जो माता-पिता हमें इस सांसारिक दुनिया में लाते हैं और हमें सही और गलत की समझ सिखाते हैं, आज के बच्चे उन्हीं माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और बड़े होने पर उन्हें कष्ट सहने के लिए अकेला छोड़ देते हैं। वहीं कुछ घरों में गृहिणियों के बीच कलह होने लगती है और पति से सास-ससुर को घर से बाहर निकालने और उन्हें (सास-ससुर) आर्थिक सहयोग न देने की जिद करने लगती हैं। ऐसी महिलाओं को याद रखना चाहिए कि आज वे अपने सास-ससुर के साथ जो व्यवहार कर रही हैं, आने वाली पीढ़ियों में उनके बच्चे भी उनके साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे। दरअसल, ये बात सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जो कि वृन्दावन के स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने कही है। वृन्दावनवासी प्रेमानन्द जी महाराज को कौन नहीं जानता? उनके भजन और सत्संग सुनने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। महाराज जी कीर्तन में आने वाले भक्तों को सांसारिक दुखों से दूर रहकर भगवान का चिंतन करने की सलाह देते हैं। ऐसे ही एक भक्त ने महाराज जी से अपनी समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि अगर उसकी पत्नी उसे माता-पिता की सेवा नहीं करने देती तो क्या किया जाए? जिसके बाद प्रेमानंद महाराज ने जो जवाब दिया वो सभी को जानना चाहिए। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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पत्नी और माता-पिता के बीच बनाए प्रेम का संतुलन
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि यदि कोई स्त्री अपने सास-ससुर का अपमान करती है और अपने पति से अपेक्षा करती है कि वह भी सिर्फ उसकी बात सुने और अपने माता-पिता की सेवा न करे, तो पति-पत्नी दोनों पाप के भागी बनते हैं। महाराज जी कहते हैं कि ऐसी स्थिति में पति को माता-पिता और पत्नी के बीच प्रेम का संतुलन बनाए रखना चाहिए। पति को अपनी पत्नी को अकेले में समझाना चाहिए कि वह भी उसे प्रिय है और उसे इस धरती पर लाने वाले माता-पिता भी प्रिय हैं। ऐसे में पति को अपनी पत्नी से बात करके मामला सुलझा लेना चाहिए। अगर आपकी पत्नी फिर भी नहीं मानती तो आपको अपने माता-पिता की सेवा करना नहीं छोड़ना चाहिए। अगर इसके बावजूद पत्नी कहती है कि अगर आपने अपने माता-पिता को नहीं छोड़ा तो वह घर छोड़कर चली जाएगी, तो ऐसी स्थिति में पत्नी को जाने देना ही बेहतर है। क्योंकि माता-पिता को कष्ट सहने के लिए छोड़कर पत्नी के पास रहने से पाप ही प्राप्त होता है।
जैसा करोगे वैसा भरोगे
महाराज जी आगे कहते हैं कि अगर आज आप अपने माता-पिता की सेवा नहीं करेंगे तो कल आपकी संतान भी आपके साथ ऐसा ही करेगी। वहीं अगर पत्नी आपको माता-पिता को आर्थिक सहयोग देने की इजाजत नहीं देती। तो ऐसे में आप अपनी पत्नी से छुपकर भी अपने माता-पिता को पैसे दे सकते हैं ताकि आपके माता-पिता की सेवा हो सके और आपकी पत्नी भी खुश रह सके। महाराज जी आगे कहते हैं कि अपना पूरा वेतन अपनी पत्नी को नहीं देना चाहिए, उसमें से कुछ अपने माता-पिता को और कुछ अपनी पत्नी को देना चाहिए।
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