
इजरायल और फिलीस्तीन के बीच जंग जारी है। यूनाइटेड नेशन और तमाम बड़े देशों की अपील का भी कोई असर होता नहीं दिख रहा। गाजा सिटी की कई जगहों पर इजरायल के वॉर प्लेस से हमले किए जा रहे हैं। अमेरिका समेत कई बड़े देश मौजूदा समय में इजरायल के साथ खड़े हैं। भारत की ओर से भी लगातार शांति की अपील की जा रही है। खबरों के मुताबिक अभी तक इन हमलों में 60 लोगों की मौत हो गई है। लेकिन क्या आपको पता है कि इन दोनों देशों के बीच फसाद हुआ क्यों है? आखिर वो कौन सी मस्जिद है जिसके बारे मे जमकर चर्चा हो रही है?
दरअसल, यह सारा फसाद इस्लाम धर्म की तीसरी सबसे पवित्र जगह अल अक्सा मस्जिद (Al Aqsa Masjid) के इर्द गिर्द ही घूम रहा है। इजरायल और फिलिस्तीन की राजधानी येरुशलम मे स्थित यह मस्जिद यूनेस्कों की वर्ल्ड हैरिटेज साइट में शामिल है। बताया जाता है कि इस मस्जिद (Al Aqsa Masjid) को टेंपल माउंट की जगह पर बनाया गया है। इसे इस्लाम धर्म का तीसरा सबसे पवित्र जगह माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पैगंबर मुहम्म्द रात में सफर करके मक्का की अल हरम मस्जिद से येरुशलम के अल अक्सा मस्जिद पहुंचे और वहीं से उन्होंने स्वर्ग का रास्ता तय किया था।
राजधानी जेरुशलम में स्थित यह मस्जिद हमेशा से ही संवेदनशील रही है। यह मस्जिद दोनों देशों के लिए ऐतिहासिक और पारंपरिक अहमियत है। जिसे लेकर लगभग हर साल फिलिस्तीन और इजरायल के बीच में टकराव होता है। दरअसल, 6 मई को जब इजरायल डे मनाया जा रहा था, उसी समय हिंसा शुरु हो गई थी जिसमें कई लोगों की जान गई थी। यह दिन साल 1967 में पूर्वी येरुशलम पर कब्जे को लेकर मनाया जाता है।
इस घटना के कुछ ही समय बाद पूर्वी येरूशलम में स्थित शेख जराह में कई फिलिस्तीनी परिवारों को निकाल दिया गया। साथ ही साथ इजरायली अथॉरिटीज ने अल अक्सा मस्जिद के सबसे महत्वोपूर्ण दमिश्क गेट प्ला जा को भी ब्लॉक कर दिया था। जिसके बाद से बवाल मचना शुरु हो गया और अब दोनों देशों के बीच जंग जारी है।
बता दें, येरुशलम में स्थित अल अक्सा मस्जिद इस्लाम धर्म में मक्का और मदीना के बाद तीसरा सबसे पवित्र स्थल है। इस मस्जिद की सजावट की बात करें तो इसके आंतरिक और बाहरी स्ट्रक्चर को संगमरमर, मेटल और मोजैक की प्लेटों से सजाया गया है। इसमें लगे मोजैक किसी सार्वजनिक इमारत और चर्च के जैसे ही नजर आते हैं लेकिन इसके गुंबद पर जो मोजैक लगा है वह इंसान या जानवर की तस्वीरें को प्रदर्शित करते हैं।
गौरतलब है कि इजरायल-फिलिस्तीन के बीच छिड़ी लड़ाई के बढ़ने की आशंका गहरा गई है। आज आठवें दिन भी हालात वैसे ही बने हुए हैं। तुर्की ने फिलीस्तीन के समर्थन में आवाज उठाते हुए कहा है कि इजरायल के खिलाफ सभी मुस्लिम देश एकजुट होकर जवाब दें।
रूस ने भी तुर्की का साथ देते हुए फिलिस्तीन का समर्थन किया है। जबकि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस इजरायल के समर्थन में आ खड़े हुए हैं। दुनिया के 57 इस्लामिक देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने इजरायल से तत्कालीन गाजा पर हमले रोकने की अपील की है।
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