Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपना आठवां बजट पेश किया, जो कि भारतीय राजनीति और आर्थिक इतिहास में महत्वपूर्ण क्षण के रूप में दर्ज होगा। यह बजट सीतारमण द्वारा पेश किए गए दो अंतरिम बजटों को भी शामिल करता है, और इसके साथ ही वह देश के पहले वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड के और करीब पहुंच गई हैं। देसाई ने 10 बार बजट पेश करने का कीर्तिमान स्थापित किया था।
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पंडित नेहरू: पहले प्रधानमंत्री जिन्होंने बजट पेश किया- Budget 2025
पंडित जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और उन्होंने भारतीय राजनीति में कई ऐतिहासिक फैसले लिए। वह पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने बजट पेश किया। उन्होंने 1 अगस्त 1956 से 30 अगस्त 1956 और फिर 14 फरवरी 1958 से 22 मार्च 1958 तक वित्त मंत्रालय संभाला। 1947 में आजादी से पहले, जब देश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ था, तब पंडित नेहरू ने उस सरकार का नेतृत्व किया था, जिसमें लियाकत अली को वित्त मंत्री बनाया गया था, जो बाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने।
मोरारजी देसाई: पहले वित्त मंत्री जो बने प्रधानमंत्री
मोरारजी देसाई भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण चेहरे थे। वह पहले वित्त मंत्री थे, जो बाद में प्रधानमंत्री बने। उन्होंने अपने कार्यकाल में कुल 10 बार बजट पेश किए, जो कि आज भी एक रिकॉर्ड है। मोरारजी देसाई ने पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी दोनों के कार्यकाल में वित्त मंत्री के रूप में काम किया। उन्होंने बैंकों के राष्ट्रीयकरण के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। देसाई 1958 से लेकर 1969 तक वित्त मंत्री रहे, और बाद में 1977 में उन्होंने अपनी ही सरकार में वित्त मंत्री का पद संभाला।
इंदिरा गांधी: प्रधानमंत्री बनने के पहले वित्त मंत्री
मोरारजी देसाई के इस्तीफा देने के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी वित्त मंत्रालय संभाला और 1970-71 का बजट पेश किया। उनके कार्यकाल में श्वेत क्रांति आई, जो भारतीय डेयरी उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित हुई, और राष्ट्रीय डेयरी बोर्ड की स्थापना हुई।
चौधरी चरण सिंह: वित्त मंत्री से प्रधानमंत्री
चौधरी चरण सिंह एक और नाम हैं जिन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए देश की आर्थिक नीतियों को प्रभावित किया। उन्होंने मोरारजी देसाई की सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए 1979-80 का बजट पेश किया था। बाद में वह भारत के प्रधानमंत्री बने और अपनी सरकार के दौरान कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
आर वेंकटरमण और प्रणब मुखर्जी: वित्त मंत्री से राष्ट्रपति बनने तक का सफर
भारत में दो ऐसे वित्त मंत्री रहे जिन्होंने बाद में राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभाली। आर वेंकटरमण, जो इंदिरा गांधी के शासनकाल में वित्त मंत्री थे, 1980 से 1982 तक इस पद पर रहे। उनके बाद प्रणब मुखर्जी का नाम आता है, जिन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में वित्त मंत्री के रूप में काम किया और अंततः 2012 में भारत के राष्ट्रपति बने।
वीपी सिंह: वित्त मंत्री से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर
1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी सरकार बनी, तो वीपी सिंह को वित्त मंत्री बनाया गया। वह 1984 से लेकर 1987 तक वित्त मंत्री रहे। वीपी सिंह ने कई गरीब हितेषी योजनाएं चलाईं, लेकिन बाद में बोफोर्स घोटाले से जुड़े आरोपों पर राजीव गांधी से बागी होकर इस्तीफा दे दिया। वह 1989 में भारत के प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार ने कई सामाजिक और आर्थिक सुधारों की दिशा तय की।
मनमोहन सिंह: वित्त मंत्री से प्रधानमंत्री तक का ऐतिहासिक सफर
मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति के एक अनूठे नेता रहे हैं। 1991 में जब पीवी नरसिम्हा राव की सरकार बनी, तो उन्हें वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की शुरुआत की, जिसने भारत को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दी। वह 1991 से 1996 तक वित्त मंत्री रहे और बाद में 2004 में भारत के प्रधानमंत्री बने, जहां उन्होंने 10 वर्षों तक भारतीय राजनीति की दिशा तय की।
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