Gurpreet Gill America: 2012 में, जयपुर, भारत में पले-बढ़े एक युवा ने 24 साल की उम्र में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक नई जिंदगी शुरू करने का साहसिक फैसला किया। हम बात कर रहे हैं गुरप्रीत गिल की। यह यात्रा न केवल उनके लिए व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण थी, बल्कि उनके धर्म और सेवा के मूल्यों को नया आयाम देने वाली भी साबित हुई।
नई संस्कृति में कदम और सेना में सेवा का संकल्प- Gurpreet Gill America
अमेरिका पहुंचने पर, गुरप्रीत गिल ने इस विविध और समृद्ध संस्कृति के बीच खुद को ढालने और अपनी सिख परंपराओं को साझा करने की इच्छा व्यक्त की। 2014 में, उन्होंने अमेरिकी सेना में शामिल होकर अपने जीवन का एक नया अध्याय शुरू किया। सेना में शामिल होने का उनका निर्णय उनकी धार्मिक परंपराओं से प्रेरित था, जो सेवा, समानता, और दूसरों की मदद के मूल सिद्धांतों पर आधारित हैं।
फोर्ट बेनिंग, जॉर्जिया में प्रारंभिक तैनाती के बाद, वे फोर्ट लुईस, वाशिंगटन में तैनात हुए, जहां वे आज भी एक सक्रिय सदस्य के रूप में सेवा दे रहे हैं। उनके लिए सेना में शामिल होना केवल एक पेशा नहीं, बल्कि उनके समुदाय और देश की सेवा का एक जरिया था।
सिख धर्म: समानता और सेवा का प्रतीक
सिख धर्म, जो दुनिया का पाँचवाँ सबसे बड़ा धर्म है, 16वीं शताब्दी में भारत में जाति व्यवस्था के खिलाफ समानता और अवसर के सिद्धांतों पर आधारित एक प्रतिक्रिया के रूप में स्थापित हुआ। सिख धर्म का एक प्रतीक पगड़ी है, जो समानता और सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
हालांकि, पगड़ी को अक्सर गलत समझा जाता है और अतिवाद के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। लेकिन सिख अमेरिकियों के लिए यह उनके धार्मिक और नैतिक मूल्यों का प्रतीक है।
अमेरिकी सेना में पगड़ी पहनने का अधिकार
हाल तक, सिख पुरुष और महिलाएँ अमेरिकी सेना में सेवा करते समय पगड़ी नहीं पहन सकते थे। लेकिन 2017 में अमेरिकी सेना ने अपने नियमों में बदलाव किया और सेवा सदस्यों को धार्मिक कारणों से पगड़ी पहनने की अनुमति दी।
इस बदलाव ने न केवल उनकी व्यक्तिगत पहचान को बनाए रखने में मदद की, बल्कि उन्हें अपने धर्म और देश के प्रति प्रतिबद्धता के बीच किसी एक को चुनने की मजबूरी से भी मुक्त किया।
अमेरिकी सेना: विविधता का प्रतीक
अमेरिकी सेना दुनिया की सबसे विविध सेनाओं में से एक है। इसमें हर पृष्ठभूमि, संस्कृति, और धर्म के सैनिक शामिल हैं, जो एक साझा उद्देश्य के लिए काम करते हैं: देश की रक्षा।
वे कहते हैं, “भले ही मैं संयुक्त राज्य अमेरिका में पैदा नहीं हुआ, लेकिन यहां सेवा करते हुए मुझे गर्व महसूस होता है।”
सिख अमेरिकी होने का गर्व
उनकी यह यात्रा न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह सिख अमेरिकियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। यह दिखाता है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी धार्मिक परंपराओं और देश के प्रति कर्तव्य को संतुलित कर सकता है।
“मुझे अमेरिकी होने पर गर्व है, और मुझे सिख अमेरिकी होने पर और भी अधिक गर्व है। अमेरिकी सेना में सेवा करना मेरे लिए एक सम्मान है।”
उनकी कहानी न केवल उनके साहस और दृढ़ता को दर्शाती है, बल्कि यह सिख धर्म के मूल्यों और अमेरिकी सेना की विविधता की शक्ति का भी प्रतीक है।
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