यू तो इतिहास के पन्नों में कई राजा-महाराजा और रानियों के किस्सों ने अपनी जगह बना रखी है, जो कहीं न कहीं अब दफन से हो गए हैं. एक से बढ़कर एक राजाओं के किस्से किताबों में कैद हैं, उन्हें अगर पढ़ने जाए तब पता चले कि पहले के समय में राजा कैसे रहते थे. वहीं भारत के एक महाराजा अपनी रंगीग मिजाज के लिए बहुत फेमस थे, इनके बारे में अगर आप जानेंगे तो यकीनन आप चौंक जाएंगे, तो आइए आपको बताते हैं…
दरअसल, हम जिस रंगीन मिजाज के राजा के बारे में बात कर रहे हैं वो पटियाला रियासत के महाराजा और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के दादा महाराजा भूपिंदर सिंह है. इनके बारे में दीवान जरमनी दास ने अपनी किताब ‘महाराजा’ में जिक्र किया है. जिसमें बताया गया है कि पटियाला में महाराजा भूपिंदर सिंह ने ‘लीला-भवन’ या रंगरलियों का महल बनवाया था और इसमें सिर्फ निर्वस्त्र लोगों को ही जाने की अनुमति थी. बता दें कि पटियाला शहर में भूपेन्दरनगर जाने वाली सड़क पर ये महल बाहरदरी बाग के पास बना हआ है.
वहीं, अगर बात की जाए महाराज की पत्नी की तो इनकी एक नहीं, 2 नहीं बल्कि 365 पत्नियां है. ये महाराजा अपनी पत्नियों के अलावा अपने जीवन जीने के अलग तरीके से भी काफी जाने जाते थे. महाराजा भूपेंद्र सिंह ने पटियाला पर 1900 से लेकर 1938 तक राज किया था. उस दौरान इन्होनें कई अहम फैसले भी लिए थे.
इतना ही नहीं उन्होंने अपनी 365 रानियों के लिए अलग-अलग कई विशाल महल बनवाए थे, लेकिन सबसे हैरान कर देने वाली बात ये थी कि वो किस दिन किस रानी के साथ रात गुजराने वाले हैं उसका फैसला लालटेन करती थी, तो आइए आपको पूरा किस्सा बताते हैं…
इस तरह से करते थे फैसला
महाराजा भूपेंद्र सिंह के महल में बहुत सारे लालटेन जलाए जाते थे और 365 रानियों के लिए अलग तरह के लालटेन जलवाते थे, जिनमें सभी रानियों के नाम लिखे रहते थे। ये लालटेन पूरी रात जलती थी. इनमें से जो लालटेन सुबह सबसे पहले बुझती थी, तो राजा उसी रानी के पास रात गुजारने जाता था, जिनका नाम लालटेन में लिखा हुआ होता था. भले ही ये तरीका आपको थोड़ा अटपटा लगे लेकिन ये सत्य है.