आमतौर पर अपने शरीर का वजन तो हम सभी नापते हैं। लेकिन क्या कभी गहराई से सोचा है कि आपकी आत्मा का वजन कितना होता होगा? क्या कभी आत्मा से जुड़ी उन गहरे राज़ों पर अध्ययन करने की कोशिश की है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब अगर मिल जाए, तो इंसान को चौंका देते हैं। आत्मा से ही जुड़े कुछ चीज़ों को लेकर कई साल पहले एक चिकित्सक ने शोध किया था। इस अध्ययन में किये गए उस शख्स के दावे काफी हैरान करने वाले थे। उसमें बताया गया कि जैसे शरीर के अंगों का भार होता है वैसे आत्मा का भी कुछ वजन होता होगा। आइये आपको बताते हैं कि कितना होता है शरीर की आत्मा का वजन?
इस अमेरिकी चिकित्सक ने किया था प्रयोग
इस अध्ययन के बारे में विचार करने वाले अमेरिकी चिकित्सक का नाम डॉ. डंकन मैकडगल था। उन्होंने ही इसका प्रयोग किया था। ये प्रयोग 10 अप्रैल 1901 में किया गया था। जिसे 1907 ईस्वी में जगह दी गई थी। ये प्रयोग सिर्फ मैकडगल की इकलौती मेहनत नहीं थी। इसमें अन्य 4 डॉक्टर भी शामिल थे। उन्होंने इस एक्सपेरिमेंट के लिए छह लोगों को चुना था और उनका मरने से पहले और मरने के बाद का वजन लिया।
शोध का निकला ये परिणाम
जब मरने के बाद या यूं कह लें आत्मा के निकलने के बाद लोगों का वजन मापा गया तो उसमें कुछ कमी पाई गई। सब्जेक्ट के तौर पर इन महिला और पुरुषों को खासतौर पर डिजाइन किए गए फेयरबैंक्स वेट स्केल पर रखा गया। हालांकि सबके वजन में एकसमान कमी नहीं थी बल्कि कुछ न कुछ डिफ़रेंस जरूर था। लेकिन मैकडगल ने इसका निष्कर्ष निकाला कि आत्मा का वजन 21 ग्राम होता है। इस अध्ययन को अमेरिका के डॉर्चेस्टर में किया गया था।
कुत्तों पर भी किया गया प्रयोग
सिर्फ इंसानों पर ही नहीं बल्कि मैकडगल ने अपना प्रयोग जानवरों पर भी किया। उन्होंने आत्मा का वजन कुत्तों पर भी नापा। लेकिन मरने के बाद उनका वजन पहले के जैसा ही रहा। इस अध्ययन के आधार पर मैकडगल ने ये दावा किया कि कुत्तों में आत्मा नहीं होती है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि इस पर अभी शोध की ज़रुरत है। कहा जाता है कि आत्मा इंसान की दिमागी क्रिया जैसे किसी चीज को देखना, समझना, महसूस करना, फैसला लेना और अन्य तार्किक शक्तियों का नाम है। आपने कई बार लोगों से ये भी कहते सुना होगा कि आत्मा अजर अमर होती है। वो बस एक शरीर छोड़कर दूसरे शरीर में बस जाती है।