Makar Sankranti Sun Temple: मध्य प्रदेश के खरगोन में स्थित सूर्य मंदिर जिसे नवग्रह मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भक्तों के बीच आस्था और चमत्कार का केंद्र है। इस मंदिर में नवग्रहों की प्रतिमाएं स्थापित हैं, जिनमें से एक सूर्य देव की प्रतिमा विराजमान है। 225 साल पुराने इस मंदिर का निर्माण ज्योतिषीय दृष्टिकोण से किया गया है और यह अपनी वास्तुकला और दिव्यता के लिए प्रसिद्ध है।
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मकर संक्रांति पर विशेष महत्व- Makar Sankranti Sun Temple
मंदिर की खासियत यह है कि हर साल मकर संक्रांति के दिन सूर्य की पहली किरण मंदिर के गुंबद से होकर सीधे सूर्यदेव की मूर्ति पर पड़ती है। यह दृश्य बेहद अद्भुत और दिव्य माना जाता है और इसे देखने के लिए इस दिन देशभर से श्रद्धालु यहां जुटते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस दिन सूर्यदेव और नौ ग्रहों की पूजा करने से ग्रहों की अशुभ स्थितियों से राहत मिलती है।
225 साल पुराना नवग्रह मंदिर
श्री नवग्रह मंदिर खरगोन 225 साल पुराना है। इसे ज्योतिषीय विज्ञान और भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है। इस मंदिर में सूर्य देव के साथ अन्य ग्रहों की मूर्तियां भी स्थापित हैं। मान्यता है कि यहां पूजा करने से ग्रहों के प्रभाव को अनुकूल बनाया जा सकता है। मंदिर की वास्तुकला और यहां का दिव्य वातावरण श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
ये हैं भारत के अन्य प्रसिद्ध सूर्य मंदिर:
कोणार्क का सूर्य मंदिर, ओडिशा (Konark Surya Mandir)
भारत का सबसे प्रसिद्ध सूर्य मंदिर कोणार्क में स्थित है। यह मंदिर रथ के आकार में बना है और इसे मध्यकालीन भारतीय वास्तुकला का एक अनूठा उदाहरण माना जाता है। 13वीं शताब्दी में राजा नरसिंह देव द्वारा निर्मित इस मंदिर में सूर्य की मूर्ति नहीं है, इसे पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रखा गया है।
औंगारी का सूर्य मंदिर, नालंदा- (Sun Temple at Aungari, Nalanda)
बिहार के नालंदा जिले में स्थित औंगारी का सूर्य धाम और बड़गांव का सूर्य मंदिर भी काफी प्रसिद्ध हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर यहां श्रद्धालु सूर्य तालाब में स्नान कर सूर्य देव की पूजा करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से कुष्ठ रोग जैसे असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है।
पिथौरागढ़ का सूर्य मंदिर, उत्तराखंड – (Sun Temple of Pithoragarh, Uttarakhand)
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट क्षेत्र में स्थित सूर्य मंदिर, प्राचीन सूर्य मंदिरों में से एक है। दसवीं शताब्दी में बने इस मंदिर में सूर्य देव को सात घोड़ों वाले रथ पर विराजमान दिखाया गया है। यह मंदिर ग्रेनाइट प्रस्तर खंडों से बना है और इसकी वास्तुकला अद्भुत है।
मोढ़ेरा का सूर्य मंदिर, गुजरात- (Sun Temple Modhera)
अहमदाबाद से 100 किमी दूर स्थित मोढ़ेरा का सूर्य मंदिर सम्राट भीमदेव सोलंकी प्रथम ने बनवाया था। वे सूर्यवंशी थे और सूर्य देव को कुलदेवता के रूप में पूजते थे। इस मंदिर की खूबसूरत वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व इसे खास बनाते हैं।
खरगोन का सूर्य मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह ज्योतिषीय दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। यहां हर साल मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, जो इसकी दिव्यता और महत्व को दर्शाती है।
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