महादेव का महापर्व महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है। गुरुवार 11 मार्च को शिवभक्त धूमधाम से ये पर्व मनाएंगें। भोलेनाथ के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उनका व्यवहार नाम की ही तरह भोला हैं। कोई भक्त उनको जो कुछ भी श्रद्धा के साथ चढ़ाता है, वो उसको खुशी खुशी स्वीकार लेते हैं। शिव जी को चढ़ावे में कई अनोखी चीजें चढ़ाई जाती हैं। आप भांग से लेकर धतूरा तक चढ़ाने की बात तो आप जानते होंगे। लेकिन क्या आपको ये मालूम है कि शिव जी को कई ऐसी चीजें भी चढ़ाई जाती है, जिसके बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती। आइए आज हम आपको ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में बताते हैं…
जिंदा केकड़ा
कभी किसी भगवान को क्या जिंदा केकड़ा प्रसाद के रूप में अर्पित करने की आप सोच सकते हैं? नहीं ना…लेकिन गुजरात के सूरत शहर के एक गांव में कुछ ऐसा ही होता है। यहां के उमरा गांव में एक भगवान शिव का मंदिर स्थित है जहां भक्त प्रसाद के रूप में उन्हें जिंदा केकड़ा चढ़ाते हैं। यहां शिव को सोमनाथ घेला महादेव के नाम से भी जाना जाता है। ये केकड़ा शिव को साल में सिर्फ एक बार षडतिला एकादशी के दिन चढ़ाया जाता है। इस 200 साल पुराने मंदिर में मान्यता है कि भगवान शिव पर जिंदा केकड़ा चढ़ाने से सभी तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है।
सिगरेट
जहां एक तरफ हम सिगरेट को सेहत के लिए किसी जहर से कम नहीं मानते हैं। वहीं दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश के अर्की सोलन के एक मंदिर में ये भगवान शिव को अर्पित की जाती है। यहां लुटरू महादेव का मंदिर है जिसमें गुफा के अंदर मध्य भाग में 8 इंच लंबी प्राचीन प्राकृतिक शिवलिंग मौजूद है। आपको ये जानकर काफी आश्चर्य होगा कि इस स्वनिर्मित शिवलिंग में कई छेद हैं और इसकी प्रसिद्धि इसलिए भी है क्योंकि ये सिगरेट पीता है। भक्त शिवलिंग के गड्ढों में सिगरेट फंसा देते हैं और ये सिगरेट खुद ही सुलगने लगती है जैसे इसे कोई पी रहा हो. और तो और ये सिगरेट पूरी सुलग कर खुद ही बुझ जाती है। इसे कोई बुझाता नही।
मक्खन
हिमाचल के कुल्लू में ही एक और पुराना मंदिर है जिसको बिजली महादेव के नाम से जाना जाता है। ब्यास और पार्वती नदी के संगम के पास एक ऊंचे पर्वत पर स्थित इस मंदिर की मान्यता है कि यहां हर साल बिजली महादेव पर बिजली गिरती है। हर बार इस बिजली के प्रकोप से मंदिर को तो कुछ नहीं होता लेकिन हर बार शिवलिंग खंडित हो जाता है। जिसके बाद इस खंडित शिवलिंग को मक्खन से जोड़ा जाता है।
झाड़ू
उत्तर प्रदेश के संभल में एक ऐसा भी शिवमंदिर है जहां भोलेनाथ को झाड़ू चढ़ाई जाती है। ये शायद दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर होगा जहां भगवान शिव को झाड़ू अर्पित की जाती है। इसके पीछे मान्यता है कि इसे चढ़ाने से त्वचा के रोगों से निजात मिलती है। पातालेश्वर नाम के इस मंदिर में भक्त एक हाथ में जल और दूसरे हाथ में झाड़ू लेकर मंदिर जाते हैं।
सिंदूर
मध्य प्रदेश में एक अनोखा मंदिर है। इटारसी से 17 किमी. दूर भगवान शिव का एक धार्मिक स्थल है, जिसका गौंड जनजाति का जुड़ाव है। मंदिर का नाम तिलक सिंदूर है। ऐसा कहा जाता है कि यहां शिवजी की प्रतिमा का सिंदूर से स्नान कराकर श्रृंगार किया जाता है।
नाग-नागिन करते हैं पूजन
हरियाणा के पेहोवा के पास अरुणाय स्थित श्री संगमेश्वर महादेव का मंदिर है। बताया जाता है कि हर साल महाशिवरात्रि के त्यौहार पर यहां एक नाग नागिन का जोड़ा आता है और शांति से शिवलिंग की पूजा करके चला जाता हैष ख़ास बात ये है कि आज तक इस नाग नागिन ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। बताया जाता है कि देवी सरस्वती ने शाप से मुक्ति के लिए यहां शिव आराधना की थी।