यूं तो देश में गणेश जी के कई प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं, जिनमें गज मुख के साथ गणेश जी की मूर्ति स्थापित है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसा अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आपने इससे पहले सुना होगा.
दरअसल, हम आपको जिस अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, वहां गणेश जी की नरमुखी प्रतिमा रखी गई है. इस मंदिर से कई तरह की मान्यताएं जुड़ी हुई है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में व्यक्ति आता तो खाली हाथ लेकिन जाता झोली भरकर ही है. सरल भाषा में कहें तो मांगने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
गणेश चतुर्थी पर होता है भव्य कार्यक्रम
आदि विनायक मंदिर नामक गणेश जी का ये मंदिर तमिलनाडु के तिलतर्पण पुरी में स्थित है, जहां हर साल लाखों की गिनती में श्रृद्धालु भगवान गणेश के दर्शन करते हैं. इतना ही नहीं गणेश चतुर्थी के दौरान तो इस मंदिर बेहद ही सुंदर लगता. यहां भव्य कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. इस मौके पर दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं.
नरमुखी का एकमात्र मंदिर
आदि विनायक मंदिर के पुजारी के मुताबिक ये एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां पर गणेश जी की मूर्ति नरमुखी वाली स्थापित है. आपको बता दें कि देश में गणेश जी के दूसरे मंदिरों में गणेश जी की गजमुख की मूर्ति रखी हुई हैं लेकिन आदि विनायक मंदिर में ही केवल गणेश जी की इंसान स्वरूप की पूजा की जाती है.
तिलतर्पण पुरी शहर की है ये खासियत
तिलतर्पण पुरी शहर बहुत ही खास शहर है, कहा जाता है कि यहां पर आकर तर्पण और श्राद्ध कर्म करना उत्तम होता है. इसलिए दूर-दूर से लोग यहां आकर श्राद्ध कर्म और तर्पण करते हैं. बता दें कि तिलतर्पण में पितरों के लिए तिल तर्पण भी किया जाता है. जिसके चलते इस शहर का नाम तिलतर्पण पुरी रखा गया है. जिसमें तिलतर्पण का अर्थ पूर्वजों को तिल चढ़ाना और पुरी का अर्थ पूर्वजों को समर्पित शहर है.
यहां पर स्थित है आदि विनायक मंदिर
तमिलनाडु के तिरुवरुर जिले से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर आदि विनायक मंदिर स्थित है. जहां पर आपको आसानी से मंदिर जाने के लिए टैक्सी और बस मिल जाएगी. वहीं मंदिर के पास कई धर्मशालाएं भी हैं और आपको आसानी से कमरे भी मिल जाएंगे.