ही आधुनिक ध्वनि अलार्म भी कहते हैं।
किले का एक रहस्य सुरंग से जुड़ी है। किले में एक रहस्यमयी सुरंग बनाई गई है जो किले के सबसे निचले भाग से होते हुए किले के बाहर को निकल जाती है। कहते हैं कि इस सुरंग को इमरजेंसी सिचुएशन में रॉयल फैमिली को सेफ्टी से बाहर पहुंचाने के लिए बनाई गई थी पर इस सुरंग का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है।