अगर इतिहास खंगाल कर देखें तो आपको ऐसी कई रोचक घटनाओं का पता चलेगा जिनका सुराग आज तक नहीं मिल पाया है. आज तक उनकी कहानी का राज एक फ़िल्मी सस्पेंस मूवी की तरह राज बनकर ही रह गया है. इसी कड़ी में साल इटली की ट्रेन का भी एक किस्सा कहा जाता है. जहां एक ट्रेन गंतव्य स्थान पर पहुंचने से पहले बीच में पड़ने वाले एक सुरंग में गायब हो गई थी. जिसका पता आज तक नहीं चला है. कहा जाता है वो ट्रेन किसी दूसरी दुनिया में पहुंच गई है. आइये जानें इस अजब किस्से की गजब दास्तां.
1911 की है ये घटना
ये किस्सा पहले विश्व युद्ध से भी पहले यानि जून 1911 का है. उस दौरान एक इटेलियन रेलवे कंपनी Zanetti ने अपनी ट्रेन का एक नया नवेला मॉडल निकाला था. लोगों को आकर्षित करने के लिए इस कंपनी ने लोगों को एक फ्री राइड देने का एलान किया था. इस ट्रेन में कंपनी ने काफी हाई क्लास सुविधा दे रखी थी. बढ़िया खाने पीने के इंतजाम से लेकर ट्रेन में बैठने सोने के फर्स्ट क्लास इंतजामात थे. इसमें बैठे 100 यात्री और 6 रेलवे कर्मचारी आराम से अपने डेस्टिनेशन पर पहुंचने का इन्तजार कर रहे थे. इस बीच एक सुरंग आई और उसके बाद उस ट्रेन का आज तक कोई ट्रेस नहीं मिला.
घटना के बारे में कुछ भी नहीं कहने को तैयार
ट्रेन के सभी 106 यात्री हालांकि सुरक्षित निकल आये. लेकिन वो उस हादसे के बारे में कुछ भी कहने को तैयार नहीं थे. वे उस समय काफी बुरी हालत में थे. कुछ लोगों का तो काफी सालों तक मानसिक इलाज चला जिसके बाद वे सही हो पाए. काफी पूछने के बाद एक यात्री ने सिर्फ इतना कहा कि सुरंग में पहुंचने के बाद ट्रेन में गाढ़े सफ़ेद रंग का धुआं भरने लगा था. इस हादसे से लोग काफी घबरा गए थे. इन्हीं अफरातफरी में दो यात्री बंद ट्रेन से बाहर आ गए. वो ऐसा कैसे कर पाए ये उन्हें खुद भी नहीं पता चला था. इसके बाद इस सुरंग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया.
कई जगह दिख चुकी है ट्रेन
इस भूतिया ट्रेन को इटली, रूस, जर्मनी और रोमानिया के कई हिस्सों में देखा जा चुका है. हर बार जिन हिस्सों में जिस ट्रेन को देखने का लोगों ने जिक्र किया, हर बार वो ब्यौरा 1911 में गायब हुई ट्रेन जैसा दिखा. दूसरे देश ही नहीं, बल्कि खुद हमारे देश में भी कई रेलवे स्टेशनों को रहस्यमयी माना जाता है. जैसे पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन देश का सबसे हॉन्टेड स्टेशन कहा जाता रहा. इस स्टेशन का उद्घाटन 1960 में हुआ था. कहा जाता है कि एक संथाल रानी ने इसे खुलवाने में अहम भूमिका निभाई थी.