हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का दिन बेहद खास माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। कई लोग महाशिवरात्रि के दिन शिव जी का व्रत भी रखते हैं। शिवपुराण के मुताबिक फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं की मानें तो शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं। इस ब बार 11 मार्च गुरुवार के दिन महाशिवरात्रि हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि इसे मनाया की वजह क्या है? महाशिवरात्री की पूजा करने का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है?
क्यों मनाया जाता है महाशिवरात्रि का पर्व?
पूजा का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि की पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहन लें, ध्यान रहे इस दिन आपको काले वस्त्रों को धारण नहीं करना है। इसके बाद अपने घर के नजदीक शिव मंदिर जाएं और वहां शिवलिंग का अभिषेक करें। सबसे पहले शिवलिंग पर जल अर्पित करें और फिर घी, शकर, दही और शहद भी शिवलिंग पर अर्पित करें। ऐसा करने के बाद दूध से अभिषेक करें और फिर जल से शिवलिंग को साफ करें। इसके बाद चंदन से शिवलिंग को तिलक लगाएं। इसके बाद बेल पत्र, फल-फूल अर्पित करें और एक घी का दीपक जलाएं।
महाशिवरात्रि का व्रत करने के लाभ
जो व्यक्ति महाशिवरात्रि का व्रत करता है उन पर भगवान शिव की विशेष कृपा बनती है। जिन लोगों की शादी में परेशानी आ रही होती हैं, उन्हें इस व्रत को करने से लाभ होता है। इस व्रत को करने से हर तरह के रोग से रोग से मुक्ति मिलती है।