प्रेमानंद महाराज जी से जानिए अवैध तरीके से कमाए गए धन से होने वाले पछतावे से कैसे छुटकारा पाएं

Know from Premanand Maharaj Ji how to get rid of regrets caused by illegally earned money
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वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज अक्सर अपने बयानों और विचारों को लेकर लोगों के बीच चर्चा का विषय बने रहते हैं। उनके अच्छे विचारों से लोग काफी प्रेरित हो रहे हैं। परम पूज्य प्रेमानंद महाराज जी, श्री हित प्रेमानंद ने नौवीं कक्षा में ही तय कर लिया था कि वह अब आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ेंगे। उन्होंने अपनी मां को घर छोड़ने के बारे में बताते हुए 13 साल की उम्र में घर छोड़ दिया और ब्रह्मचर्य पालन शुरू कर दिया। वर्तमान में महाराज जी वृन्दावन में रहते हैं और अपने पास आने वाले भक्तों को जीवन में सही रास्ते पर चलने की शिक्षा देते हैं। कुछ दिन पहले एक भक्त महाराज के दरबार में आया और उसने पूछा कि महाराज जी, यदि अधर्म से धन कमाया है और अब प्रायश्चित करना चाहते हैं, तो क्या करना चाहिए? इस प्रश्न को सुनने के बाद महाराज जी ने जो उत्तर दिया वह आपको अवश्य सुनना चाहिए।

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ऐसे करें प्रायश्चित

हाल ही में वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज कि विडियो वायरल हो रही है जिसमें एक भक्त अधर्म से कमाए गए धन के संबंध में महाराज जी से पूछता है कि मैंने यह धन किसी से अधर्म के मार्ग पर चलकर लिया है और अधर्म के मार्ग से आया हुआ यह धन प्राप्त करने के बाद भी मैं खुश नहीं हूं, बहुत बेचैन रहता हूं और भगवान के नाम पर ध्यान नहीं दे पाता हूं। भक्त की यह बात सुनकर महाराज जी ने कहा कि यदि धन अधर्म से आया है तो इससे छुटकारा पाने का एक ही उपाय है कि उस धन का उपयोग कहीं ऐसी जगह किया जाए जहां धर्म की कमाई हो सके। महाराज जी ने आगे कहा कि ऐसे धन को चुपचाप किसी गौशाला या धर्मार्थ ट्रस्ट जैसे अस्पताल, अनाथालय आदि में दान कर देना चाहिए। साथ ही धन दान करते समय उस स्थान से पानी भी नहीं पीना चाहिए और न ही वहां किसी का अभिवादन या धन्यवाद लेना चाहिए। बस चुपचाप जाओ और सेवा करो और वहां से कुछ भी वापस न लेकर आओ। ऐसा करने से आप पश्चाताप से जलते अपने हृदय से संतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही महाराज ने कहा की ऐसी गलती भविष्य में भूलकर भी दूबरा नहीं करनी चाहिए।

गुरु मंत्र जप में आने वाली बाधाओं का निवारण

महाराज जी ने आगे कहा कि अगर फिर भी आपको गुरु मंत्र का जाप करने में दिक्कत आ रही है तो इसका मतलब है कि आपका भोजन शुद्ध नहीं है, या आपने किसी संत की बुराई की है, या आपने किसी संत की निंदा की है। इस कारण गुरुयंत्र का जाप कर पाने में परेशानी हो सकटी है। ऐसे में आपको अपने गुरु के पास जाकर अपनी जो भी गलती हुई हो उसे स्वीकार करना चाहिए। ऐसा करने से आपके सभी दोष दूर हो जायेंगे।

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