लड्डू गोपाल, कृष्ण कन्हैया, कान्हा, बालगोपाल…भगवान श्रीकृष्ण को उनके भक्त प्यार से तरह तरह नामों से बुलाते हैं। कृष्ण जी के भक्त हर साल कान्हा के जन्मदिन का बेसब्री से इंतेजार करते हैं। इस दिन को जन्माष्टमी के तौर पर मनाया जाता है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हर साल जन्माष्टमी आती है। इस साल 30 अगस्त सोमवार को ये त्योहार मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण के भक्त उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। इस दिन कई लोग व्रत रखकर, तो कई कृष्ण भगवान की पूजा अर्चना करते हैं। इस दौरान मंदिरों को खूबसूरत ढंग से सजाया जाता है। कई जगहों पर इस अवसर पर दही हांडी का भी आयोजन होता है।
भगवान कृष्ण को माखन मिसरी, बांसुरी जैसी कई चीजें काफी प्रिय होती हैं। ऐसा मान्यता है कि अगर जन्माष्टमी के दिन इन चीजों का इस्तेमाल श्रीकृष्ण की पूजा के दौरान किया जाएं तो इससे लड्डू गोपाल प्रसन्न होते हैं और इससे भक्तों को विशेष कृपा मिलती है। आइए हम आपको इन चीजों के बारे में बताते हैं, जिनका इस्तेमाल भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के दौरान जरूर किया जाना चाहिए…
माखन-मिसरी हैं प्रिय
कान्हा का एक नाम माखनचोर भी हैं। ये तो हर किसी को मालूम होगा कि श्रीकृष्ण को बचपन से ही माखन मिसरी बहुत प्रिय था। नटखट कान्हा माखन चुराकर खाया करते थे। इसलिए जन्माष्टमी पर कृष्ण जी को माखन मिसरी का भोग लगाना चाहिए।
पिसा हुआ धनिया का भोग लगाएं
श्रीकृष्ण की पूजा में पिसा हुआ धनिया का भी विशेष महत्व होता है। धनिया को धन से जोड़कर देखा जाता है। ऐसी कहा जाता है कि जन्माष्टमी पर भोग में धनिया का इस्तेमाल करने से सुख समृद्धि आती है। कई लोग धनिए की पंजीरी बनाकर भी भगवान को भोग के रूप में अर्पित करते हैं।
पूजा में बांसुरी भी जरूर रखें
इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के दौरान बांसुरी रखना भी जरूरी होता है। ऐसी मान्यता है कि बांसुरी को पूजा में रखने से कृष्णजी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसलिए पूजा के दौरान इसे इस्तेमाल करना ना भूलें।
मोरपंख का भी करें इस्तेमाल
मोरपंख भी पूजा के दौरान हमेशा रखे। कृष्णजी अपने मुकुट में सदैव मोरपंख का पंख धारण करते थे। ऐसा माना जाता है कि घर के पूजा की जगह पर हमेशा मोरपंख रखने से हर प्रकार की नकरात्मकता दूर होती है। साथ ही लक्ष्मी जी का वास भी होता है।
पंचामृत का प्रसाद बनाएं
पंचामृत यानी पांच चीजों को मिलाकर बनने वाले प्रसाद का भोग भी भगवान श्रीकृष्ण को जन्माष्टमी के दिन जरूर लगाएं। पांच मेवा में दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद शामिल होता है। जन्माष्टमी की पूजा के दौरान पंचामृत शामिल करने से नटखट बालगोपाल प्रसन्न होते हैं।
गाय की मूर्ति भी रखें
कान्हा को बचपन से ही गौमाता से बेहद लगाव था। वो गाय के बछड़े के साथ खेलते थे। साथ ही गाये को चराने भी लेकर जाते थे। इसलिए जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जी की पूजा के दौरान गाय की छोटी मूर्ति रखना अच्छा माना जाता है। इसके अलावा श्रीकृष्ण के लिए प्रसाद तैयार करने में गाय के घी का ही इस्तेमाल करें।
वैजयंती के फूल का इस्तेमाल करें
हो सके तो कृष्णजी की पूजा में वैजयंती का फूल भी शामिल करें। ये फूल उनका सबसे प्रिय माना जाता है।