MALA JAPNE KE NIYAM: हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही जप और तपस्या का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। यह न केवल आत्मिक शांति और ध्यान के लिए किया जाता है, बल्कि इससे भक्तों का मन भगवान के करीब पहुंचता है। माला जाप भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें विशेष नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है। आमतौर पर माला में 108 दाने होते हैं, और इन दानों के पूरे होने तक जाप निरंतर चलता रहता है। आज हम जानेंगे माला जाप करने के कुछ महत्वपूर्ण नियमों के बारे में, जिन्हें ध्यान में रखना आवश्यक है।
कौन सी माला जप के लिए श्रेष्ठ है? (MALA JAPNE KE NIYAM)
माला जप के लिए सबसे अधिक प्रचलित माला तुलसी की होती है, जिसे धार्मिक मान्यताओं में विशेष स्थान प्राप्त है। इसके अतिरिक्त, रुद्राक्ष की माला भी बहुत प्रसिद्ध है, जो भक्तों के बीच पवित्र मानी जाती है। हालांकि, पीले रंग के मोती की माला का जाप भी अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। यह माला मानसिक शांति बनाए रखने और ध्यान को केंद्रित करने में सहायक होती है। विशेष रूप से, मूंगे के मोती की माला से जाप करने पर मन शांत और फोकस्ड रहता है।
माला फेरने का सही तरीका
माला जप करते समय कुछ बुनियादी नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। माला को हमेशा ठीक से पकड़ा जाना चाहिए और इसे नाभि से नीचे नहीं ले जाना चाहिए। माला को नाक के ऊपर भी नहीं रखा जाना चाहिए। माला को हमेशा हाथों में पकड़ते समय यह सुनिश्चित करें कि वह सीने से चिपककर न रहे। इसके अलावा, जाप करते समय यदि आप अपनी आंखें खोलकर जाप कर रहे हैं, तो आपको परमात्मा पर अपनी नजरें टिकानी चाहिए। यदि आप आंखें बंद करके जाप कर रहे हैं, तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि परमात्मा की छवि आपकी आंखों के सामने केंद्रित हो।
एक अन्य महत्वपूर्ण नियम यह है कि माला को कभी भी नीचे नहीं गिरने देना चाहिए, और न ही उसे जमीन पर रखना चाहिए। माला को हमेशा साफ और ऊंचे स्थान पर रखें, जैसे कि आसन या एक सुरक्षित डिब्बे में। यह सुनिश्चित करने से माला की पवित्रता बनी रहती है।
जाप से पहले शुद्धता का ध्यान रखें – MALA JAPNE KE NIYAM
माला से जाप करने से पहले, उसे शुद्ध करना आवश्यक है। इसके लिए सबसे पहले आपको खुद पर गंगाजल छिड़कना चाहिए, ताकि आपकी ऊर्जा शुद्ध हो सके। इसके साथ ही माला को भी गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए। जिस स्थान पर आप जाप करने जा रहे हैं, उसे भी पूरी तरह से स्वच्छ रखें। उस स्थान पर एक स्वच्छ आसन बिछाकर, वहां बैठकर ही माला से जाप करें। इससे आपका ध्यान और समर्पण भगवान की ओर केंद्रित रहेगा।
माला में कितने मनके होते हैं और कितने मंत्रों का जाप करें?
माला में आमतौर पर 108 मनके होते हैं, लेकिन कुछ मालाओं में 21 या 51 मनके भी होते हैं। माला से आप जितने मंत्रों का जाप करना चाहते हैं, उतनी मनकों वाली माला का चयन कर सकते हैं। ध्यान रहे कि जब आप एक माला से किसी एक विशेष मंत्र का जाप कर रहे हैं, तो उसी माला से किसी दूसरे मंत्र का जाप न करें। यह नियम माला की पवित्रता और उद्देश्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है।