Maha Kumbh 2025 Fire: प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान रविवार शाम एक भीषण आग की घटना ने सबको चौंका दिया। इस हादसे में गीता प्रेस के 180 कॉटेज पूरी तरह जलकर राख हो गए। आग लगने का कारण शुरुआती जांच में गैस सिलेंडर से रिसाव और धमाका बताया जा रहा है, लेकिन गीता प्रेस के ट्रस्टी कृष्ण कुमार खेमका ने दावा किया कि आग बाहर से आई चिंगारी के कारण लगी। इस घटना ने मेले के शांतिपूर्ण माहौल को गहरे सदमे में बदल दिया।
बाहरी चिंगारी या गैस रिसाव? (Maha Kumbh 2025 Fire)
गीता प्रेस के ट्रस्टी कृष्ण कुमार खेमका ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि आग बाहर से आई किसी चिंगारी के कारण लगी। उन्होंने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि पश्चिम की ओर, जहां गंगा स्नान के लिए सर्कुलेटिंग एरिया घोषित किया गया था, वहां से आग की कोई चिंगारी उनके कैंप तक आई और पूरे कॉटेज को जला दिया।
दूसरी ओर, मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि शुरुआती जांच में आग लगने का कारण गीता प्रेस की रसोई में छोटे गैस सिलेंडर का लीक होना पाया गया। सिलेंडर फटने के बाद आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और 40 से अधिक घास-फूस की झोपड़ियों, टेंट और कुटिया को अपनी चपेट में ले लिया।
घायल और नुकसान का आकलन
इस हादसे में जसप्रीत नामक व्यक्ति को भागते समय पैर में चोट आई, जिससे वे अचेत हो गए। उन्हें तुरंत महाकुंभ मेला के केंद्रीय चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद स्वरूपरानी मेडिकल कॉलेज (SRN), प्रयागराज भेज दिया गया। आग से न केवल कॉटेज बल्कि दैनिक उपयोग की वस्तुएं, बिस्तर, चारपाई, कंबल और कुर्सियां भी जलकर नष्ट हो गईं।
प्रशासनिक जांच और अग्नि सुरक्षा पर सवाल
महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने इस घटना की जांच के लिए एडीएम प्रशासन और एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की टीम गठित की है। यह टीम आग लगने के कारणों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
#WATCH | Prayagraj, Uttar Pradesh: The fire that broke out in #MahaKumbhMela2025 has been brought under control pic.twitter.com/ECdae31X4Q
— ANI (@ANI) January 19, 2025
हालांकि, घटना ने महाकुंभ मेले की अग्नि सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गीता प्रेस के ट्रस्टी ने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा सर्कुलेटिंग एरिया को अनाधिकृत व्यक्तियों को दे दिया गया, जिससे यह हादसा हुआ।
आग की भयावहता और नुकसान
रविवार शाम करीब साढ़े चार बजे शास्त्री ब्रिज के पास सेक्टर 19 में गीता प्रेस के कैंप में आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि कुछ ही मिनटों में 180 कॉटेज जलकर राख हो गए। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि दमकल विभाग के पहुंचने तक सबकुछ नष्ट हो चुका था।
अग्नि सुरक्षा की तैयारियों पर फिर से विचार की जरूरत
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में इस तरह की घटना होना चिंता का विषय है। लाखों श्रद्धालुओं के बीच अग्नि सुरक्षा के मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना अब अनिवार्य हो गया है। प्रशासन की जांच रिपोर्ट से यह स्पष्ट होगा कि यह हादसा मानवीय लापरवाही का परिणाम था या किसी अन्य कारण से हुआ।
इतना ही नहीं, महाकुंभ मेले में गीता प्रेस के 180 कॉटेज जलने की यह घटना न केवल एक बड़े आर्थिक नुकसान का कारण बनी, बल्कि इसने श्रद्धालुओं और आयोजकों को गहरे सदमे में डाल दिया।