“फांसी का फंदा” ये कोई आम फंदा नहीं होता, हद से ज्यादा बड़ा गुनाहा करने वाले अपराधी को इस फंदे से लटकाया जाता है. कई तरह की जांच करने के बाद जब अपराधी का गुनाहा सीध हो जाता है तब जाकर कहीं अदालत अपराधी को मौत की सजा सुनाती है, जिसके बाद उसे फांसी पर लटकाया जाता है. वहीं, फंसी पर लटकाने वाला जल्लाद जिस फंदे से अपराधी को लटकाता है, वो फांसी का फंदा तैयार करना कोई आसान काम नहीं है. आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं कि किस तरह से एक फांसी का फंदा तैयार किया जाता है, तो आइए जानते हैं…
ये जेल है प्रसिद्ध
आपको बता दें कि पूरे देश में फांसी का फंदा बनाने के लिए बिहार का बक्सर जेल काफी प्रसिद्ध है. वहीं, इस हफ्ते के अंत तक बक्सर जेल में फांसी के 10 फंदे तैयार करने का निर्देश दिया गया है.
10 फंदे तैयार करने का कार्य जारी
सोमवार, 09 दिसंबर को बक्सर जेल के अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि “हमें पिछले हफ्ते जेल निदेशालय से फांसी के दस फंदे तैयार करने के निर्देश मिले थे. हमें नहीं पता कि इन फंदों का प्रयोग कहां होगा. हालांकि 4 से 5 फंदे बनकर तैयार हो गए हैं.”
अफजल गुरु के लिए फंदे
संसद हमले के मामले में दोषी पाए गए अफजल गुरु को मौत की सजा के लिए जिस रस्सी के फंदे का प्रयोग किया गया था, उस फांसी के फंदे को बक्सर जेल में ही तैयार किया गया था, ये जेल फांसी के फंदे बनाने में दक्षता के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. वहीं, बक्सर जेल के अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि अपराधी अफजल गुरु को मौत की सजा के लिए यहां से ही बने फंदे का प्रयोग किया था या नहीं, इसका उन्हें नहीं पता है लेकिन उन्हें केवल ये ही याद है कि उस वक्त भी यहां से ही रस्सी के फंदे बनवाकर मंगाए गए थे.
निगरानी में तैयार होते हैं फंदे
फांसी के फंदे तैयार करने के लिए बक्सर जेल का इतिहास बहुत पुराना है. बता दें कि फांसी के फंदे तैयार करने के लिए एक खास तरह के धागों का प्रयोग किया जाता है. इस बनाने के लिए कैदियों को लगाया जाता है, जिनकी निगरानी दक्ष लोगों द्वारा की जाती है. इन्ही की निगरानी में फांसी के फंदे तैयार किए जाते हैं और जिस जगह जरूरत होती है, वहां पर भेज दिए जाते हैं.
बढ़ गया धागों का मूल्य
जेल अधीक्षक अरोड़ा का कहना है कि पिछली बार जिस रस्सी के इस्तेमाल से फांसी का फंदा तैयार किया गया था, उसे 1725 रुपये की कीमत पर बेचा गया था. उन्होंने आगे कहा कि बढ़ती महंगाई और इसमें प्रयोग होने वाले धागों का मूल्य बढ़ा है, जिसके चलते इस बार फंदे वाली रस्सियों की दर थोड़ी बढ़ सकती हैं.
कैसे बनता है फंदा
फांसी के फंदे को किस तरह से बनाया जाता है उसके बारे में जेल अधीक्षक अरोड़ा ने बताया कि “बक्सर जेल में लंबे वक्त से फांसी के फंदे बनाए जाते हैं, एक फांसी का फंदा 7200 कच्चे धागों से बनता है. एक लट में लगभग 154 धागे होते हैं, जिन्हें मिलाकर 7200 धागों का कर लिया जाता है. एक रस्सी को तैयार करने में 3 से 4 दिनों का समय लगता है, जिसे बनाने के लिए 5 से 6 कैदी काम करते हैं. इसे तैयार करने में थोड़ा मशीन का भी इस्तेमाल किया जाता है.”
क्या है रस्सी की विशेषता
इस फांसी के फंदे की विशेषता के बारे में जेल अधीक्षक का कहना है कि ये रस्सी अन्य रस्सियों की तुलना से काफी मुलायम रहती है, जो लगभग 150 किलोग्राम वजन उठाने की क्षमता रखती है.