Houston Rath Yatra: क्या भारत में बैन होगा ISKCON? जगन्नाथ पुरी से उठी मांग, गोवर्धन पीठ भी नाराज

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Houston Rath Yatra controversy: पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के गोवर्धन पीठ (Govardhan Peeth) ने भारत में इस्कॉन (ISKCON) पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई है। इस मांग को लेकर ओडिशा सरकार के कानून मंत्री ने भी कहा है कि जगन्नाथ मंदिर प्रशासन जो भी फैसला लेगा, राज्य सरकार उसका समर्थन करेगी। वहीं, ओडिशा सरकार और पुरी के गजपति महाराज ने इस्कॉन की आलोचना की है। दरअसल इस्कॉन ने आश्वासन दिया था कि वह भारत के बाहर असमय रथ यात्रा का आयोजन नहीं करेगा, लेकिन इस्कॉन ने 9 नवंबर को अमेरिका के ह्यूस्टन में ‘रथ यात्रा’ का आयोजन करके अपना आश्वासन तोड़ दिया।

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क्या है रथ यात्रा विवाद- Houston Rath Yatra controversy

9 नवंबर को ह्यूस्टन में इस्कॉन की ओर से रथ यात्रा (Houston Rath Yatra) का आयोजन किया गया था। इससे पहले इस्कॉन ने कहा था कि वह भारत के बाहर असामयिक रथ यात्रा का आयोजन नहीं करेगा। लेकिन इस आश्वासन के बावजूद रथ यात्रा का आयोजन किया गया। इस आयोजन में इस्कॉन ने भगवान जगन्नाथ के रथ की प्रतिकृति को परेड में शामिल किया। लेकिन इसमें भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और सुदर्शन चक्र की मूर्तियों को शामिल नहीं किया गया। यह आयोजन इस्कॉन के आनंद उत्सव के तहत आयोजित किया गया था।

Houston Rath Yatra controversy
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पीठ ने इसे धर्म के खिलाफ बताया

इस मार्च को लेकर पुरी गोवर्धन पीठ के प्रवक्ता मातृ प्रसाद मिश्रा ने इस्कॉन की कड़ी आलोचना की है। उनका दावा है कि यह आयोजन गलत था। यह एक धर्म विरोधी साजिश है। इस्कॉन ने वादा किया था कि वह इस कार्यक्रम का आयोजन नहीं करेगा। लेकिन उसने विश्वासघात किया। हम इस्कॉन को भारत में प्रतिबंधित करने की मांग करते हैं।

इस्कॉन की तरफ से आया बयान

ह्यूस्टन इस्कॉन के प्रमुख सारंग ठाकुर दास ने संस्था की वेबसाइट पर एक बयान पोस्ट किया। इसमें कहा गया है कि हमने पहले देवताओं के साथ रथ यात्रा की योजना बनाने का इरादा किया था। हालांकि, कुछ स्थानीय निवासियों ने अपनी चिंताएं व्यक्त कीं। फिर योजना को संशोधित किया गया। सभी को भगवान जगन्नाथ के दर्शन का अवसर देना हमारे कार्यक्रम का उद्देश्य था।

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इस मुद्दे पर इस्कॉन और पुरी के अधिकारियों के बीच बैठक होगी

उन्होंने कहा,इस्कॉन के लिए, महोत्सव में भाग लेने वालों को भगवान जगन्नाथ के दर्शन का अवसर प्रदान करना इस आयोजन की मुख्य विशेषता है। हालांकि, अन्य लोगों के लिए प्राचीन परंपरा और कैलेंडर का अनुपालन प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में इस्कॉन और पुरी के अधिकारियों के बीच इस मुद्दे पर बैठक होगी, जिसमें सहमति बन जाएगी।

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन इस मामले पर निर्णय लेगा: पृथ्वीराज हरिचंदन

ओडिशा सरकार के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन (Odisha Law Minister Prithviraj Harichandan) ने कहा कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन इस मामले पर निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले पर मंदिर प्रशासन जो भी निर्णय लेगा, राज्य सरकार उसका समर्थन करेगी।

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