भारत के बंटवारे के दौरान पंजाबी, बंगाली, कश्मीरी और सिंधी लोगों को सबसे अधिक नुकसान हुआ. पंजाब के बंटवारे के चलते सिख धर्म के आधे पवित्र तीर्थ स्थल पाकिस्तान और भारत के बंटवारे की तरह ही बंट गए. इस दौरान आधे पवित्र तीर्थ स्थल भारत में रह गए और आधे पाकिस्तान में. वहीं, आज हम आपको सिखों के दो पवित्र स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पाकिस्तान में मौजूद है, तो आइए आपको बताते हैं…
सिखों के दो पवित्र स्थल
पाकिस्तान में ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब सिखों के दो पवित्र तीर्थ स्थल हैं. जिनमें से एक ननकाना साहिब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लाहौर से तकरीबन 75 किलोमीटर की दूरी पर है. वहीं, दूसरी ओर करतारपुर साहिब लाहौर से तकरीबन 117 किलोमीटर पर स्थित है. भारत के तीर्थी पहले करतारपुर साहिब उसके बाद ननकाना साहिब जाते हैं.
कहां है करतारपुर साहिब
पाकिस्तान के नारोवाल जिले में करतारपुर साहिब स्थित है. ये स्थान भारत के सीमा से केवल 3 किमी. की दूर पर है. सिख इतिहास के मुताबिक गुरु नानक देव जी ने अपनी चार प्रसिद्ध यात्राओं को पूरा करने के बाद सन् 1522 में करतारपुर साहिब में रहने लगे थे, जिसके बाद उन्होंने अपने जीवन काल के आखिर 17 साल यहीं बिताए थे.
कहां है ननकाना साहिब
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ननकाना साहिब है. ये लाहौर के दक्षिण पश्चिम से तकरीबन 80 किमी. और फैसलाबाद के पूर्व से 75 किमी दूर पर है. 550 साल पहले सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का जन्म ननकाना साहिब में हुआ था, उन्होनें यहां पर ही पहली बार उपदेश दिया था. सिखों के लिए उच्च ऐतिहासिक होने के साथ ही धार्मिक मूल्य का एक शहर ननकाना साहिब है. तलवंडी गांव में ननकाना साहिब का जन्म हुआ था.
कहां हुआ था गुरु नानक का जन्म
गुरु नानक जी के जीवन के समय बहुत सी चमत्कारी घटनाएं और कई ऐतिहासिक गुरुद्वारों की जगह है. ननकाना साहिब गुरुद्वारा करीब 18,750 एकड़ जमीन पर है. इस जमीन को तलवंडी गांव के एक मुस्लिम मुखिया राय बुलार भट्टी ने गुरु नानक जी को दी थी. ननकाना साहिब क्षेत्र शुरू में शेखपुरा जिले का एक तहसील था और फिर ये साल 2005 में ननकाना साहिब नाम से एक अलग जिला बना.
ननकाना साहिब में कितने गुरुद्वारे
आपको बता दें कि ननकाना साहिब में गुरुद्वारा जन्मस्थान समेत नौ गुरुद्वारे हैं. जिनमें से गुरुद्वारा जन्मस्थान बहुत बड़ा है, यहां पर बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु मत्था टेकने के लिए आते हैं. गुरुग्रंथ साहिब के प्रकाश स्थल के चारों तरफ काफी लंबी चौड़ी परिक्रमा है. इसी परिक्रमा में बैठकर श्रद्धालु शबद-कीर्तन का आनंद लेते हैं. यहां एक पवित्र सरोवर भी जहां श्रद्धालु स्नान करते हैं.
कहां बीता गुरु नानक का बचपन
15 से 16 साल की उम्र तक गुरु नानक जी तलवंडी में रहे थे. यहां के बाद वो सुल्तानपुर लोधी चले गए, ये अब भारतीय पंजाब के कपूरथला जिले में है. यहां पर इनकी बहन बीबी नानकी रहती थीं.