गुरु तेग बहादुर (Sikhs Ninth Guru Tegh Bahadur), सिख धर्म के नौवें गुरु, ने अपने जीवन में कई स्थानों की यात्रा की थी और उनका आगमन हरियाणा के विभिन्न जिलों में भी हुआ था। इन जिलों में गुरु जी ने अपने उपदेशों और चमत्कारी कार्यों से लोगों के बीच धर्म और सद्भाव का संदेश फैलाया। गुरु तेग बहादुर प्रदेश के पांच जिलों में 1656 में आए थे। जींद, कैथल, करनाल, यमुनानगर व कुरुक्षेत्र में ठहराव किया था। इन जिलों में गुरु तेग बहादुर का के नाम से गुरुद्वारा है। आइए जानते हैं हरियाणा के उन छह प्रमुख जिलों के बारे में, जहां गुरु तेग बहादुर आए थे और उनके आगमन के दौरान हुए चमत्कार।
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रोहतक(बाबर मोहल्ला)
उपदेश देते समय गुरु तेग बहादुर साहिब रोहतक शहर आए (Guru Tegh Bahadur in rohtak)। यहां एक तालाब के किनारे गुरु ने तीन दिन बिताए। गुरु साहिब के सम्मान में माई साहिब के नाम से जाना जाने वाला स्थान कलालन मोहल्ले के पास स्थित है। यहां एक माई ने भक्तिपूर्वक लंगर परोसा। गुरु साहिब के सम्मान में बाबर मोहल्ले में गुरुद्वारा साहिब को सजाया गया है। रोहतक में बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन के पास गुरुद्वारा बंगला साहिब पातशाही नौवीं नाम से स्थित है।
कुरुक्षेत्र- Guru Tegh Bahadur in Haryana
कुरुक्षेत्र भी उन ऐतिहासिक और पवित्र स्थल में से एक है जहां गुरु तेग बहादुर का आगमन हुआ था। उन्होंने यहां पर लोगों को सत्य, धर्म और मानवता का संदेश दिया। गुरुद्वारा कराह साहिब पातशाही नौवीं में गुरु तेग बहादुर साहिब से पहले इस स्थान पर गुरु नानक साहिब ने चरण डाले थे। गुरु साहिब ने इस स्थान पर एक पिंगला को आशीर्वाद दिया था। उन्होंने यहाँ एक कुआँ और एक बगीचा लगाने के लिए पैसे भी दिए थे। यहाँ कराह, पेहोवा, धड़ाम में गुरुद्वारे स्थित हैं।
जींद(खटकड़)
गुरु तेग बहादुर जींद जिले में भी आए थे, जहां उन्होंने लोगों के बीच भक्ति और श्रद्धा का वातावरण बनाया। उनके आगमन से वहां का माहौल आध्यात्मिक रूप से प्रेरणादायक बन गया और लोग उनके चमत्कारी व्यक्तित्व से अत्यधिक प्रभावित हुए। माना जाता है कि गांव के लोगों ने गुरु साहिब को बताया कि यहां का पानी खारा और दूषित है। इसके बाद गुरु ने उन्हें एक जगह कुआं खोदने को कहा। जब कुआं खोदा गया तो पानी मीठा और साफ निकला। गुरु तेग बहादुर के नाम पर जींद, खटकड़ और नरवाना में गुरुद्वारे स्थित हैं।
कैथल
कैथल जिले में भी गुरु जी का आगमन हुआ और उन्होंने यहां के लोगों को अपने आध्यात्मिक उपदेशों से शिक्षा दी। गुरुद्वारा मंजी साहिब का स्थान पातशाही नवीन है। गुरु तेग बहादुर साहिब के सिख रोड़ा बदी का घर यहीं था। उन्होंने नीम स्थान की यात्रा करके गुरु साहिब को अपने घर आने के लिए कहा। भाई रोड़ा बदी के अनुरोध पर गुरु साहिब ने कुछ दिन उनके घर पर बिताए।
करनाल(खानपुर)
गुरु तेग बहादुर साहिब गुरुद्वारा करनाल खानपुर में स्थित है। गुरु तेग बहादुर साहब ने उपदेश देते हुए इस स्थान पर कदम रखा था। यहां गुरु साहिब ने पीपल के पेड़ के नीचे घोड़े बांधे थे।
यमुनानगर(हरनौल)
गुरु तेग बहादुर साहिब 1656 ई. में पटना साहिब जाते समय इस स्थान पर आए थे। 1670 ई. में पटना साहिब से लौटते समय गुरु तेग बहादुर साहिब दिल्ली में रुके थे। साहिबजादा गोविंद राय और अन्य प्रमुख सिख बुड़िया से इस क्षेत्र में प्रचार करते हुए लखनौर साहिब पहुंचे थे। यहां गुरु साहिब के समय का एक पुराना कुआं और एक झील मौजूद है। गुरु तेग बहादुर साहिब की याद में एक गुरुद्वारा बनाया गया है।
गुरु तेग बहादुर का हरियाणा (Guru Tegh Bahadur in Haryana) के इन जिलों में आगमन और उनके द्वारा दिए गए उपदेश लोगों के जीवन में अमूल्य परिवर्तन लाए। उनके चमत्कारिक कार्य और शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं और उन्हें सच्चाई, धर्म और मानवता की राह पर चलने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।
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