Mahamrityunjaya Mantra Ke Labh: भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र को अत्यधिक शक्तिशाली और प्रभावशाली माना जाता है। यह मंत्र न केवल जीवन की कठिनाइयों और संकटों को दूर करने का सामर्थ्य रखता है, बल्कि यह अकाल मृत्यु से भी बचाव करता है। इस मंत्र का जाप करने से जीवन के सारे कष्ट, रोग और समस्याएं समाप्त हो सकती हैं। काशी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, यह मंत्र विशेष रूप से सावन महीने में बहुत प्रभावी होता है। हालांकि, अन्य महीनों में भी सोमवार के दिन इस मंत्र का जाप करना अत्यधिक लाभकारी होता है।
महामृत्युंजय मंत्र का महत्व- Mahamrityunjaya Mantra Ke Labh
महामृत्युंजय मंत्र में भगवान शिव की शक्ति और महाकाल की उपस्थिति को महसूस किया जा सकता है। यह मंत्र अकाल मृत्यु से बचाने और जीवन को दीर्घायु बनाने के लिए प्रसिद्ध है। भगवान शिव, जिन्हें महाकाल भी कहा जाता है, स्वयं काल से भी भयभीत हैं, और उनके इस मंत्र का जाप करने से काल की शक्तियां भी शांत होती हैं। यह मंत्र न केवल जीवन के संकटों से मुक्ति दिलाता है, बल्कि यह पापों से मुक्ति पाने और रोगों को दूर करने का भी एक असरदार उपाय है।
महामृत्युंजय मंत्र के लाभ
- अकाल मृत्यु से बचाव: अगर किसी व्यक्ति पर अकाल मृत्यु का संकट मंडरा रहा हो, तो उसे महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। यह मंत्र जीवन को दीर्घायु बनाता है और अकाल मृत्यु से बचाता है।
- रोगों से मुक्ति: जो लोग गंभीर या असाध्य रोगों से पीड़ित हैं, जिन्हें आराम नहीं मिल रहा है, उनके लिए भी यह मंत्र कारगर हो सकता है। इस मंत्र का जाप स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करता है।
- ग्रह दोष से राहत: ज्योतिष में यह माना जाता है कि ग्रहों के दोष से उत्पन्न होने वाली पीड़ा को भी महामृत्युंजय मंत्र से दूर किया जा सकता है।
- पापों से मुक्ति: यदि किसी ने कोई पाप किया हो या उसके जीवन में पापों का असर हो, तो इस मंत्र के जाप से उन पापों से मुक्ति मिल सकती है।
- धन हानि और विवादों से मुक्ति: यह मंत्र विशेष रूप से धन हानि से बचने, प्रॉपर्टी और जमीन-जायदाद से संबंधित विवादों में सफलता पाने के लिए भी उपयोगी माना जाता है।
- गृह क्लेश का समाधान: यदि घर में अशांति, तनाव या परिवारिक समस्याएं चल रही हों, तो इस मंत्र का जाप करने से घर में शांति और सामंजस्य स्थापित हो सकता है।
- भय से मुक्ति: जो लोग राजकीय पक्ष से सजा का डर महसूस करते हैं या किसी अनजाने भय से ग्रस्त हैं, वे भी इस मंत्र का जाप करके अपनी समस्याओं से मुक्त हो सकते हैं।
महामृत्युंजय मंत्र के प्रकार
महामृत्युंजय मंत्र दो प्रकार के होते हैं।
1. संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
2. लघु महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ।
महामृत्युंजय मंत्र जाप विधि
महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए। मंत्र का जाप योग्य पंडित या ज्योतिषाचार्य से कराना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि मंत्र का सही उच्चारण जरूरी है। गलत जाप मंत्र की शक्ति को निष्क्रिय कर सकता है।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप सवा लाख बार करना चाहिए, और लघु महामृत्युंजय मंत्र का जाप 11 लाख बार करना चाहिए। इस मंत्र का जाप प्रात:काल से लेकर दोपहर तक करना सर्वोत्तम माना जाता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Nedrick News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।