भाई बहन के बीच का रिश्ता सबसे खास और अनोखा होता है। इस रिश्ते में झगड़ा होता है तकरार होती है, लेकिन प्यार भी बहुत ज्यादा होता है। जब एक पर मुसीबत आती है, तो दूसरा उसके साथ खड़ा रहता है। वैसे तो इस खूबसूरत रिश्ते के लिए कोई दिन नहीं होता, लेकिन रक्षाबंधन, भाई दूज जैसे त्योहार भाई बहन के रिश्ते का प्रतीक माने जाते हैं।
रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की दुआ करती हैं। तो वहीं भाई भी अपनी बहनों को हमेशा रक्षा करने का वादा करते हैं। रक्षाबंधन का त्योहर इस बार 22 अगस्त रविवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि के दिन होता है।
रक्षाबंधन पर नहीं रहेगा भद्रा का साया
अब बात करते हैं रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त की। बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए मुहूर्त देखती हैं। राखी बांधते समय भद्राकाल का खास ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि भद्राकाल में राखी बांधने अशुभ माना जाता है।
हालांकि इस बार अच्छी बात ये है कि रक्षाबंधन पर भद्रा सुबह ही खत्म हो जाएगा। यानी दिनभर आराम से राखी बांधी जा सकेगी। वहीं राहुकाल शाम 5 बजकर 16 मिनट से लेकर 6 बजे तक है। इस दौरान भी राखी बांधना अच्छा नहीं माना जाता।
इस शुभ मुहूर्त में बांधे राखी
इस साल रक्षा बंधन पर शोभन योग बन रहा है और इस वर्ष राखी बांधने के लिए 12 घंटे का मुहूर्त है। राखी बांधने के लिए रविवार सुबह 05:50 बजे से शाम 06:03 बजे तक का शुभ समय है। वहीं बात अगर दोपहर की करें तो एक बजकर 44 मिनट से लेकर चार बचकर 23 मिनट का समय अच्छा है।
रक्षाबंधन पर बन रहा ये अद्भूत संयोग
इस बार का रक्षाबंधन बेहद ही खास है। ऐसा इसलिए क्योंकि राखी पर 474 सालों के बाद अद्भूत संयोग बन रहा है। रक्षाबंधन के दिन सूर्य, मंगल और बुध तीनों एक साथ सिंह राशि में मौजूद रहेंगे। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो रक्षाबंधन पर तीन ग्रहों का ऐसा संयोग 474 सालों के बाद बन रहा है। इससे पहले 11 अगस्त 1547 को ग्रहों की ऐसी स्थिति बनी थी।