देश के बंटवारे के समय की रुला देने वाली कुछ घटनाएं आगर आज भी याद की जाए तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं । आज देश के बंटवारे से जुड़ी कुछ ऐसी बातें आपको बताएंगे, जिसके बारे में आपको पता नहीं होगा…
– मुस्लिम लीग से पाकिस्तान बनाने की मांग उठाई गई और फिर उसी के तहत सिंध और बंगाल में हिन्दुओं को बड़ी ही बेरहमी से मार डाला गया।
– क्या आपको पता है कि साल 1946 के अगस्त में ‘सीधी कार्रवाई दिवस’ मनाया गया और कलकत्ता शहर में दंगा किया गया और करीब करीब 5,000 लोग इस दौरान मौत के मुंह में समा गए और कुछ बुरी तरह जख्मी हो गए। बस इन्ही घटनाओं के साथ ही देश में दंगे का दौर शुरू हो गया। फिर धीरे धीरे नेताओं पर विभाजन का दबाव बढ़ता चला गया, जिससे देश में गृहयुद्ध ना हो और फिर साल आया 1947 जब देश का विभाजन कर दिया गया।
– क्या आपको ये पता है कि साल 1941 की जनगणना के हिसाब से तब 29.4 करोड़ हिंदुओं की संख्या , 4.3 करोड़ मुस्लिम थी और बाकी लोग दूसरे धर्मों को मानते थे, लेकिन फिर भी भारत का एक बड़ा भाग एक धर्म के नाम पर बांट दिया गया, जिसमें 29 करोड़ हिन्दुओं से कुछ पूछा तक नहीं गया। इतने बड़े देश को महज कुछ लोगों ने एक छोटे से कमरे में बैठकर बांट डाला।
– अंदाजा लगाया जाए तो 1.4 करोड़ लोग तब विस्थापित हुए। 1951 की विस्थापित जनगणना के हिसाब से बंटवारे के तुरंत बाद ही 72,26,000 मुसलमान ने देश छोड़ा और पाकिस्तान से 72,49,000 हिन्दू और सिख देश आए।
– 10 किलोमीटर की लंबी लाइन लगी थी लाखों लोग की जो कि देशों की सीमा को पार कर पाकिस्तान गए और देश के भीतर पहुंचे। कई ऐसे लोग थे जो महज 60 दिनों के भीतर अपना सबकुछ छोड़कर कहीं और बस जाने को मजबूर हो गए। घर, जमीन, दुकानें, जायदाद, संपत्ति, खेती किसानी सब जहां के तहां छुट गया।
– अनुमान है कि विभाजन की घोषणा के बाद 10 लाख लोग मारे गए, लेकिन ये आंकड़ा 20 लाख लोगों के मारे जाने का भी हो सकता है। अनुमान तो ये भी है कि 75 हजार से 1 लाख महिलाओं का रेप किया गया, हत्या की गई, अगवा किया गया।
– पाकिस्तान प्रायोजित इन दंगों में लाखों जिंदगी चाहे वो हिन्दू, ईसाई, सिख, बौद्ध, अहमदिया और शिया मुसलमानों हो तहस-नहस हो गई।
– मौजूदा वक्त में पाकिस्तान की 20 करोड़ की आबादी में 1.6 फीसदी हिन्दू रह गए है जो कि जबकि आजादी के समय यही संख्या पाकिस्तान की जनगणना 1951 के हिसाब से 22 प्रतिशत थी। जो 1998 की जनगणना में 1.6 फीसदी ही रह गई। लाखों पाकिस्तानी हिन्दुओं ने 1965 से अब तक भारत की तरफ पलायन कर लिया। जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं का प्रतिशत 29.63 से भी घट गया है ये 28.44 हो चुका है।
– हैरानी होगी जानकर की सिन्धी भाषा और संस्कृति लुप्त हो रही है। सिन्धी मुसलमान जो हैं वो अब उर्दू बोलते हैं जो असल में उनकी भाषा ही नहीं है। आज भी ये सिन्धी हिन्दू समाज बिना जगह के जी रहे हैं। बंटवारा तो हो गया पर कई महीने तक लोग पाकिस्तान छोड़कर आते रहे और भारत छोड़कर जाते रहे।
– पाकिस्तान में धर्म बदलवाने का सिलसिला चलता रहा और तो और हिन्दू और सिखों की भूमि साथ ही साथ घर पर कब्जा भी कर लिया गया, जिससे वहां रहने वाले ऐसे अंल्पसंख्यकों ने मजबूरी में अपनी जगह छोड ही दी। दूसरी तरफ भारत में आए मुसलमान लोगों की सुरक्षा तय की गई और भारतीय मुसलमानों से गांधी जी ने कहा कि उन्हें जाने कोई जरूरत नहीं वो यहीं रहे यहां ज्यादा सेफ हैं।
– क्या आप जानते हैं कि जो मुसलमान भारत छोड़ पाकिस्तान गए उनको आज मोहाजिर कहते है और उनके साथ आज भी दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है।