Tamil Nadu Historical Temples: तमिलनाडु, दक्षिण भारत का एक प्रमुख राज्य, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यहां 2000 साल से भी पुराने मंदिर स्थित हैं, जो न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि द्रविड़ शैली की भव्य वास्तुकला का भी अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। इन मंदिरों की दीवारों पर उकेरी गई नक्काशी, उनके विशाल कक्ष और अद्वितीय संरचनाएं सैकड़ों वर्षों से भारतीय कला, संस्कृति और इतिहास को समेटे हुए हैं। तमिलनाडु में बसी इन ऐतिहासिक धरोहरों को देखना, न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सांस्कृतिक और स्थापत्य कला की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगर आप तमिलनाडु यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन 10 मंदिरों को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें।
और पढ़ें: Makar Sankranti Sun Temple: मकर संक्रांति पर इस मंदिर पर पड़ती है प्रकाश की पहली किरण
1. बृहदेश्वर मंदिर (Brihadeeswarar Temple)
बृहदेश्वर मंदिर, जिसे पेरुवुदैयार कोविल भी कहा जाता है, चोल काल की द्रविड़ वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और लगभग 1010 ईस्वी में चोल राजा राजराजा चोल द्वारा बनवाया गया था। बृहदेश्वर मंदिर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है, और यहां की विशाल नंदी की मूर्ति भी प्रमुख आकर्षण है। मंदिर की स्थापत्य कला और भव्यता इसे एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर बनाती है।
2. अरुणाचलेश्वर मंदिर (Arunachaleshwar Temple)
तिरुवन्नामलाई में स्थित अरुणाचलेश्वर मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जिसका इतिहास 1200 साल पुराना है। यह मंदिर भगवान शिव के अवतार अन्नामलाईयार लिंगम को समर्पित है और इसे ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर का डिज़ाइन द्रविड़, विजयनगर और चोल शैलियों का अद्भुत मिश्रण है, जो इसे वास्तुकला के शौकिनों के लिए एक आकर्षक स्थल बनाता है।
3. श्री मीनाक्षी अम्मन मंदिर (Sri Meenakshi Amman Temple)
मदुरई में स्थित श्री मीनाक्षी अम्मन मंदिर एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है, जिसकी स्थापना लगभग 2000 साल पहले हुई थी। यह मंदिर मीनाक्षी देवी और भगवान सुंदरेश्वर के पवित्र विवाह का प्रतीक है। इस मंदिर की वास्तुकला और यहां की धार्मिक महत्ता सैलानियों और भक्तों को आकर्षित करती है। यह मंदिर प्राचीन ग्रंथों में भी वर्णित है और तमिलनाडु के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
4. कैलासनाथर मंदिर (Kailasanathar Temple)
कैलासनाथर मंदिर, जो पल्लव-युग का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, लगभग 700 ईस्वी में निर्मित हुआ था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसकी वास्तुकला हिंदू कला की जटिल नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का डिजाइन एक चौकोर आकार का है, और इसके अंदर भगवान शिव की मूर्ति के चारों ओर एक मार्ग है, जो स्वर्ग से किसी व्यक्ति के प्रवेश और निकास को दर्शाता है।
5. श्री रंगनाथस्वामी मंदिर (Sri Ranganathaswamy Temple)
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, जिसे थिरुवरंगा तिरुपति के नाम से भी जाना जाता है, भगवान विष्णु के लेटे हुए रूप रंगनाथ को समर्पित है। यह मंदिर लगभग 1700 साल पुराना है और द्रविड़ शैली की वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। यहां की विशाल प्रांगण, मंदिर की संरचना और धार्मिक महत्व इसे भारतीय मंदिरों के प्रमुख केंद्रों में से एक बनाता है।
6. रामनाथस्वामी मंदिर, रामेश्वरम (Ramanatha Swamy Temple)
रामनाथस्वामी मंदिर, जो रामेश्वरम में स्थित है, भगवान शिव को समर्पित है और यह भारत के बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। यह मंदिर रामायण काल से जुड़ी कथाओं और मान्यताओं से गहरे जुड़ा हुआ है। यहां की विशाल नंदी की मूर्ति और मंदिर की भव्यता श्रद्धालुओं को विशेष रूप से आकर्षित करती है।
7. गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर (Gangaikonda Cholapuram Temple)
गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर, जो लगभग 1000 साल पुराना है, चोल काल के स्थापत्य कला का प्रमुख उदाहरण है। यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है। गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में भगवान शिव की पूजा होती है और यह प्राचीन चोल साम्राज्य की समृद्धि और संस्कृति को दर्शाता है।
8. ऐरावतेश्वर मंदिर (Airavatesvara Temple)
कुंभकोणम में स्थित ऐरावतेश्वर मंदिर 12वीं शताब्दी का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे चोल राजा राजराजा चोल द्वितीय द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका नाम भगवान इंद्र के सफेद हाथी ऐरावत के नाम पर रखा गया है। ऐरावतेश्वर मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक है और अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
9. भगवती अम्मन मंदिर (Bhagavathy Amman Temple)
कन्याकुमारी में स्थित भगवती अम्मन मंदिर, दक्षिण भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस मंदिर का इतिहास 3000 साल पुराना है और इसे भारत के 108 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यह देवी कन्याकुमारी को समर्पित है और उनके पवित्र रूप को दर्शाता है। यह मंदिर समुद्र के किनारे स्थित है, जिससे इसकी भव्यता और धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है।
10. नमक्कल नरसिंह मंदिर (Namakkal Narasimha Temple)
नमक्कल जिले में स्थित नरसिंहस्वामी मंदिर भगवान विष्णु के अवतार नरसिंह को समर्पित है। यह मंदिर पांड्या राजाओं द्वारा 8वीं शताब्दी में बनवाया गया था और यहां की वास्तुकला और धार्मिक महत्व इसे एक प्रमुख स्थल बनाते हैं। मंदिर की पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यह स्थल अधिक आकर्षक बन जाता है।