महिलाओं को जब भी मासिक धर्म यानि कि पीरियड्स आता है, तो उनको ना जाने कौन-कौन से नियम में बांध दिया जाता है। लड़कियां या महिलाएं किचन और मंदिर में जा नहीं सकती। उन्हें अलग बिस्तर पर सोना होगा। यहां तक कि मासिक धर्म के दौरान तो लड़कियों और महिलाओं को अपवित्र तक मान ला जाता है। हर कोई इन नियमों को आजकल फॉलो नहीं करता, लेकिन कई जगहों पर ये आज भी चलते आ रहे हैं। ऐसे में आज हम जानतें कि अलग अलग धर्मों में पीरियड्स को लेकर क्या कुछ बताया गया है? तो चलिए जानते है इस बारे में डीटेल में…
बात सबसे पहले इस्लाम की करते हैं…
इस्लाम के पवित्र कुरान में बताया गया है कि कोई मासिक धर्म के बारे में अगर पूछे तो कहिए कि ये अपवित्रता है। महिलाओं से दूर रहना चाहिए और तब ही उनके करीब जाना चाहिए जब वो पवित्र हो जाएं। मासिक धर्म के दौरान कुरान छूने, मस्जिद जाने और शारीरिक संबंध बनाने की महिलाओं को इजाजत नहीं होती। जहां तक हज की बात है, तो इस्लाम में मर्द हजरात की तरह औरतें भी हज की अदाएगी करतीं है, लेकिन यहां हज को लेकर मर्द हजरात से मुस्लिम महिलाओं में फर्क है। शरीयत के हिसाब से पीरियड के दौरान हज और उमरा करने का महिला को हुक्म नहीं है। पीरियड में तवाफ यानि जियारत करना मना है। बताया गया है कि महिला उमरा करने की नीयत सफर के दौरान ही कर सकती है। मक्के में रुकेगी जब पाक हो जाएगी तभी उमरा कर सकती है।
ये तो हुई इस्लाम की बात चलिए अब जानते हैं अलग अलग धर्मों के बारे में
हिंदू धर्म
हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यता की मानें तो मासिक धर्म के वक्त महिलाएं अपवित्र होती हैं, जिसकी वजह से उनको पूजा-पाठ करने नहीं दिया जाता है। इस दौरान महिलाओं को मंदिर नहीं जाने को कहा जाता। मासिक धर्म के दौरान रसोईघर में जाना मना होता है। इस दौरान महिलाओं का अचार जैसे खाद्य पदार्थों को छूने की भी मनाही होती ।है हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है इसे तो बताया नहीं जा सकता है लेकिन हां पीरियड्स के दौरान महिलाओं को ये सब करना पड़ता है।
ईसाई धर्म
मासिक धर्म के दौरान ईसाई धर्म में महिलाओं को अपवित्र नहीं मानते। खास बात ये है कि पीरियड्स के नाम पर महिलाओं के साथ इस दौरान अत्याचार न के बराबर होता है। वैसे बाइबल यानी ओल्ड टेस्टामेंट में कही कही जिक्र है कि इसे अपवित्र माना गया पर कहीं भी महिलाओं को दूर रखने की बात नहीं है।
बौद्ध धर्म
बौद्ध धर्म की बात करें तो मासिक धर्म के वक्त अपवित्र तो महिलाओं को बिल्कुल भी नहीं मानते, लेकिन इस धर्म की कुछ मान्यताओं के मुताबिक पीरियड्स के वक्त महिलाएं अपने जीवन के कुछ शक्तियों को खो देती हैं। ऐसे में इस दौरान खून पीने वाले भूत-पिशाच उन महिलाओं के पीछे लग सकते हैं और वो आत्माओं के खतरे में होती हैं। वैसे इस धर्म में भी पीरियड्स के दौरान महिलाओं को मंदिर जाने की मनाही होती है।
सिख धर्म
सिख धर्म की बात करें तो सभी धर्मों में से सिर्फ यही एक धर्म है जब महिलाओं को पीरियड्स के वक्त पवित्र माना जाता है और इस दौरान महिलाएं ज्यादा पूजनीय हो जाती हैं। बाबा गुरू नानक देव जी के मुताबिक मां का खून जीवन देने के लिए बेहद जरूरी है ऐसे में ये पवित्र है।